जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने नियमित अध्यापकों की भर्ती होने तक नौकरी से हटाए गए कुछ सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवाएं लेने की अनुमति मांगी है। बृहस्पतिवार को अतिथि अध्यापकों की पुनर्विचार याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हलफनामा देकर बताया गया कि गेस्ट टीचरों को हटाने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है। कुछ स्थानों पर गेस्ट टीचर हटने के बाद उनकी जगह दूसरी नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसलिए हटाए गए गेस्ट टीचरों में से एसएस टीचरों को इंग्लिश पढ़ाने की अनुमति दी जाए। सरकार ने बेंच को बताया कि टीजीटी इंग्लिश पदों पर रेगुलर टीचरों की भर्ती का विज्ञापन जारी हो गया है। तब तक एसएस पद वाले गेस्ट टीचर इंग्लिश पढ़ाने के लिए चाहिए। बेंच ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आपने यह फैसला कब लिया कि एसएस टीजीटी अब 9वीं व 10वीं क्लास को इंग्लिश पढ़ाएंगे। इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। बेंच ने कोर्ट रूम में बैठे एक गेस्ट टीचर से अंग्रेजी के कुछ सवाल किए जिसके वो सही जवाब नहीं दे पाए। इस पर बेंच ने सरप्लस गेस्ट टीचरों के वकील से सवाल किया कि क्या आप इनसे बच्चों को पढ़वाना पसंद करेंगे। गेस्ट टीचर के वकील ने फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा निशुल्क पढ़ाने के लिए रिटायर्ड टीचर्स/बेरोजगार टीचर्स को मौका देने के संबंध में जारी एक पत्र को भी कोर्ट में दिखाया। बेंच ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार अपनी सुविधानुसार कोर्ट में जवाब देती रहती है और बार-बार पक्ष बदलती रहती है। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस अमित रावल ने ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने नियमित अध्यापकों की भर्ती होने तक नौकरी से हटाए गए कुछ सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवाएं लेने की अनुमति मांगी है। बृहस्पतिवार को अतिथि अध्यापकों की पुनर्विचार याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हलफनामा देकर बताया गया कि गेस्ट टीचरों को हटाने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है। 1 कुछ स्थानों पर गेस्ट टीचर हटने के बाद उनकी जगह दूसरी नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसलिए हटाए गए गेस्ट टीचरों में से एसएस टीचरों को इंग्लिश पढ़ाने की अनुमति दी जाए। सरकार ने बेंच को बताया कि टीजीटी इंग्लिश पदों पर रेगुलर टीचरों की भर्ती का विज्ञापन जारी हो गया है। तब तक एसएस पद वाले गेस्ट टीचर इंग्लिश पढ़ाने के लिए चाहिए। बेंच ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आपने यह फैसला कब लिया कि एसएस टीजीटी अब 9वीं व 10वीं क्लास को इंग्लिश पढ़ाएंगे। इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। बेंच ने कोर्ट रूम में बैठे एक गेस्ट टीचर से अंग्रेजी के कुछ सवाल किए जिसके वो सही जवाब नहीं दे पाए। इस पर बेंच ने सरप्लस गेस्ट टीचरों के वकील से सवाल किया कि क्या आप इनसे बच्चों को पढ़वाना पसंद करेंगे। गेस्ट टीचर के वकील ने फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा निशुल्क पढ़ाने के लिए रिटायर्ड टीचर्स/बेरोजगार टीचर्स को मौका देने के संबंध में जारी एक पत्र को भी कोर्ट में दिखाया। बेंच ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार अपनी सुविधानुसार कोर्ट में जवाब देती रहती है और बार-बार पक्ष बदलती रहती है। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस अमित रावल ने ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
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