शिमला . प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में 27 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक अवकाश रहेगा। मानसून सत्र के अवकाश के तहत स्कूल 15 दिन तक बंद रहेंगे। इसके बाद 13 अगस्त को रक्षा बंधन का अवकाश, 14 अगस्त को रविवार और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अवकाश रहने के कारण 16 अगस्त से स्कूल खुलेंगे।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पढ़ाई करेंगे हिमाचली
शिमलासूबे के दूरदराज इलाकों के छात्र अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाई कर पाएंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को जल्द ही राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। केंद्र के 5990 करोड़ के प्रोजेक्ट से अभी तक देश भर के सात संस्थानों को जोड़ा गया है। एचपी यूनिवर्सिटी के 42वें स्थापना दिवस समारोह के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यूनिवर्सिटी के योजना से जुड़ने से छात्रों को घर बैठे ही नई-नई जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
साथ ही छात्र इस नेटवर्क के माध्यम से महानगरों में बैठे वैज्ञानिक एवं दूसरे विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की ढाई लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़कर इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश की भी कुछ पंचायतों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों को तोहफा
सूचना मंत्री ने विवि के शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को एक विशेष मोबाइल फोन स्कीम देने की भी घोषणा की। इसके तहत कर्मचारियों को छात्रों को मिलने वाले स्टूडेंट प्लान की तरह सस्ती दरों पर स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष व सांसद विमला कश्यप ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक और कुलपति प्रो. एडी एन वाजपेयी ने भी अपने विचार रखे।
सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। केंद्र के 5990 करोड़ के प्रोजेक्ट से अभी तक देश भर के सात संस्थानों को जोड़ा गया है। एचपी यूनिवर्सिटी के 42वें स्थापना दिवस समारोह के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यूनिवर्सिटी के योजना से जुड़ने से छात्रों को घर बैठे ही नई-नई जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
साथ ही छात्र इस नेटवर्क के माध्यम से महानगरों में बैठे वैज्ञानिक एवं दूसरे विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की ढाई लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़कर इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश की भी कुछ पंचायतों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों को तोहफा
सूचना मंत्री ने विवि के शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को एक विशेष मोबाइल फोन स्कीम देने की भी घोषणा की। इसके तहत कर्मचारियों को छात्रों को मिलने वाले स्टूडेंट प्लान की तरह सस्ती दरों पर स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष व सांसद विमला कश्यप ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक और कुलपति प्रो. एडी एन वाजपेयी ने भी अपने विचार रखे।
टीजीटी आर्ट्स का इंतजार खत्म, 228 को जल्द मिलेगी नौकरी
हमीरपुर . हिमाचल अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड की 2002 में हुई छंटनी परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित टीजीटी आर्ट्स के अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति मिल जाएगी। वजह यह है कि इनके इंटरव्यू को शुरू करने के लिए पिछले कई माह से लटकी फाइल क्लीयर हो गई है। सरकार ने इनके इंटरव्यू कॉल करने के आदेश दे दिए हैं।
काबिलेगौर है कि टीजीटी की तीनों श्रेणियों के तकरीबन 700 पदों को भरने का प्रोसेस वर्ष 2002 में शुरू हुआ था और सरकार बदलने के बाद यह अधर में ही लटक गया था। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर इनकी नियुक्ति प्रोसेस को जारी रखने का आदेश हुआ था, अब तक इस श्रेणी में नॉन मेडिकल और मेडिकल के तकरीबन 500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। लेकिन ऑर्ट्स ग्रुप की नियुक्ति का मामला इनके रिकॉर्ड को लेकर लटक गया था। इनका सारा रिकॉर्ड विजिलेंस ने हाइकोर्ट में जमा करवा रखा था। संबंधित रिकॉर्ड एसएसएसबी को वापस आ गया है और अब इंटरव्यू अगस्त माह में शुरू हो सकते हैं।
क्या थी वजह
टीजीटी आर्ट्स की यह नियुक्तियां इस लिए इतनी लंबित हो गई हैं, क्योंकि नॉन मेडिकल के इंटरव्यू भी हो गए थे। उन्हें केवल नियुक्ति आदेश जारी होने थे, जबकि आर्ट्स श्रेणी की केवल छंटनी प्रक्रिया का परिणाम ही निकला था, जो अभ्यर्थी पास आउट हुए थे, इंटरव्यू के लिए कॉल किया जाना था। सरकार बदलने पर 2003 में इन सारी नियुक्तियों का प्रोसेस बंद कर दिया था। तब सरकार बदलने पर एसएसएसबी में विजिलेंस का बड़ा छापा पड़ा था और लंबे समय तक यह जांच जारी रही। कांग्रेस की सरकार बदलने के बाद फिर से भाजपा की सरकार आई और पात्र अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में इस दौरान याचिका दायर की थी कि उनकी नियुक्तियां की जाएं, जिस पर यह सारा प्रोसेस फिर से शुरू हुआ था। कुछ माह पहले हाइकोर्ट ने आर्ट्स श्रेणी में छंटनी प्रक्रिया में पास अभ्यर्थियों को इंटरव्यू को बुलाने के आदेश दिए थे, लेकिन बोर्ड ने इस प्रोसेस से संबंधित रिकॉर्ड उनके पास नहीं होने की बात कही थी। जिस पर विजिलेंस को पत्र लिखा गया था। विजिलेंस का संबंधित रिकॉर्ड हाईकोर्ट में होने की बात कही थी। इस प्रक्रिया में रिकॉर्ड को लेने के लिए कुछ माह लगे।
अभी क्या है असमंजस
यह नियुक्तियां अनुबंध पर होंगी या नियमित आधार पर। इस पर अभी असमंजस बनी हुई है। हालांकि पहले की नियुक्तियां स्थाई आधार पर करने के हाइकोर्ट ने आदेश दिए थे। वजह यह है कि 2002 के विज्ञापन के आधार पर इन सब नियुक्तियों को नियमित आधार पर करने की बात कही गई थी। यदि यह नियुक्तियां उसी आधार पर होती हैं, तो संबंधित अभ्यर्थियों को पेंशन सुविधा भी हासिल होगी और राज्य सरकार के अन्य पुराने कर्मचारियों की तरह तमाम सुविधाएं मिलेंगी। बोर्ड अभी अनुबंध आधार पर ही इन नियुक्तियों के प्रोसेस को पूरा करने वाला है।
बोर्ड के सचिव विनोद कुमार ने बताया कि यह नियुक्तियां अनुबंध आधार पर ही होंगी, क्योंकि पहले की नियुक्तियां भी इसी आधार पर हुई हैं जबकि बोर्ड के चेयरमैन जेके चौहान का कहना है कि इस असमंजस को लेकर सरकार को फिर से एक पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2002 की यह नियुक्तियां नियमित रूप में होने का प्रोसेस शुरू किया गया था, लेकिन अब सरकार बताए कि इन्हें किस आधार पर किया जाना है। दो -तीन दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन उन्होंने बताया कि इंटरव्यू प्रोसेस शुरू करने के लिए शेड्यूल तैयार किया जा रहा है और संभवत: आगामी माह से यह इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
काबिलेगौर है कि टीजीटी की तीनों श्रेणियों के तकरीबन 700 पदों को भरने का प्रोसेस वर्ष 2002 में शुरू हुआ था और सरकार बदलने के बाद यह अधर में ही लटक गया था। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर इनकी नियुक्ति प्रोसेस को जारी रखने का आदेश हुआ था, अब तक इस श्रेणी में नॉन मेडिकल और मेडिकल के तकरीबन 500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। लेकिन ऑर्ट्स ग्रुप की नियुक्ति का मामला इनके रिकॉर्ड को लेकर लटक गया था। इनका सारा रिकॉर्ड विजिलेंस ने हाइकोर्ट में जमा करवा रखा था। संबंधित रिकॉर्ड एसएसएसबी को वापस आ गया है और अब इंटरव्यू अगस्त माह में शुरू हो सकते हैं।
क्या थी वजह
टीजीटी आर्ट्स की यह नियुक्तियां इस लिए इतनी लंबित हो गई हैं, क्योंकि नॉन मेडिकल के इंटरव्यू भी हो गए थे। उन्हें केवल नियुक्ति आदेश जारी होने थे, जबकि आर्ट्स श्रेणी की केवल छंटनी प्रक्रिया का परिणाम ही निकला था, जो अभ्यर्थी पास आउट हुए थे, इंटरव्यू के लिए कॉल किया जाना था। सरकार बदलने पर 2003 में इन सारी नियुक्तियों का प्रोसेस बंद कर दिया था। तब सरकार बदलने पर एसएसएसबी में विजिलेंस का बड़ा छापा पड़ा था और लंबे समय तक यह जांच जारी रही। कांग्रेस की सरकार बदलने के बाद फिर से भाजपा की सरकार आई और पात्र अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में इस दौरान याचिका दायर की थी कि उनकी नियुक्तियां की जाएं, जिस पर यह सारा प्रोसेस फिर से शुरू हुआ था। कुछ माह पहले हाइकोर्ट ने आर्ट्स श्रेणी में छंटनी प्रक्रिया में पास अभ्यर्थियों को इंटरव्यू को बुलाने के आदेश दिए थे, लेकिन बोर्ड ने इस प्रोसेस से संबंधित रिकॉर्ड उनके पास नहीं होने की बात कही थी। जिस पर विजिलेंस को पत्र लिखा गया था। विजिलेंस का संबंधित रिकॉर्ड हाईकोर्ट में होने की बात कही थी। इस प्रक्रिया में रिकॉर्ड को लेने के लिए कुछ माह लगे।
अभी क्या है असमंजस
यह नियुक्तियां अनुबंध पर होंगी या नियमित आधार पर। इस पर अभी असमंजस बनी हुई है। हालांकि पहले की नियुक्तियां स्थाई आधार पर करने के हाइकोर्ट ने आदेश दिए थे। वजह यह है कि 2002 के विज्ञापन के आधार पर इन सब नियुक्तियों को नियमित आधार पर करने की बात कही गई थी। यदि यह नियुक्तियां उसी आधार पर होती हैं, तो संबंधित अभ्यर्थियों को पेंशन सुविधा भी हासिल होगी और राज्य सरकार के अन्य पुराने कर्मचारियों की तरह तमाम सुविधाएं मिलेंगी। बोर्ड अभी अनुबंध आधार पर ही इन नियुक्तियों के प्रोसेस को पूरा करने वाला है।
बोर्ड के सचिव विनोद कुमार ने बताया कि यह नियुक्तियां अनुबंध आधार पर ही होंगी, क्योंकि पहले की नियुक्तियां भी इसी आधार पर हुई हैं जबकि बोर्ड के चेयरमैन जेके चौहान का कहना है कि इस असमंजस को लेकर सरकार को फिर से एक पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2002 की यह नियुक्तियां नियमित रूप में होने का प्रोसेस शुरू किया गया था, लेकिन अब सरकार बताए कि इन्हें किस आधार पर किया जाना है। दो -तीन दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन उन्होंने बताया कि इंटरव्यू प्रोसेस शुरू करने के लिए शेड्यूल तैयार किया जा रहा है और संभवत: आगामी माह से यह इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
शिमला में स्कूली छुट्टियों का शेड्यूल जारी
शिमला . प्रदेश सरकार ने 31 मार्च, 2012 तक स्कूली छुट्टियों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। यह शेड्यूल ग्रीष्म व शरदकालीन दोनों स्तर के स्कूलों के लिए जारी कर दिया गया है। यह अवकाश शेड्यूल 52 दिनों का है। ग्रीष्म कालीन स्कूलों में कुल्लू व लाहौल-स्पीति के लिए मानसून ब्रेक 20 जुलाई से 10 अगस्त तक 22 दिन का होगा।
दीवाली के दौरान छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक (दीवाली से एक दिन पहले) व एक जनवरी से 24 जनवरी तक 24 दिन की विंटर ब्रेक होगी। कुल्लू जिला के लिए 22 दिन की मानसून ब्रेक 20 जुलाई से दस अगस्त, दशहरा के दौरान छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक (दशहरा से एक दिन पहले) व एक जनवरी से 24 जनवरी तक 24 दिन की विंटर ब्रेक होगी। लाहौल-स्पीति जिला के लिए 17 जुलाई से 27 अगस्त तक 42 दिन की समर ब्रेक व दस दिन की दशहरा ब्रेक होगी।
(दशहरा से एक दिन पहले) होगी।
शरदकालीन स्कूलों के लिए मानसून ब्रेक 27 जुलाई से दस अगस्त तक 15 दिन की होगी। दीवाली से चार दिन पहले से छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक और एक जनवरी से 31 जनवरी तक 31 दिन की विंटर ब्रेक होगी।
उन्होंने कहा कि इस दूषित पानी की मार से फसलों पर ही नहीं बल्कि यहां के लोगों को भी पेट की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रशासन से इस रसायनुक्त पानी को दरिया में डालने पर रोक लगाने का आग्रह किया है। लोगों ने चेताया है कि अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वे आंदोलन करने पर विवश होंगे। इस मौके पर पूर्व सरपंच ओमप्रकाश, गुरमेल सिंह, गुरदेव सिंह, जसवीर सिंह, कर्मचंद, राकेश कुमार, फकीर चंद, जोगिंद्र सिंह, हरीकिशन, रामदास, रणजीत सिंह, दिलबाग सिंह, दरबार सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
दीवाली के दौरान छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक (दीवाली से एक दिन पहले) व एक जनवरी से 24 जनवरी तक 24 दिन की विंटर ब्रेक होगी। कुल्लू जिला के लिए 22 दिन की मानसून ब्रेक 20 जुलाई से दस अगस्त, दशहरा के दौरान छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक (दशहरा से एक दिन पहले) व एक जनवरी से 24 जनवरी तक 24 दिन की विंटर ब्रेक होगी। लाहौल-स्पीति जिला के लिए 17 जुलाई से 27 अगस्त तक 42 दिन की समर ब्रेक व दस दिन की दशहरा ब्रेक होगी।
(दशहरा से एक दिन पहले) होगी।
शरदकालीन स्कूलों के लिए मानसून ब्रेक 27 जुलाई से दस अगस्त तक 15 दिन की होगी। दीवाली से चार दिन पहले से छह दिन की फेस्टिवल ब्रेक और एक जनवरी से 31 जनवरी तक 31 दिन की विंटर ब्रेक होगी।
उन्होंने कहा कि इस दूषित पानी की मार से फसलों पर ही नहीं बल्कि यहां के लोगों को भी पेट की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रशासन से इस रसायनुक्त पानी को दरिया में डालने पर रोक लगाने का आग्रह किया है। लोगों ने चेताया है कि अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वे आंदोलन करने पर विवश होंगे। इस मौके पर पूर्व सरपंच ओमप्रकाश, गुरमेल सिंह, गुरदेव सिंह, जसवीर सिंह, कर्मचंद, राकेश कुमार, फकीर चंद, जोगिंद्र सिंह, हरीकिशन, रामदास, रणजीत सिंह, दिलबाग सिंह, दरबार सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
रिजल्ट खराब रहा तो रुकेगा इंक्रीमेंट
शिमला/हमीरपुर सरकारी स्कूलों में अब रिजल्ट खराब रहने का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा। जिन शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहता है, उन्हें इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा। सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग का यह प्रपोजल सरकार के पास विचाराधीन है। रिजल्ट पहले साल खराब रहने पर चेतावनी और दूसरी बार इंक्रीमेंट रोके जाने का प्रावधान है।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
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