सुरेंद्र भारद्वाज |जींद। सेना भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गांव, जाति और धर्म बदलकर 47 युवा सिलेक्ट हो गए, लेकिन ट्रेनिंग पर जाने से पहले इनकी पोल खुल गई। जांच में इनके निवास, धर्म-जाति, शिक्षा व खेल संबंधी प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। सेना ने फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। असली प्रमाणपत्र पेश करने के लिए जिला प्रशासन ने ऐसे युवाओं को नोटिस जारी किया है। इसके पीछे किसी बड़े रैकेट का हाथ हो सकता है।
जुलाई में सेना ने सिख रेजीमेंट खुली भर्ती के लिए हिसार में रैली आयोजित की थी। भर्ती सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद के युवाओं के लिए भी थी। खुली भर्ती के मुकाबले रेजीमेंट की भर्ती में प्रतिभागी कम होते हैं। इसलिए प्रतिस्पर्धा का स्तर कम रहता है। फर्जीवाड़े की यही वजह बनी। खासकर हरियाणा में जहां जट सिख कम तादाद में हैं। फर्जीवाड़े के मामले सबसे ज्यादा जींद और फतेहाबाद जिले के हैं। धर्म संबंधी प्रमाण पत्र पंजाब के बठिंडा और संगरूर से बनवाए गए। फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में 2 से 4 लाख रुपए तक खर्च किए गए। भास्कर ने जींद, सिरसा और फतेहाबाद के 10 गांवों में पड़ताल की। सरपंच, नंबरदार और पटवारियों से पूछा- कैसे बने फर्जी प्रणाम पत्र।
ये 15 युवक जो जाट हिंदू से कागजों में बन गए जट सिख
नाम पिता का नाम गांव
कुलबीर सिंह बलवंत सिंह खरल
विक्रम सिंह संतराज खरल
मनीष रामकिशन खरल
मनजीत सिंह गुरदीप सिंह रसीदां
अनिल राजेंद्र ढाकल
प्रदीप कर्मबीर ढाकल
प्रवीन कुमार जयनारायण ढाकल
रामकेश वेदप्रकाश ढाकल
विक्रम सिंह विरजभान बेलरखां
कपिल रमेश कुमार बेलरखां
कपिल राजबीर बेलरखां
जोगेंद्र सिंह ईश्वर सिंह बडनपुर
दरवेश सुभाष धमतान साहिब
सुशील कुमार जोगीराम सिंगवाल
सोनू जयसिंह सुदकैन खुर्द
फर्जीवाड़े में फतेहाबाद के टोहाना के अक्षय कुमार, अजय, अमरजीत, अमित, संदीप, कुलदीप, हरदयाल, मंजीत चौबरा निवासी कौशल, फतेपुरी निवासी खुशीराम, कन्हड़ी निवासी प्रदीप, सोनू, समैण निवासी अंकित और राकेश, भूना निवासी सचिन, फतेहाबाद निवासी विकास, सिरसा शहर के संदीप व रोहित, रोहन निवासी पंकज व मंजीत, रोड़ी निवासी मंजीत व सुनील और हिसार जिले के डाया निवासी अमवीर,जगदीश, हांसी निवासी सुनील, जेवरा निवासी सुनील, किन्नर निवासी बलजिंद्र व रिजढ़ान निवासी मंजीत शामिल हैं।
सरपंच बोले- बाद में लगा ली मुहर, साइन भी गलत
ढाकल गांव के निवर्तमान सरपंच रामबीर ने कहा कि गांव के जिन चार युवकों ने जट सिख होने के प्रमाण पत्र बनवाए हैं, उनकी मैंने कोई तस्दीक नहीं की। वे फार्म पर घरवालों से मुहर लगवा ले गए और फर्जी साइन कर लिए। वहीं धमतान साहिब गांव के निवर्तमान सरपंच रंगीराम ने बताया कि उनके गांव में कोई भी जट सिख परिवार नहीं है। जब पटवारी और कानूनगो जांच करने आए तब मुझे पता चला कि गांव के युवक ने जट सिख होने का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसी तरह बेलरखां गांव के निवर्तमान सरपंच राजेश का भी कहना है कि गांव में कोई जट सिख नहीं है। इन्हें भी बाद में पता चला कि गांव के तीन युवकों ने जट सिख का जाली प्रमाण पत्र बनवाया है।
जिस गांव में जट सिख हैं, उसी का निवास बनवाया
जींद के नरवाना उपमंडल के अलग-अलग गांवाें के 19 युवकों ने गांव, जाति और धर्म बदलने संबंधी फर्जी कागजात तैयार कराए। धर्म बदलने वाले चार युवाओं ने तो अपने गांव भी बदल लिए। निवास के लिए नेहरा गांव चुना, जहां जट सिख रहते हैं। ताकि किसी को शक न हो। पहले गांव के सरपंच व नंबरदार को अपने विश्वास में लिया फिर कंप्यूटर से फर्जी आधार कार्ड तैयार किया। फार्म पर सरपंच व नंबरदार की तस्दीक करा फर्जी आधार दिखाकर पटवारी की रिपोर्ट करा ली। तहसील से जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र बनवा लिया। जिन युवकों के गांव सही हैं, उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच व नंबरदार के फर्जी मुहर और साइन बना लिए। तहसील में जट सिख होने का प्रमाण दिखाने के लिए पंजाब के भठिंडा और संगरूर जैसे शहरों के गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लेटरपैड पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए। नेहरा गांव का फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगाने वालों में जींद के अमरगढ़ गांव का नवीन पुत्र कृष्ण, खरड़वाल गांव का संदीप पुत्र सतपाल व मनीम पुत्र महावीर तथा कलौदा गांव का दरवेश पुत्र दिलबाग शामिल हैं। अब तहसीलदार ने जट सिख होने का प्रमाण पत्र बनाने वाले जींद के सभी 19 परीक्षार्थियों को अपना धर्म साबित करने के लिए कहा है। प्रशासन का रवैया भी ढीला है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस भेजकर इतिश्री।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
जुलाई में सेना ने सिख रेजीमेंट खुली भर्ती के लिए हिसार में रैली आयोजित की थी। भर्ती सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद के युवाओं के लिए भी थी। खुली भर्ती के मुकाबले रेजीमेंट की भर्ती में प्रतिभागी कम होते हैं। इसलिए प्रतिस्पर्धा का स्तर कम रहता है। फर्जीवाड़े की यही वजह बनी। खासकर हरियाणा में जहां जट सिख कम तादाद में हैं। फर्जीवाड़े के मामले सबसे ज्यादा जींद और फतेहाबाद जिले के हैं। धर्म संबंधी प्रमाण पत्र पंजाब के बठिंडा और संगरूर से बनवाए गए। फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में 2 से 4 लाख रुपए तक खर्च किए गए। भास्कर ने जींद, सिरसा और फतेहाबाद के 10 गांवों में पड़ताल की। सरपंच, नंबरदार और पटवारियों से पूछा- कैसे बने फर्जी प्रणाम पत्र।
ये 15 युवक जो जाट हिंदू से कागजों में बन गए जट सिख
नाम पिता का नाम गांव
कुलबीर सिंह बलवंत सिंह खरल
विक्रम सिंह संतराज खरल
मनीष रामकिशन खरल
मनजीत सिंह गुरदीप सिंह रसीदां
अनिल राजेंद्र ढाकल
प्रदीप कर्मबीर ढाकल
प्रवीन कुमार जयनारायण ढाकल
रामकेश वेदप्रकाश ढाकल
विक्रम सिंह विरजभान बेलरखां
कपिल रमेश कुमार बेलरखां
कपिल राजबीर बेलरखां
जोगेंद्र सिंह ईश्वर सिंह बडनपुर
दरवेश सुभाष धमतान साहिब
सुशील कुमार जोगीराम सिंगवाल
सोनू जयसिंह सुदकैन खुर्द
फर्जीवाड़े में फतेहाबाद के टोहाना के अक्षय कुमार, अजय, अमरजीत, अमित, संदीप, कुलदीप, हरदयाल, मंजीत चौबरा निवासी कौशल, फतेपुरी निवासी खुशीराम, कन्हड़ी निवासी प्रदीप, सोनू, समैण निवासी अंकित और राकेश, भूना निवासी सचिन, फतेहाबाद निवासी विकास, सिरसा शहर के संदीप व रोहित, रोहन निवासी पंकज व मंजीत, रोड़ी निवासी मंजीत व सुनील और हिसार जिले के डाया निवासी अमवीर,जगदीश, हांसी निवासी सुनील, जेवरा निवासी सुनील, किन्नर निवासी बलजिंद्र व रिजढ़ान निवासी मंजीत शामिल हैं।
सरपंच बोले- बाद में लगा ली मुहर, साइन भी गलत
ढाकल गांव के निवर्तमान सरपंच रामबीर ने कहा कि गांव के जिन चार युवकों ने जट सिख होने के प्रमाण पत्र बनवाए हैं, उनकी मैंने कोई तस्दीक नहीं की। वे फार्म पर घरवालों से मुहर लगवा ले गए और फर्जी साइन कर लिए। वहीं धमतान साहिब गांव के निवर्तमान सरपंच रंगीराम ने बताया कि उनके गांव में कोई भी जट सिख परिवार नहीं है। जब पटवारी और कानूनगो जांच करने आए तब मुझे पता चला कि गांव के युवक ने जट सिख होने का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसी तरह बेलरखां गांव के निवर्तमान सरपंच राजेश का भी कहना है कि गांव में कोई जट सिख नहीं है। इन्हें भी बाद में पता चला कि गांव के तीन युवकों ने जट सिख का जाली प्रमाण पत्र बनवाया है।
जिस गांव में जट सिख हैं, उसी का निवास बनवाया
जींद के नरवाना उपमंडल के अलग-अलग गांवाें के 19 युवकों ने गांव, जाति और धर्म बदलने संबंधी फर्जी कागजात तैयार कराए। धर्म बदलने वाले चार युवाओं ने तो अपने गांव भी बदल लिए। निवास के लिए नेहरा गांव चुना, जहां जट सिख रहते हैं। ताकि किसी को शक न हो। पहले गांव के सरपंच व नंबरदार को अपने विश्वास में लिया फिर कंप्यूटर से फर्जी आधार कार्ड तैयार किया। फार्म पर सरपंच व नंबरदार की तस्दीक करा फर्जी आधार दिखाकर पटवारी की रिपोर्ट करा ली। तहसील से जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र बनवा लिया। जिन युवकों के गांव सही हैं, उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच व नंबरदार के फर्जी मुहर और साइन बना लिए। तहसील में जट सिख होने का प्रमाण दिखाने के लिए पंजाब के भठिंडा और संगरूर जैसे शहरों के गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लेटरपैड पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए। नेहरा गांव का फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगाने वालों में जींद के अमरगढ़ गांव का नवीन पुत्र कृष्ण, खरड़वाल गांव का संदीप पुत्र सतपाल व मनीम पुत्र महावीर तथा कलौदा गांव का दरवेश पुत्र दिलबाग शामिल हैं। अब तहसीलदार ने जट सिख होने का प्रमाण पत्र बनाने वाले जींद के सभी 19 परीक्षार्थियों को अपना धर्म साबित करने के लिए कहा है। प्रशासन का रवैया भी ढीला है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस भेजकर इतिश्री।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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