यह मेरा हरियाणा कविता


यह मेरा हरियाणा

हरी-भरी हरियाली वाला, फल-फूलों की डाली वाला, हट्टे-कट्टे लोग यहाँ के, दूध-दही का खाणा यह मेरा हरियाणा।

मर्द-मुछैल यहाँ के छोरे, गले तबीजी, काले डारे, सिर पर पगड़ी पेचों वाली सीधा-सादा वाणा यह मेरा हरियाणा ।

घाघरे घूँघट वाली वीर, पनघट से भर लावें नीर, मार मंडासा खेत कमावें, वेश पहन मरदाना यह कैंस हरियाणा ।

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