चंडीगढ़ : हरियाणा में पंचायत चुनाव हाल-फिलहाल टल जाने के बाद सारी चुनावी गतिविधियां थम गई हैं। अब सबकी निगाह 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। राज्य चुनाव आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट के
फैसले का इंतजार है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के आधार पर ही चुनाव आयोग को नए शेड्यूल के साथ चुनाव कार्यक्रम घोषित करना होगा। तब तक हर जगह सिर्फ पंचायत चुनाव पर ही चर्चा होने के आसार हैं। पेश है राज्य चुनाव आयुक्त राजीव शर्मा से सीधी बातचीत।
0 पंचायत चुनावों को लेकर फिलहाल क्या स्टेट्स है?
- माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 अक्टूबर को जवाब देने के लिए बुला रखा है। दोनों पक्ष इसी दिन अपना जवाब देंगे। उससे पहले चुनाव प्रक्रिया को जारी रख पाना संभव नहीं था।
0 क्या सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया रोकने के आदेश दिए हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव कानून में हुए बदलावों पर रोक लगाई है। पुराने नियमों से चुनाव संभव नहीं थे।
0 क्या पहले भी कभी चुनाव प्रक्रिया बीच में रुकी है?
- मुझे इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। मैं कोई टिप्पणी भी नहीं करना चाहता।
0 क्या राज्य में चुनाव आचार संहिता को भी खत्म मान लिया जाए?
- ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमने चुनाव आचार संहिता को हटाने की बात नहीं की। मुझसे अगर पूछ रहे हैं तो मेरा अधिकारिक बयान यह है कि आचार संहिता होल्ड पर है। इसका मतलब आप जो भी निकाल लें।
0 अभी तक की चुनाव प्रक्रिया पर कितनी धनराशि खर्च हो चुकी होगी?
- चुनाव कार्यक्रम शुरू होने के बाद हर रोज के खर्चे का हिसाब नहीं लगाया जा सकता। यह अनवरत प्रक्रिया है।
0 अभी तक कर्मचारियों ने जितनी भी ड्यूटी दी, क्या उनको उसके भत्ते आदि मिलने वाले हैं?
- इस बारे में अंतिम फैसला अभी होना बाकी है। चूंकि प्रक्रिया ही थम गई तो पहले भुगतान की मुझे कोई संभावना नजर नहीं आ रही।
0 राज्य चुनाव आयोग का अब पूरे मामले में स्टैंड क्या है?
- देखिए, 7 अक्टूबर को जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा, उसके आधार पर नए सिरे से चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। अभी तक जितने भी नामांकन हो चुके, वह अगली बार घोषित होने वाले चुनाव कार्यक्रम में मान्य रहेंगे। सभी नामांकन सुरक्षित रखवा लिए गए हैं।
0 आपको नहीं लगता कि 7 अक्टूबर तक गांवों में पार्टीबाजी बढ़ेगी?
फैसले का इंतजार है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के आधार पर ही चुनाव आयोग को नए शेड्यूल के साथ चुनाव कार्यक्रम घोषित करना होगा। तब तक हर जगह सिर्फ पंचायत चुनाव पर ही चर्चा होने के आसार हैं। पेश है राज्य चुनाव आयुक्त राजीव शर्मा से सीधी बातचीत।
0 पंचायत चुनावों को लेकर फिलहाल क्या स्टेट्स है?
- माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 अक्टूबर को जवाब देने के लिए बुला रखा है। दोनों पक्ष इसी दिन अपना जवाब देंगे। उससे पहले चुनाव प्रक्रिया को जारी रख पाना संभव नहीं था।
0 क्या सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया रोकने के आदेश दिए हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव कानून में हुए बदलावों पर रोक लगाई है। पुराने नियमों से चुनाव संभव नहीं थे।
0 क्या पहले भी कभी चुनाव प्रक्रिया बीच में रुकी है?
- मुझे इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। मैं कोई टिप्पणी भी नहीं करना चाहता।
0 क्या राज्य में चुनाव आचार संहिता को भी खत्म मान लिया जाए?
- ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमने चुनाव आचार संहिता को हटाने की बात नहीं की। मुझसे अगर पूछ रहे हैं तो मेरा अधिकारिक बयान यह है कि आचार संहिता होल्ड पर है। इसका मतलब आप जो भी निकाल लें।
0 अभी तक की चुनाव प्रक्रिया पर कितनी धनराशि खर्च हो चुकी होगी?
- चुनाव कार्यक्रम शुरू होने के बाद हर रोज के खर्चे का हिसाब नहीं लगाया जा सकता। यह अनवरत प्रक्रिया है।
0 अभी तक कर्मचारियों ने जितनी भी ड्यूटी दी, क्या उनको उसके भत्ते आदि मिलने वाले हैं?
- इस बारे में अंतिम फैसला अभी होना बाकी है। चूंकि प्रक्रिया ही थम गई तो पहले भुगतान की मुझे कोई संभावना नजर नहीं आ रही।
0 राज्य चुनाव आयोग का अब पूरे मामले में स्टैंड क्या है?
- देखिए, 7 अक्टूबर को जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा, उसके आधार पर नए सिरे से चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। अभी तक जितने भी नामांकन हो चुके, वह अगली बार घोषित होने वाले चुनाव कार्यक्रम में मान्य रहेंगे। सभी नामांकन सुरक्षित रखवा लिए गए हैं।
0 आपको नहीं लगता कि 7 अक्टूबर तक गांवों में पार्टीबाजी बढ़ेगी?
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