प्रदेश के स्कूलों में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं सामने हैं, पढ़ाई पर नोटबंदी का असर। स्कूल तो खुले हैं, विद्यार्थी भी पहुंच रहे हैं, लेकिन गुरु जी क्लास छोड़कर बैंकों और एटीएम की कतारों में लग रहे हैं। इस संवाददाता ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को रोहतक, सांपला और कलानौर के करीब 10 सरकारी स्कूलों का जायजा लिया, तो करीब 70 फीसदी अध्यापक स्कूलों में नहीं थे। ज्यादातर स्टाफ वेतन लेने के लिए बैकों में पहुंचा था। कई छात्रों ने बताया कि पिछले कई दिनों से स्कूल में ऐसा चल रहा है। वहीं, एक अध्यापक ने मजबूरी जताते हुए कहा- हमें भी तो परिवार चलाना है।
अध्यापकों के अलावा अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों का भी यही हाल है। ब्लाॅक, तहसील, कृषि, खाद्य आपूर्ति विभाग सहित कई विभागों के कर्मचारी भी अपने सहयोगियों को एक-आध घंटे में आने की बात कह कर निकलते हैं और सीटों पर कोई नहीं होता। इसे लेकर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, शुक्रवार को रोहतक में ज्यादातर बैंकों में जबर्दस्त भीड़ रही। कैश कम होने के कारण सिर्फ 5-5 हजार रुपये ही दिए जा रहे थे। ज्यादातर एटीएम में दोपहर तक कैश खत्म हो गया। कुछ जगह बैक अधिकारियों व लोगों के बीच तनातनी भी हुई।
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment