संवाद सहयोगी, घरौंडा : कालरम गांव में राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को बंद कर छात्राओं को राजकीय प्राथमिक पाठशाला में भेजने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कन्या स्कूल को बंद करने के विरोध में ग्रामीणों ने प्राइमरी स्कूल में पहुंच कर स्कूल प्रशासन व अधिकारियों के खिलाफ जमकर बवाल काटा। ग्रामीणों ने
चेताया कि वे किसी भी कीमत पर कन्या स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो वह धरना प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट करने आदेशों की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली तो वह एकत्रित होकर की कन्या स्कूल की छात्राओं के अभिभावक प्राइमरी स्कूल में पहुंच गए और उन्होंने स्कूल में जमकर बवाल काटा। गुस्साए ग्रामीणों ने प्राइमरी व हाई स्कूल की घंटी बजाकर छुट्टी करवा दी। छात्राओं के अभिभावकों का आरोप है कि कन्या स्कूल के छात्राओं के अभिभावकों ने प्राइमरी स्कूल की छात्राओं के साथ मारपीट भी की।
मुख्य अध्यापक की मिलीभगत से हो रहा विवाद
गांव के पूर्व सरपंच नरेंद्र राणा, भूपेंद्र, रूपेंद्र व रामभूल ने बताया कि गांव की छोटी छात्राएं कन्या स्कूल में पढ़ती हैं। लेकिन अब उनके स्कूल को बंद किया जा रहा हैं। प्राइमरी स्कूल उनके घरों से काफी दूर पड़ता है, जिस कारण उनके बच्चे पैदल वहां तक नहीं जा सकते और यह सारा मामला स्कूल के मुख्य अध्यापक खुशीराम की शह पर हो रहा है। जिसको वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे पहले भी स्कूल के हेड मास्टर द्वारा कन्या स्कूल के बच्चों को अपने स्कूल में दाखिला लेने का दबाव बनाया था ताकि कन्या स्कूल बंद हो सके।
क्या कहते हैं मुख्य अध्यापक
राजकीय प्राथमिक पाठशाला के मुख्य अध्यापक खुशीराम ने बताया कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग की हुई बैठक उन्हें राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला के बच्चे अपने स्कूल में बैठाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। सोमवार को कुछ ग्रामीण स्कूल में पहुंचे और जमकर बवाल काटा। जिसकी शिकायत उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कर दी हैं।
संख्या कम होने से किया स्थानांतरण
प्राथमिक खंड शिक्षा अधिकारी महाबीर ¨सह ने बताया कि राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में करीब 35 छात्राएं हैं जोकि काफी कम हैं और इस स्कूल में दो अध्यापिकाएं कार्यरत हैं। गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में करीब 100 बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। जिसमे अधिक छात्राएं हैं। जिसको लेकर विभाग ने राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को बंद कर प्राइमरी स्कूल में स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए हैं।
ओएसडी से मिली पंचायत
शिक्षा विभाग की ओर से कन्या स्कूल के बंद करने के विरोध में गांव के पूर्व सरपंच नरेंद्र राणा की अगुवाई में ग्रामीण सोमवार को ही करनाल में ओएसडी अमरेंद्र ¨सह से मिले और पूरी स्थिति के बारे में अवगत कराया। पंचायत ने कहा कि कन्या स्कूल को बंद नहीं किया जाए।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
चेताया कि वे किसी भी कीमत पर कन्या स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो वह धरना प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट करने आदेशों की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली तो वह एकत्रित होकर की कन्या स्कूल की छात्राओं के अभिभावक प्राइमरी स्कूल में पहुंच गए और उन्होंने स्कूल में जमकर बवाल काटा। गुस्साए ग्रामीणों ने प्राइमरी व हाई स्कूल की घंटी बजाकर छुट्टी करवा दी। छात्राओं के अभिभावकों का आरोप है कि कन्या स्कूल के छात्राओं के अभिभावकों ने प्राइमरी स्कूल की छात्राओं के साथ मारपीट भी की।
मुख्य अध्यापक की मिलीभगत से हो रहा विवाद
गांव के पूर्व सरपंच नरेंद्र राणा, भूपेंद्र, रूपेंद्र व रामभूल ने बताया कि गांव की छोटी छात्राएं कन्या स्कूल में पढ़ती हैं। लेकिन अब उनके स्कूल को बंद किया जा रहा हैं। प्राइमरी स्कूल उनके घरों से काफी दूर पड़ता है, जिस कारण उनके बच्चे पैदल वहां तक नहीं जा सकते और यह सारा मामला स्कूल के मुख्य अध्यापक खुशीराम की शह पर हो रहा है। जिसको वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे पहले भी स्कूल के हेड मास्टर द्वारा कन्या स्कूल के बच्चों को अपने स्कूल में दाखिला लेने का दबाव बनाया था ताकि कन्या स्कूल बंद हो सके।
क्या कहते हैं मुख्य अध्यापक
राजकीय प्राथमिक पाठशाला के मुख्य अध्यापक खुशीराम ने बताया कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग की हुई बैठक उन्हें राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला के बच्चे अपने स्कूल में बैठाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। सोमवार को कुछ ग्रामीण स्कूल में पहुंचे और जमकर बवाल काटा। जिसकी शिकायत उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कर दी हैं।
संख्या कम होने से किया स्थानांतरण
प्राथमिक खंड शिक्षा अधिकारी महाबीर ¨सह ने बताया कि राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में करीब 35 छात्राएं हैं जोकि काफी कम हैं और इस स्कूल में दो अध्यापिकाएं कार्यरत हैं। गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में करीब 100 बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। जिसमे अधिक छात्राएं हैं। जिसको लेकर विभाग ने राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को बंद कर प्राइमरी स्कूल में स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए हैं।
ओएसडी से मिली पंचायत
शिक्षा विभाग की ओर से कन्या स्कूल के बंद करने के विरोध में गांव के पूर्व सरपंच नरेंद्र राणा की अगुवाई में ग्रामीण सोमवार को ही करनाल में ओएसडी अमरेंद्र ¨सह से मिले और पूरी स्थिति के बारे में अवगत कराया। पंचायत ने कहा कि कन्या स्कूल को बंद नहीं किया जाए।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment