नटवरलालों ने फर्जी तरीके से शुरू की खुफिया कर्मियों की भर्ती!
रणबीर धानियां, धनौरी : देश में नटवर लालों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय के समानांतर मंत्रालय खड़ा करने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। रातों-रात इंडिया वेलफेयर एसोसिएशन का गठन कर बकायदा खुफिया एजेंसी की भर्ती भी शुरू की कर गई है। इस संदर्भ में बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी कर पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखने के निर्देश जारी किए हैं। देश की सुरक्षा पर खतरा बने इस मामले की कलई उस समय खुली कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एक छात्र को नियुक्ति पत्र मिला।दैनिक जागरण को किए खुलासे में सुनील राठी ने बताया कि 7 जनवरी को उसे डाक के माध्यम से कुछ दस्तावेज मिले। जब उसने इन्हें खोला तो उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भारत के केंद्रीय खुफिया विभाग, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर 22-बी ब्लाक, चाणक्यपुरी नई दिल्ली की तरफ से दस्तावेजों में नियुक्ति पत्र मिला। मुख्य निदेशक द्वारा जारी इस पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि भारत सरकार की नई गठित इंडिया वेल्फेयर एसोसिएशन खुफिया एजेंसी द्वारा आपका चयन छह माह के लिए कर लिया गया है। मासिक वेतन के रूप में 32500 रुपए व विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप आचरण सही पाए जाने पर 62 वर्ष की आयु तक भारत सरकार के केन्द्रीय खुफिया विभाग में सिपाही के तौर पर सेवाएं देने का कहा गया।
उसके होश उस समय उड़ गए जब पत्र में सख्त निर्देश था कि यह बेहद खुफिया एवं व्यक्तिगत है। इसकी गोपनीयता को भंग न करें। बताया किया कि सभी चयनित उम्मीदवारों को विशेष प्रशिक्षण के लिए दिल्ली आमंत्रित किया जाएगा एवं विभाग के ट्रेनर भारत की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी से संबंध रखते हैं। इसलिए प्रत्येक उम्मीदवार का ट्रे¨नग में उपस्थित होना अनिवार्य है।
युवाओं को दिखाया जा
रहा कार्रवाई का भय
नियुक्ति पत्र में ये सख्त निर्देश है कि यदि कोई भी उम्मीदवार ट्रे¨नग बीच में छोड़कर जानकारी सार्वजनिक करता पाया गया तो कानूनी कार्रवाई के साथ 11 हजार रुपए पूर्व में जमा करवाए जाने वाले शुल्क को जुर्माने के तौर पर जब्त कर लिया जाएगा। 11 हजार रुपए की एडवांस अदायगी केवल नकद बैंक द्वारा की जानी है।
मानदंडों पर खरा उतरने वाले सिपाही यह राशि 15 दिन के प्रशिक्षण के उपरांत रसीद दिखाकर हासिल कर सकते हैं। इसके मद्देनजर भावी सिपाही यह सुनिश्चित कर लें कि 11 हजार रुपए देने में सक्षम हैं या नहीं। यदि नहीं तो दस्तावेजों को तुरंत नष्ट कर दें। बावजूद इसके यदि कोई इस संदर्भ में जानकारी साझा करता पाया गया तो खुफिया विभाग कड़ा संज्ञान लेगा।
यूं खुली फर्जीवाडे़ की पोल
केंद्रीय गृह मंत्रालय के नाम पर इस प्रकार के तथ्यों को पढ़ने के उपरांत सुनील राठी को यह समझने में देर न लगी कि नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा है क्योंकि इस प्रकार का कोई मंत्रालय देश में नहीं है। न ही सरकार द्वारा कोई रिक्तियां इस प्रकार की घोषित की गई। कायदे से एसएससी व दूसरे आयोगों के माध्यम से परीक्षाएं और चयन प्रक्रिया पूरी की जाती है, लेकिन जो नियुक्ति पत्र भेजे गए है उनमें ऐसा कोई जिक्र नहीं।
होगी त्वरित कार्रवाई : एसपीजिला पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी ने बताया कि युवा रोजगार के नाम पर किसी के झांसे में न आए। नियुक्ति पत्र, रोल नंबर व अन्य तथ्यों को गंभीरता से जांचे। यदि कोई किसी तरह की ब्लैकमे¨लग करता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करे। इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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