चंडीगढ़ : प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स मामले में एक बार फिर से अधिकारियों की जान सांसत में पड़ गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 9000 से ज्यादा रेगुलर जेबीटी शिक्षकों की भर्ती पूरी होने के बावजूद गेस्ट टीचर्स को नहीं हटाने को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, मौलिक शिक्षा विभाग की निदेशक गरिमा मित्तल और फतेहाबाद की डीईईओ संगीता बिशनोई के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी किया है।
दरअसल हाई कोर्ट ने संजय कुमार व अन्य बनाम हरियाणा सरकार मामले में 5 अगस्त 2015 को आदेश दिया था कि जिस दिन रेगुलर जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होंगे, उसी दिन गेस्ट टीचर्स की सेवाएं स्वत: समाप्त मानी जाएगी। मगर शिक्षा विभाग द्वारा करीबन 9000 नवचयनित जेबीटी को नियुक्ति दिए 3 महीने बीतने के बावजूद गेस्ट टीचर को हटाया नहीं गया है। इस कारण फतेहाबाद, यमुनानगर, पलवल, महेंद्रगढ़ आदि जिलों में करीब 1000 नवनियुक्त जेबीटी पिछले तीन महीनो ने डीईईओ कार्यालय में हाजिरी लगा रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि तिलकराज बनाम हरियाणा सरकार केस में भी हाई कोर्ट की डबल बेंच ने साफ कर दिया था कि रेगुलर जेबीटी भर्ती के बाद गेस्ट टीचर्स को हटाना ही होगा।
हाई कोर्ट में बुधवार को मुकेश रंगा व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका में अधिवक्ता जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि करीब 9000 रेगुलर जेबीटी की नियुक्ति के बावजूद भी सरकार गेस्ट टीचर्स को नहीं हटा रही, जो कि हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानन है। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लग रहा है, क्योंकि नवनियुक्त जेबीटी शिक्षक तीन माह से डीईईओ कार्यालय में हाजिरी लगा रहे हैं।
बेंच को बताया गया कि गेस्ट टीचर्स को हटाने की बजाय उल्टा शिक्षा विभाग उनको रेगुलर करने की मंशा से विभिन्न डीईईओ से उनके डॉक्युमेंट व कमेंट मंगा रहा है। इस पर हाई कोर्ट की जस्टिस दया चौधरी की बेंच ने एसीएस, निदेशक और डीईईओ को अवमानना नोटिस जारी कर दिया।अगस्त 2015 को दिए थे जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति पर गेस्ट टीचर हटाने के आदेश
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