अभी नहीं हटेंगे गेस्ट टीचर!

* अभी नहीं हटेंगे गेस्ट टीचर!

हटाने से पहले सुनवाई का मौका मिलेगा

चंडीगढ़ : करनाल में पड़ाव डाले बैठे गेस्ट टीचरों को फिर राहत
मिली है। यह राहत पंजाब एवं हाईकोर्ट से ही मिली है। जिन
टीचरों को शिक्षा विभागों ने सरप्लस घोषित किया था और
जिन्हें हाईकोर्ट ने हटाने के निर्देश दिए थे, उन्होंने हाईकोर्ट में नई
याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि गेस्ट टीचरों को हटाने से पहले
उन्हें अवसर दिया जाए। राज कुमार और अन्य की इस याचिका पर
11 मई को ही सुनवाई हुई।
जस्टिस अमित रावल ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए लिखा,
याचिकाकर्ताओं की मांग है कि उन्हें गेस्ट टीचर के तौर पर काम
करते रहने की इजाजत दी जाए। राज्य सरकार ने उन्हें सरप्लस घोषित
कर उनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला कर लिया है। मगर उनकी
सेवाएं समाप्त करने से पहले उन्हें सुनवाई का मौका मिलना चाहिए।
जज ने लिखा, ˜चूंकि मैं पहले ही एक अन्य याचिका में विस्तृत आदेश
पारित कर चुका हूं जिसमें प्रतिवादियों (राज्य सरकार) को कहा
गया है कि वे याचिकाकर्ताओं (गेस्ट टीचरों) या उन जैसी
स्थिति वालों की सेवाएं समाप्त करने से पहले प्रकाशन के जरिए
नोटिस जारी करें और वे (याचिकाकर्ता) भी उसका जवाब 15
दिन के भीतर दे सकते हैं।इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को
होगी।

अब 8612 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रद

अब 8612 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रद
चंडीगढ़ : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने साढ़े आठ हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रद कर दी है। आयोग 35 हजार कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पहले ही रद कर चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के अनुरूप कर्मचारी चयन आयोग की ओर से जल्द नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए विभागों से खाली पदों का ब्योरा मांगा गया है। करीब 80 हजार अलग-अलग भर्तियां होनी हैं।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 8612 उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया रद की गई, जिनके विज्ञापन पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हरियाणा स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड ने निकाले थे। मनोहर सरकार पिछला कर्मचारी चयन आयोग और स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड दोनों ही भंग कर चुकी है। नए सिरे से भर्ती के लिए मनोहर सरकार ने अपनी पसंद का आयोग बनाया और भारत भूषण भारती को चेयरमैन नियुक्त किया।

अब हरियाणा बोर्ड लेगा 9वीं और 11वीं की परीक्षा

अब हरियाणा बोर्ड लेगा 9वीं और 11वीं की परीक्षा
गुड़गांव : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अपने पुराने पैटर्न पर लौट रहा है। वह इस सत्र में नौवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा खुद लेगा। स्कूलों में प्र्रश्नपत्र पत्र बोर्ड से आएगा। चुनिंदा उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन भी बोर्ड करेगा। यानी इस बार छात्रों को पास करने के लिए खूब पढ़ना होगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 10वीं और 12वीं के खराब रिजल्ट को देखते हुए शिक्षा निदेशालय और बोर्ड दोनों गंभीर है। इसे देखते हुए बोर्ड ने यह नया फैसला किया है। अभी तक नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा स्कूल लेते रहे हैं। स्कूल के शिक्षक ही प्रश्नपत्र बनाते थे और परीक्षा की कॉपी जांचते थे। 10वीं और 12वीं के रिजल्ट के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आखिर नौवीं और 11वीं कक्षा मेें 100 फीसदी रिजल्ट है तो 10वीं और 12वीं कक्षा में यह 40 फीसदी से भी कम कैसे हो गया।
बोर्ड का मानना है कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्न पत्र बनाने में शिक्षक ढील देते हैं और कॉपी जांचने में भी खूब अंक बांटते हैं। इस पर लगाम लगाते हुए बोर्ड ने सत्र 2015-16 के दूसरे सेमेस्टर से खुद ही प्रश्नपत्र भेजने का निर्णय लिया है। हालांकि परीक्षा पर निगरानी स्कूल प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी। बोर्ड की ओर से निरीक्षक नियुक्त किए जाएंगे। स्कूलों के शिक्षकों द्वारा कॉपी जांचने के बाद बोर्ड हर जिले से एक हजार छात्रों की कॉपियां रैंडम तरीके से मुख्यालय मंगवाकर उनका मूल्यांकन करवाएगा। अगर किसी शिक्षक पर गलत तरीके से अंक देने का मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
"रिजल्ट सुधारने के लिए बोर्ड ने थोड़े बदलाव किए हैं। बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में 9वीं और 11वीं कक्षा के दूसरे सेमेस्टर का प्रश्न पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है।"--मीनाक्षी शारदा, प्रवक्ता, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

मास्टर को लेक्चरर बना बचाए जाएंगे गेस्ट

मास्टर को लेक्चरर बना बचाए जाएंगे गेस्ट
चंडीगढ़ : हरियाणा की मनोहर सरकार सरप्लस गेस्ट टीचर्स को बचाने में जुट गई है। हाईकोर्ट के 4073 सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने का आदेश देने के बाद सरकार ने रास्ता निकालने के प्रयास तेजी से जारी कर दिए हैं। स्कूल कैडर में नियमित रूप से कार्यरत मास्टरों को पदोन्नत कर लेक्चरर बनाकर गेस्ट टीचर्स को बचाने की तैयारी चल रही है। मास्टर को लेक्चरर बनाने से स्कूल कैडर में लगभग सात हजार पद खाली होंगे। इससे गेस्ट टीचर्स सरप्लस नहीं रह जाएंगे। पद खाली होने पर सरकार हाईकोर्ट में नया शपथ पत्र देकर इन गेस्ट टीचर्स को बचा सकती है।
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने यहां कहा कि स्कूल कैडर के मास्टरों को प्रोन्नत कर लेक्चरर बनाने से गेस्ट टीचर्स की नौकरी बच जाएगी। रामबिलास ने दावा करते हुए कहा कि वे एक भी गेस्ट की नौकरी नहीं जाने देंगे। सरकार इसके लिए रास्ता निकाल रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद चाहते हैं कि किसी का भी रोजगार न छिने। जिन सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं, उनमें सिर्फ तीन विषयों हिंदी, गणित व समाज विज्ञान के शिक्षक हैं। संस्कृत, पंजाबी, ड्राइंग और विज्ञान सहित अन्य विषयों का कोई गेस्ट टीचर्स सरकारी स्कूलों में सरप्लस नहीं चल रहा। इस समय कुल 15 हजार 993 गेस्ट शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 4073 को हाईकोर्ट हटाने के आदेश दे चुका है। इसके बाद 11920 गेस्ट टीचर्स बचते हैं, इनमें से 2500 स्कूल लेक्चरर हैं। ये गेस्ट टीचर्स खुद को नियमित कराने के लिए करनाल में आंदोलनरत हैं।

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