शिक्षाविभाग की लापरवाही से राजकीय स्कूलों में मिड डे मील बनाने में व्यक्तिगत स्वच्छता एवं साफ सफाई के प्रति उपरोक्त मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। विभाग ने अभी तक मिड डे मील बनाने वाली कुक को एपरन उपलब्ध नहीं
करवाए हैं। जिसके कारण कुक बिना एपरन पहने ही खाना तैयार करती है। केंद्र सरकार ने राजकीय स्कूलों में मिड डे मील योजना शुरू की थी। जिसके तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिड मील दिया जाता है। मिड डे मील स्कूलों में स्वयं सहायता समूह की कुक तैयार करती है। जिले में 1289 कुक राशन तैयार करती है।
तीन साल पहले उपलब्ध करवाने थे एपरन
स्कूलों में मिड डे मील तैयार करने के लिए कुक को दो साल पहले एपरन देने की घोषणा की थी। कुक के एपरन पहने होने से अगर किसी कुक के कोई बीमारी है तो इससे विद्यार्थियों को संक्रमित होने का खतरा नहीं रहेगा। विभाग ने चेकअप करवाने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए गए थे। जिसके लिए प्रदेश में कार्यरत कुक की संख्या मांगी थी। मगर विभाग द्वारा उपलब्ध एपरन नहीं दिए जाने पर अब कुक बिना एपरन ही मिड डे मील तैयार कर रही है। कुक रेशमा, सावित्री ने कहा कि विभाग द्वारा कुक को एप्रेरण नहीं दिए गए हैं। ऐसे में मिड डे मील बिना एपरन के ही तैयार करन
आने वाले हैं
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा मिड डे मील पकाने वाली कुक को एपरन दिए जाने थे। मगर विभाग ने अभी तक भेज नहीं है। जल्द ही आने के उम्मीद है।
ये है नियम
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