एक ही समय में पहली से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाता शिक्षक, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की 430 पद खाली


अंबाला शहर:पहली हो या 5वीं तक की कोई भी क्लास सभी बच्चों की एक साथ एक ही अध्यापक एक ही समय में पढ़ा रहा है। पांचवीं के बच्चे अ-अनार भी पढ़ते हैं और पहली के बच्चे गुणा भाग के सवाल सीखते हैं। बेशक समझ किसी को कुछ आए न आए लेकिन अध्यापक अपनी जिम्मेदारी निभाकर हर माह तनख्वाह ले लेते हैं। परिणाम 10वीं में फीसदी यानी 60 फीसदी बच्चे फेल। अंबाला जिले के एक-दो नहीं बल्कि 12 ऐसे स्कूल हैं जहां पहली से पांचवीं तक की क्लास एक-एक अध्यापक एक ही समय में ले रहा है। यह स्थिति उस समय है जब जिले में हाल ही में करीब जेबीटी की नियुक्ति हो चुकी है। यानी गत वर्ष 100 से अधिक स्कूलों की यही स्थिति थी। ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे सुधर सकता है। बेशक भाजपा सरकार अपने 3 साल का जश्न मनाते हुए शिक्षा में सुधार के दावे कर रही है, लेकिन आज तक अंबाला के शिक्षा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। भाजपा के सत्ता में आने के बाद अंबाला में 10वीं कक्षा का परिणाम नहीं सुधरा। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की कमी से निदेशालय को समय-समय पर अवगत कराया जाता है। खाली पदों की संख्या भेजी जा चुकी है-उमा शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी। 
चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की 430 पद खाली
कैसे होंगे स्कूल स्वच्छ, चपरासी पदोन्नत होकर बन गए क्लर्क बेशक स्वच्छ भारत, स्वच्छ मिशन के लिए सरकार करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद दयनीय है। या तो बच्चे खुद सफाई करते हैं या फिर भगवान भरोसे इनकी सफाई व्यवस्था है। जिले की बात करें तो कुल 577 पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्वीकृत हैं। इनमें से महज 147 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही स्थायी हैं। कुछ चपरासी से पदोन्नत होकर क्लर्क बन गए हैं और ज्यादातर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यही कारण है कि सभी सरकारी स्कूलों में स्वच्छता का जनाजा निकला हुआ है। अंबाला शहर ब्लॉक की बात करें तो यहां 141 में से 57 स्वीकृत पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं, यानी 84 पद स्वीकृत पद खाली हैं। इसके अलावा 101 चपरासी कम चौकीदार और 97 चौकीदार पार्ट टाइम रखे हैं।’ जीपीएस बाजीगर बस्ती अंबाला शहर’ जीपीएस पंजौला अंबाला शहर’ बालेका नगला अंबाला छावनी ’ जीपीएस सलालहेड़ी अंबाला छावनी’ जीपीएस धनौरी बराड़ा’ जीपीएस फूलेवालां नारायणगढ़’ जीपीएस खानपुर राजपुतान नारायणगढ़’ बड़ी रसौर नारायणगढ़’ गोकलगढ़ साहा’ टपरियां साहा’ शेरपुर शहजादपुर’ राजौली शहजादपुर’ जीपीएस कलाल माजरी शहजादुपर12 प्राइमरी स्कूलों में एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं। इन स्कूलों की स्थिति के बारे में विभाग को अवगत कराया जा चुका है। जल्द ही सुधार की उम्मीद है। कुछ स्कूलों में बच्चों की कमी के कारण भी एक ही शिक्षक है-रविद्र कुमार, मौलिक शिक्षा अधिकारी।

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