भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि वे हरियाणा पुलिस का सम्मान करते हैं और उन्हें पुलिस कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं है। सांसद ने कहा कि हरियाणा पुलिस कम वेतन में चौबीस घंटे काम करती है। सांसद सैनी आज
अपने कुरुक्षेत्र आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश और प्रदेश की संवैधानिक सरकार और पंजाबी मुख्यमंत्री को पचा नहीं पा रहे हैं। वे अनर्गल बयानबाजी कर आम जनता को भ्रमित कर रहे हैं। सैनी के मुताबिक, अब तक पांच जाट मुख्यमंत्री रहे हैं। अब मनोहर लाल खट्टर लोकतांत्रिक तरीके से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। तब हमने स्वीकार किया था, अब ये लोग स्वीकार करें। सांसद ने कहा कि मैंने अपनी सैलरी के विषय में बात कही थी कि सातवें वेतन आयोग से डिफ्रेंस पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। सांसद ने कहा कि देश के नब्बे प्रतिशत लोग असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं उनका सातवां वेतन आयोग कहां चला गया। राजकुमार ने कहा कि ये मेरे अपने विचार थे। प्रदेश सरकार को दस में से पांच अंक देने के बयान पर सैनी ने कहा कि असल में मैंने ये कहा था कि बिगड़े हुए ढांचे को एक साल में हम सही नहीं कर सकते। सांसद ने कहा कि उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार को व्यवस्था परिर्वतन करने में वक्त लगेगा।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
सातवें वेतन आयोग के नहीं वेतन असंतुलन के खिलाफ’
संवाद सहयोगी, पिपली (कुरुक्षेत्र) : भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने पूर्व में दिए अपने बयान पर यू-टर्न लेते हुए कहा कि वे हरियाणा पुलिस का सम्मान करते हैं। उनके बयान को तोड़- मरोड़ कर पेश किया गया, जबकि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। उन्होंने तो सातवें वेतन आयोग में असुरक्षित कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग बनाने की मांग की थी। हरियाणा पुलिस कम वेतन में 24 घंटे काम करती है और पुलिस कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने में उन्हें कोई एतराज नहीं है। 1सांसद शनिवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पाकिस्तानी कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन लोगों के पेट में बेवजह दर्द हो रहा है। पंजाबी मुख्यमंत्री को वे पचा नहीं पा रहे हैं। पूर्व में दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारों ने उनसे सांसद के वेतन बढ़ाने के बारे में सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि वेतन आयोग से अंतर पैदा होगा। आज कर्मचारियों के वेतन में जो अंतर है वह आने वाले समय में और ज्यादा बढ़ेगा। उनके बयान से अगर किसी कर्मचारी को भावनाएं आहत हुई हैं तो वे इस पर खेद जताते हैं। उन्होंने कहा कि देश के 90 प्रतिशत लोग गैर सुरक्षित क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनके लिए भी वेतन आयोग गठित होना चाहिए। यह विचार उनके अपने थे। कुछ लोग जानबूझ कर इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। मेरा बयान देने का तात्पर्य मात्र इतना था कि असुरक्षित कर्मचारियों को भी उनका हक मिलना चाहिए। पंजाब सरकार के समान वेतनमान दिए जाने वाले मामले में उन्होंने किसी पुलिस कर्मचारी व अन्य कर्मचारी का मजाक नहीं उड़ाया था। प्रदेश सरकार को दस में से पांच अंक देने के सवाल पर सांसद ने कहा कि इसका भी गलत अर्थ निकालकर राजनीति करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा था कि 60 वर्ष से देश का ढांचा बिगड़ा हुआ है। उसे हम एक वर्ष में कैसे ठीक कर सकते हैं। इसमें लंबा समय लगेगा। अभी सरकार के चार वर्ष बकाया हैं। इसके बाद सरकार दस नंबर लेकर मैरिट से पास होगी। एक वर्ष में केंद्र व प्रदेश सरकार ने अनेक ऐसे कार्य किए हैं जो अन्य सरकारें नहीं कर पाईं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता व कार्यकुशलता के चलते ही विश्व में भारत की साख उभरी है। 1सांसद ने कहा कि वे जाट आरक्षण के पक्ष में हैं पर जाटों को अन्य पिछड़े वर्ग के 27 प्रतिशत में से आरक्षण देने के खिलाफ हैं। उन्होंने संख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि एक बार जिसको आरक्षण का लाभ मिले, उसे दोबारा इसका लाभ नहीं दिया जाना चाहिए
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