शिमला/हमीरपुर सरकारी स्कूलों में अब रिजल्ट खराब रहने का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा। जिन शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहता है, उन्हें इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा। सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग का यह प्रपोजल सरकार के पास विचाराधीन है। रिजल्ट पहले साल खराब रहने पर चेतावनी और दूसरी बार इंक्रीमेंट रोके जाने का प्रावधान है।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
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