शिक्षा नियमावली 134 ए के तहत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 25 फीसद सीटों पर दाखिला देने संबंधी मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की स्टेटस रिपोर्ट को अपर्याप्त बताते हुए विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि राज्य में कुल 3832 निजी स्कूलों में सत्र 2012-13 में कुल 395685 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इनमें से आर्थिक रूप से कमजोर व बीपीएल वर्ग के 35554 छात्र हैं। सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए कहा कि कोर्ट ने सालाना दो लाख से कम आय वाले वर्ग के बच्चों को भी प्रवेश के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे लेकिन सरकार ने कोर्ट में जो जानकारी दी है वह कोर्ट के आदेश के अनुसार पूरी नहीं है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई तक वह इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। उल्लेखनीय है कि रोहतक निवासी सतबीर हुड्डा की ओर से दायर याचिका पर हरियाणा सरकार आर्थिक पिछड़ा वर्ग
की परिभाषा नहीं दे पाई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सालाना दो लाख से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश दिया जाए और इसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जाए।
की परिभाषा नहीं दे पाई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सालाना दो लाख से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश दिया जाए और इसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जाए।
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