लोक सेवा आयोग की भर्तियों में विवादों का पिटारा अनिल यादव के जाने के बाद भी खुल रहा है। सोमवार को जारी किए गए पीसीएस के रिजल्ट पर भी प्रतियोगी छात्रों ने जाति विशेष को इंटरव्यू में अधिक नंबर देने का
आरोप लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रतियोगी छात्रों ने इस परीक्षा से जुड़े हर वर्ग के अभ्यर्थियों का डाटा निकाल लिया है और इसे आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच वाली याचिका में सप्लीमेंट्री के रूप में दाखिल करने की तैयारी में हैं।
आयोग ने पीसीएस 2014 की कटऑफ लिस्ट जारी होने की सूचना सोमवार को दी थी। मंगलवार से कटऑफ लिस्ट और मार्कशीट आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। प्रतियोगी छात्रों ने जब अलग-अलग वर्ग के छात्रों को इंटरव्यू में मिले नंबरों का मिलान शुरू किया तो उनकी आंखें खुली रह गईं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अयोध्या सिंह ने बताया कि पीसीएस टॉपर विवेक कुमार यादव को इंटरव्यू में 139 नंबर दिए गए हैं। विवेक को मेंस में सिर्फ 1065 नंबर मिले हैं। वहीं इस लिस्ट में नीचे दिनेश त्रिपाठी को मेंस में 1077 नंबर और इंटरव्यू में 117 नंबर मिले हैं। टॉपर से मेंस में 12 नंबर अधिक पाने के बावजूद दिनेश लिस्ट में काफी नीचे हैं।
समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने आरोप लगाया कि अनिल यादव के इशारे पर इंटरव्यू में एक खास जाति के लोगों को 136 से लेकर 139 नंबर तक दिए गए। जबिक इंटरव्यू में कम से कम 80 और अधिक से अधिक 140 नंबर देने का नियम है। टॉपर को इंटरव्यू में अधिकतम सीमा से सिर्फ एक नंबर कम दिए गए हैं। स्केलिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। पीसीएस 2014 परीक्षा का आयोजन 589 पदों पर नियुक्ति के लिए किया गया था। इसमें डिप्टी कलेक्टर के 48 और डिप्टी एसपी के 92 पद भी शामिल हैं।
ओटीपी हटने से बढ़ी पारदर्शिता
अनिल यादव ने नवंबर 2014 में वन टाइम पासवर्ड सिस्टम लागू कर दिया था। इससे परीक्षार्थी अपना नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर डेट ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर देने के बाद ओटीपी प्राप्त करता था। इसी ओटीपी के जरिए वह अपनी मार्कशीट देख सकता था। अब ओटीपी सिस्टम हटने के बाद अभ्यर्थी दूसरों की मार्कशीट भी देख सकता है। इससे रिजल्ट में पारदर्शिता बढ़ी है। अनिल यादव के जाने के बाद आयोग का यह पहला सुधारात्मक कदम माना जा रहा है।
एक वर्ष बाद जारी हुआ पीसीएस जे का नंबर
पीसीएस जे 2013 की मार्कशीट मंगलवार को आयोग ने जारी की। जबकि इसका परिणाम 21 अक्टूबर 2014 को जारी किया गया था। एक वर्ष तक न तो इसकी कटऑफ जारी की गई न ही मार्कशीट। दो दिन पहले ही हाई कोर्ट ने लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा 2013 का कटऑफ जारी न किए जाने पर आयोग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी
आरोप लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रतियोगी छात्रों ने इस परीक्षा से जुड़े हर वर्ग के अभ्यर्थियों का डाटा निकाल लिया है और इसे आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच वाली याचिका में सप्लीमेंट्री के रूप में दाखिल करने की तैयारी में हैं।
आयोग ने पीसीएस 2014 की कटऑफ लिस्ट जारी होने की सूचना सोमवार को दी थी। मंगलवार से कटऑफ लिस्ट और मार्कशीट आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। प्रतियोगी छात्रों ने जब अलग-अलग वर्ग के छात्रों को इंटरव्यू में मिले नंबरों का मिलान शुरू किया तो उनकी आंखें खुली रह गईं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अयोध्या सिंह ने बताया कि पीसीएस टॉपर विवेक कुमार यादव को इंटरव्यू में 139 नंबर दिए गए हैं। विवेक को मेंस में सिर्फ 1065 नंबर मिले हैं। वहीं इस लिस्ट में नीचे दिनेश त्रिपाठी को मेंस में 1077 नंबर और इंटरव्यू में 117 नंबर मिले हैं। टॉपर से मेंस में 12 नंबर अधिक पाने के बावजूद दिनेश लिस्ट में काफी नीचे हैं।
समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने आरोप लगाया कि अनिल यादव के इशारे पर इंटरव्यू में एक खास जाति के लोगों को 136 से लेकर 139 नंबर तक दिए गए। जबिक इंटरव्यू में कम से कम 80 और अधिक से अधिक 140 नंबर देने का नियम है। टॉपर को इंटरव्यू में अधिकतम सीमा से सिर्फ एक नंबर कम दिए गए हैं। स्केलिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। पीसीएस 2014 परीक्षा का आयोजन 589 पदों पर नियुक्ति के लिए किया गया था। इसमें डिप्टी कलेक्टर के 48 और डिप्टी एसपी के 92 पद भी शामिल हैं।
ओटीपी हटने से बढ़ी पारदर्शिता
अनिल यादव ने नवंबर 2014 में वन टाइम पासवर्ड सिस्टम लागू कर दिया था। इससे परीक्षार्थी अपना नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर डेट ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर देने के बाद ओटीपी प्राप्त करता था। इसी ओटीपी के जरिए वह अपनी मार्कशीट देख सकता था। अब ओटीपी सिस्टम हटने के बाद अभ्यर्थी दूसरों की मार्कशीट भी देख सकता है। इससे रिजल्ट में पारदर्शिता बढ़ी है। अनिल यादव के जाने के बाद आयोग का यह पहला सुधारात्मक कदम माना जा रहा है।
एक वर्ष बाद जारी हुआ पीसीएस जे का नंबर
पीसीएस जे 2013 की मार्कशीट मंगलवार को आयोग ने जारी की। जबकि इसका परिणाम 21 अक्टूबर 2014 को जारी किया गया था। एक वर्ष तक न तो इसकी कटऑफ जारी की गई न ही मार्कशीट। दो दिन पहले ही हाई कोर्ट ने लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा 2013 का कटऑफ जारी न किए जाने पर आयोग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी
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