जाट आरक्षण के मुद्दे पर सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीरवार देर शाम मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में जाटों के आरक्षण की मांग संबंधी आंदोलन से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जाटों के आरक्षण की मांग के मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए शुक्रवार को सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने आंदोलनकारी जाटों से प्रदेश के व्यापक हित में अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर कुछ आंदोलनकारी जाटों के साथ बैठक की थी और उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए आरक्षण कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। उन्होंने वार्षिक आय सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की भी घोषणा की थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
धनखड़ ने कहा कि इसके अलावा सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के मुद्दे के सभी पहलुओं का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए एक कमेटी का पहले ही गठन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कमेटी को आगामी 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था, फिर भी मुख्यमंत्री ने उन्हें आगामी हरियाणा विधानसभा सत्र से पूर्व रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
धनखड़ ने कहा कि प्रशासन और पुलिस किसी भी अवांछित घटना से निपटने के लिए सतर्क है और सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं।
बहरहाल, उन्होंने आंदोलनकारियों से अपना आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, विशेष रूप से एलपीजी, पेट्रोल और एंबुलेंस सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, जिससे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।www.facebook.com/teacherharyana
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(Recruitment , vacancy , job , news)उन्होंने बताया कि जाटों के आरक्षण की मांग के मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए शुक्रवार को सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने आंदोलनकारी जाटों से प्रदेश के व्यापक हित में अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर कुछ आंदोलनकारी जाटों के साथ बैठक की थी और उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए आरक्षण कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। उन्होंने वार्षिक आय सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की भी घोषणा की थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
धनखड़ ने कहा कि इसके अलावा सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के मुद्दे के सभी पहलुओं का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए एक कमेटी का पहले ही गठन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कमेटी को आगामी 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था, फिर भी मुख्यमंत्री ने उन्हें आगामी हरियाणा विधानसभा सत्र से पूर्व रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
धनखड़ ने कहा कि प्रशासन और पुलिस किसी भी अवांछित घटना से निपटने के लिए सतर्क है और सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं।
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