हरियाणा के शिक्षा विभाग में ठेके पर 31 मई 2017 तक पुन: नियुक्त किए गए कम्प्यूटर टीचर्स की मुसीबत फिर बढ़ सकती है। कम्प्यूटर टीचर्स को अनुबंध आधार पर पुन: नियुक्ति देने के खिलाफ व इनकी नियमित भर्ती की मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि कम्प्यूटर टीचर्स की रेगुलर भर्ती क्यों नहीं की जा रही?
इस पर सरकार ने बेंच को बताया कि कम्प्यूटर टीचर्स की नियुक्ति एक स्कीम के तहत ही की जाती है और वार्षिक आधार पर होती है। बेंच को बताया गया कि इन कम्प्यूटर टीचर्स की ठेके आधार पर पुन: नियुक्ति सिर्फ 31 मई 2017 तक ही की गई है।
याची ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने कम्प्यूटर टीचर्स के रेगुलर पदों को स्वीकृत करने की प्रकिया शुरू की थी और वित्त विभाग ने इस पर सहमति भी दे दी थी। मगर हटाए गए कम्प्यूटर टीचर्स के धरना-प्रदर्शन के बाद सरकार ने रेगुलर पदों को स्वीकृत करने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया और इन कम्प्यूटर टीचर्स को पुन: नियुक्ति दे दी। हाईकोर्ट ने सरकार को कम्प्यूटर टीचर्स की नियुक्ति की स्कीम, नियम व 31 मई 2017 के बाद की योजना के बारे में 2 हफ्ते में हलफनामा देकर पूर्ण जानकारी कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया हैं।
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हाई कोर्ट में CWP-21179 (2015) अर्चना V/S स्टेट ऑफ हरियाणा के केस पे सुनवाई थी , अर्चना का कहना है कि कंप्यूटर शिक्षक जब लगे थे तब इनकी योग्यता पूरी नही थी और इसका सेलेक्शन प्रोसस भी सही नही था
इस एक तरफा बात को सुनके किसी को भी झटका लगना लाजमी है हालांकि जब जज साहब को सच्चाई का पता चला कि जब Computerटीचर लगे थे तब इनकी योग्यता MCA MSC B-TECH M-TECH 55% थी जो की एक PGT की योग्यता है और C-DAC मोहाली सरकारी नियोक्त एजेंसी द्वारा लिखित परीक्षा लेके शिक्षा विभाग के 10 सदस्यीय कमेटी द्वारा कट ऑफ मेरिट बनाई गई थी जिसके आधार पे 2622 कंप्यूटर शिक्षकों का चयन सरकारी स्कूलों मे कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए हुआ था
इस बात को सुनके जज साहब ने कहा कि अगर इनका सेलेक्शन प्रोसस ये है तो इनको रेगुलर भर्ती तक लगाया जाना चाहिये , जज साहब ने Computer टीचर सेलेक्शन प्रोसस ओन रिकॉर्ड करने को कहा और सरकार को निर्देश दिए की 31-5-2017 के बाद क्या प्लान है अगली सुनवाई 31-3-2017 को होगी ।।