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पीजीटी भर्ती को लेकर शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र के लिए मारामारी+++शिक्षक भर्ती बोर्ड के नियम बने आवेदकों के लिए सिरदर्द+++बेरोजगार अध्यापकों की एक बैठक++पीजीटी के लिये गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त वापस लेने की मांग+++तिलकराज शाक्य बने प्रदेशाध्यक्ष, पहले ही दिन आंदोलन का ऐलान+++पीजीटी भर्ती को लेकर शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र के लिए मारामारी++नये शैक्षणिक भर्ती नियम तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग++पात्र अध्यापक अब बन गए अपात्र+


 हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा पीजीटी पदों के लिए चार वर्ष के शिक्षक अनुभव के आधार पर आवेदन मांगे जाने के बाद नौकरी पाने के लिए शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए मारामारी देखने को मिल रही है। सुनने में आया है कि इच्छुक अभ्यर्थी शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र के लिए एक लाख रुपए तक की पेशकश कर चुके हैं।
इतना ही नहीं शिक्षक अनुभव के आधार पर पीजीटी के आवेदन मांगे जाने के बाद टीजीटी व पीआरटी के पदों पर नौकरी पाने के इच्छुक अभ्यर्थी भी शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने भी दांए-बाएं से अपनी गोटियां फिट करनी शुरू कर दी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उक्त शिक्षक भर्ती में अनुभव के मामले में शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा पारदर्शिता लाने के लिए क्या मापदंड अपनाए जाएंगे या फिर वास्तव में शिक्षक अनुभव का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके भावी शिक्षकों के अधिकारियों का हनन होगा। यह तो भविष्य ही बताएगा। गौरतलब होगा कि हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा पीजीटी के लगभग 14216 पदों के लिए   विभिन्न विषयों के अभ्यर्थियों के आवेदन मांगे हैं। बोर्ड द्वारा उक्त विषयों के पदों को भरने के लिए एचटेट व बीएड के साथ-साथ चार वर्ष का शिक्षक अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों से भी आवेदन बोर्ड द्वारा मांगे गए हैं। ऐसे में कुछेक अभ्यर्थी तो वास्तव में ही अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद से निजी विद्यालय में नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और बोर्ड द्वारा जारी किए गए चार वर्ष के शिक्षक अनुभव के आधार पर पीजीटी पदों के आवेदन मांगने से आस बंधी है। किंतु बोर्ड द्वारा जारी किए गए चार वर्ष के शिक्षक अनुभव का फायदा उठाने के लिए उन अभ्यर्थियों ने भी कमर कस ली है, जिनके पास वास्तव में शिक्षक अनुभव का प्रमाण-पत्र तो नहीं है, लेकिन फिर भी उसे पाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। बताया गया है कि ऐसे अभ्यर्थियों के तो रिश्तेदार और मित्र भी एक-दूसरे से और निजी विद्यालयों के मुखियाओं से संपर्क बनाए हुए हैं।
इतना ही नहीं प्रदेश में शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र के आधार पर पीटीजी पदों के लिए आवेदन मांगे जाने के बाद टीजीटी पदों के उम्मीदवार और पीआरटी पदों के उम्मीदवार भी सक्रिय दिखाई दिए हैं, क्योंकि उक्त दोनों श्रेणियों के अभ्यर्थियों ने भी अनुमान लगा लिया है कि देर सवेर उक्त पदों के लिए भी हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा अनुभव के आधार पर आवेदन मांगे जा सकते हैं।
लोगों में चर्चा बनी हुई है कि चार वर्ष का शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र पाने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों ने एक लाख रुपए तक की पेशकश कर डाली है और पीजीटी, टीजीटी व पीआरटी पदों पर नौकरी पाने के लिए शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए मारामारी देखने को मिल रही है। अब देखना यह होगा कि हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड इस प्रकार के कथित फर्जी या जाली शिक्षक अनुभव प्रमाण-पत्रों में पारदर्शिता लाने और उनसे निपटने के लिए शिक्षक भर्ती बोर्ड कहां तक कारगर कदम उठा पाता है।
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शिक्षक भर्ती बोर्ड के नियम बने आवेदकों के लिए सिरदर्द

 लंबे अरसे के बाद पीजीटी के विभिन्न विषयों के लिए 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के नियम आवेदकों के गले नहंी उतर रहे। नए नियम बनाते हुए न तो पुराने शिक्षित आवेदकों का ध्यान रखा गया और न ही नयों के लिए एक जैसे नियम हैं। बीएड की अनिवार्य

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