टीजीटी आर्ट्स का इंतजार खत्म, 228 को जल्द मिलेगी नौकरी

हमीरपुर . हिमाचल अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड की 2002 में हुई छंटनी परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित टीजीटी आर्ट्स के अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति मिल जाएगी। वजह यह है कि इनके इंटरव्यू को शुरू करने के लिए पिछले कई माह से लटकी फाइल क्लीयर हो गई है। सरकार ने इनके इंटरव्यू कॉल करने के आदेश दे दिए हैं।

काबिलेगौर है कि टीजीटी की तीनों श्रेणियों के तकरीबन 700 पदों को भरने का प्रोसेस वर्ष 2002 में शुरू हुआ था और सरकार बदलने के बाद यह अधर में ही लटक गया था। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर इनकी नियुक्ति प्रोसेस को जारी रखने का आदेश हुआ था, अब तक इस श्रेणी में नॉन मेडिकल और मेडिकल के तकरीबन 500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। लेकिन ऑर्ट्स ग्रुप की नियुक्ति का मामला इनके रिकॉर्ड को लेकर लटक गया था। इनका सारा रिकॉर्ड विजिलेंस ने हाइकोर्ट में जमा करवा रखा था। संबंधित रिकॉर्ड एसएसएसबी को वापस आ गया है और अब इंटरव्यू अगस्त माह में शुरू हो सकते हैं।

क्या थी वजह

टीजीटी आर्ट्स की यह नियुक्तियां इस लिए इतनी लंबित हो गई हैं, क्योंकि नॉन मेडिकल के इंटरव्यू भी हो गए थे। उन्हें केवल नियुक्ति आदेश जारी होने थे, जबकि आर्ट्स श्रेणी की केवल छंटनी प्रक्रिया का परिणाम ही निकला था, जो अभ्यर्थी पास आउट हुए थे, इंटरव्यू के लिए कॉल किया जाना था। सरकार बदलने पर 2003 में इन सारी नियुक्तियों का प्रोसेस बंद कर दिया था। तब सरकार बदलने पर एसएसएसबी में विजिलेंस का बड़ा छापा पड़ा था और लंबे समय तक यह जांच जारी रही। कांग्रेस की सरकार बदलने के बाद फिर से भाजपा की सरकार आई और पात्र अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में इस दौरान याचिका दायर की थी कि उनकी नियुक्तियां की जाएं, जिस पर यह सारा प्रोसेस फिर से शुरू हुआ था। कुछ माह पहले हाइकोर्ट ने आर्ट्स श्रेणी में छंटनी प्रक्रिया में पास अभ्यर्थियों को इंटरव्यू को बुलाने के आदेश दिए थे, लेकिन बोर्ड ने इस प्रोसेस से संबंधित रिकॉर्ड उनके पास नहीं होने की बात कही थी। जिस पर विजिलेंस को पत्र लिखा गया था। विजिलेंस का संबंधित रिकॉर्ड हाईकोर्ट में होने की बात कही थी। इस प्रक्रिया में रिकॉर्ड को लेने के लिए कुछ माह लगे।

अभी क्या है असमंजस

यह नियुक्तियां अनुबंध पर होंगी या नियमित आधार पर। इस पर अभी असमंजस बनी हुई है। हालांकि पहले की नियुक्तियां स्थाई आधार पर करने के हाइकोर्ट ने आदेश दिए थे। वजह यह है कि 2002 के विज्ञापन के आधार पर इन सब नियुक्तियों को नियमित आधार पर करने की बात कही गई थी। यदि यह नियुक्तियां उसी आधार पर होती हैं, तो संबंधित अभ्यर्थियों को पेंशन सुविधा भी हासिल होगी और राज्य सरकार के अन्य पुराने कर्मचारियों की तरह तमाम सुविधाएं मिलेंगी। बोर्ड अभी अनुबंध आधार पर ही इन नियुक्तियों के प्रोसेस को पूरा करने वाला है।

बोर्ड के सचिव विनोद कुमार ने बताया कि यह नियुक्तियां अनुबंध आधार पर ही होंगी, क्योंकि पहले की नियुक्तियां भी इसी आधार पर हुई हैं जबकि बोर्ड के चेयरमैन जेके चौहान का कहना है कि इस असमंजस को लेकर सरकार को फिर से एक पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2002 की यह नियुक्तियां नियमित रूप में होने का प्रोसेस शुरू किया गया था, लेकिन अब सरकार बताए कि इन्हें किस आधार पर किया जाना है। दो -तीन दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन उन्होंने बताया कि इंटरव्यू प्रोसेस शुरू करने के लिए शेड्यूल तैयार किया जा रहा है और संभवत: आगामी माह से यह इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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