चंडीगढ़ : हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले पाने के लिए करीब 45 हजार गरीब विद्यार्थियों ने अपनी दावेदारी पेश की है। रविवार को प्रदेश भर में हुई परीक्षा में पिछले साल के मुकाबले इस बार लगभग हजार विद्यार्थी कम बैठे। इन परीक्षाओं में 55 फीसद अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी ही मेरिट में आने के हकदार होंगे। सरकार सिर्फ ऐसे विद्यार्थियों को ही प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दाखिलों का पात्र मानेगी। 1दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन ने सरकार पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए पात्रता के दायरे को खारिज किया है। आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा ने कहा कि जब किसी भी परीक्षा में पास होने का अंक फीसद 33 है तो दाखिले के लिए मेरिट लिस्ट बनाने में 55 फीसद अंकों की अनिवार्यता को कैसे माना जा सकता है? हुड्डा ने सरकार की इस नीति के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर अनशन करने की चेतावनी दी है। प्रदेश में 4800 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें 10 फीसद सीटों पर करीब 2.80 लाख गरीब विद्यार्थियों की दावेदारी बनती है। इन स्कूलों में दाखिलों के लिए करीब 55 फीसद गरीब मेधावी विद्यार्थियों ने फार्म भरे थे,जिनमें से 45 हजार ही परीक्षा दे पाए। सबसे अधिक दिक्कत आय प्रमाण पत्र नहीं बन पाने की वजह से हुई। आखिरी दिनों में तहसीलों के सर्वर डाउन होने का दावा करते हुए सैकड़ों विद्यार्थियों का आय प्रमाण पत्र बनाने से इनकार कर दिया गया। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा के अनुसार सोमवार को स्क्रूटनी होगी और मंगलवार को पात्रता वाले विद्यार्थियों की सूची जारी कर दी जाएगी। 20 अप्रैल से दाखिला प्रRिया आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को भेदभाव खत्म कर 33 फीसद तक अंक हासिल करने वाले सभी विद्यार्थियों को दाखिला देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हजारों विद्यार्थी फार्म भरने से वंचित रह गए थे। परसों जिन विद्यार्थियों के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे, उन्हें दाखिला देने के बाद वंचित विद्यार्थियों को फार्म भरने का एक मौका और देना चाहिए।