JBT court case


New selected jbt court case next date 18.03.2016
नव चयनित JBT का कोर्ट से छूटा पीछा । कोर्ट ने मान लिया की SSC के अधिकारियो द्वारा दिए गए हल्फ़नामो के अनुसार भर्ती सही है। अब सारा वही रिकॉर्ड जो SSC ने कोर्ट में पेश किया है उसको सही मानते हुए फैसला दे दिया जायेगा । अब केवल ओप्चारिक्ताये रह गई है । SSC का कंप्यूटर जिसमे सारा रिकॉर्ड है वो और पैन ड्राइव जिससे इस कंप्यूटर में रिकॉर्ड डाला गया था इन दोनों को CFSL में जाँच के लिए भेजा जायेगा । दोनों का रिकॉर्ड सही है।आपकी नियुक्ति तय हो गई है। सारे विरोधी चारो खाने चीत। सच्चाई की जीत होंगी। आपकी नियुक्ति होने में थोडा इन्तजार करना पड़ेगा बस। जल्द से जल्द आएगी CFSL की मिलान रिपोर्ट। आप चिंता ना करे। कोर्ट की कार्यवाही हो चुकी है पूरी। हम भगवान् के आशीर्वाद और सरकार के सहयोग से ही हम जीत रहे हैँ । 18 मार्च को आएगा फैसला। जज साहिबा ने आज सभी विपक्षी वकीलो की दलील को किया खारीज। अब केवल और केवल SSC का रिकॉर्ड ही माना जायेगा अंतिम। आप रहें निश्चिन्त।जय पास।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)


पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन (सीएफएसएल) को निर्देश दिया है कि वह जेबीटी भर्ती के रिकार्ड से पैन ड्राइव में कंप्यूटरीकृत परिणाम का मिलान कर रिपोर्ट सौंपें।

अदालत ने यह निर्देश मंगलवार को हरियाणा में 9455 जेबीटी भर्ती की मेरिट से जुड़े अतिरिक्त अंकों में गड़बड़ी का आरोप लगाती याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। इसी मामले में हाईकोर्ट ने कंप्यूटरों की जांच दोबारा कराने की मांग ठुकरा दी है।

पिछली सुनवाई पर डायरेक्टर मौलिक शिक्षा एमएल कौशिक ने एडिशनल एफिडेविड देकर कहा था कि परिणाम का रिकार्ड हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन को सौंप दिया गया था। यह दस्तावेज तत्कालीन शिक्षक भर्ती बोर्ड के रिकार्ड कीपर द्वारा सौंपा गया बताया जा रहा है।

इसी बीच एचएसएससी ने कहा था कि शिक्षक भर्ती बोर्ड के कांफिडेंशल क्लर्क मनोज को बोर्ड भंग होने के बाद एचएसएससी में ही नियुक्ति दे दी गई थी। रिकार्ड भी उसी के पास रहा। इस दौरान एचएसएससी की ओर से रिकार्ड लेने की प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं पड़ी। तब हाईकोर्ट ने शपथ पत्र रिकार्ड पर लेते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सामने आया कि कंप्यूटरीकृत परिणाम पैन ड्राइव में भी संभाल कर रखा गया है। इससे असल रिकार्ड का मिलान कराने पर सच सामने आ जाएगा। उधर, याची के वकीलों ने कंप्यूटरों की जांच दोबारा कराने की मांग की, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि जब एक बार जांच में कुछ पता नहीं लगा तो दोबारा जांच का औचित्य ही नहीं है।

इस ऑब्जर्वेशन के साथ पैन ड्राइव से मूल रिकार्ड का मिलान कर सीएफएसएल से अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

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