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CBSE NET (National Eligibility Test) 2015 notification: Check out the important details regarding the answer keys

CBSE NET (National Eligibility Test) 2015 notification: Check out the important details regarding the answer keys

The Central Board of Secondary Education (CBSE) had conducted the NET (National Eligibility Test) exam 2015 on June 28. The results for the same are expected soon.The scanned images of OMR

अब नहीं होगा पेपर लीक, आ गया नया फार्मूला

चंडीगढ़. सीबीएसई ने 9वीं और 10वीं की परीक्षा के दौरान पेपर लीक और प्रश्नपत्रों की समानता की समस्या को खत्म करने के लिए ऑटोमेटेड जेनरेशन ऑफ क्वेश्चन पेपर सॉफ्टवेयर तैयार किया है।

इसे अगले वर्ष होने वाली परीक्षाओं के दौरान इस्तेमाल में लाया जाएगा। इस प्रणाली के तहत संबंधित स्कूल को कोड और पासवर्ड मिलेगा, जिसके तहत परीक्षा के दिन स्कूल संचालक इस कोड और पासवर्ड का इस्तेमाल कर सीबीएसई से ऑनलाइन प्रश्नपत्र हासिल कर सकेंगे।

कैसे करेगा काम

सीसीई (कॉन्टीनुअस कॉम्प्रीहेंसिव इवेलुएशन सिस्टम) को बेहतर बनाने के लिए यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत सीबीएसई की तरफ से एक क्वेश्चन बैंक तैयार किया जाएगा। इसमें सब्जेक्ट के अनुसार पेपर लोड किए जाएंगे। सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर देश भर के लगभग 80,000 स्कूल एक ही बार में प्रश्नपत्र डाउनलोड कर सकेंगे।

सीबीएसई के अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक स्कूल का अलग-अलग लॉग इन होगा, लॉग इन के बाद कोड भरा जाएगा। कोड की वेरिफिकेशन के बाद सब्जेक्ट के सिलेक्शन की ऑप्शन पूछी जाएगी। सब्जेक्ट सिलेक्ट करने के बाद लेवल सिलेक्ट करना होगा। यानी डिफिकल्ट, मीडियम या आसान पेपर में से क्या चाहते हैं। इसके बाद प्रश्न पत्र प्रदर्शित होगा।

टाइम होगा निर्धारित

प्रणाली के तहत सॉफ्टवेयर में टाइमर होगा, मतलब सीबीएसई की तरफ से जो समय निर्धारित किया जाएगा, उसी समय पर लॉगइन किया जा सकेगा। एक स्कूल की तरफ से अपने स्तर पर लेवल और सब्जेक्ट सेट करने के बाद पेपर मिल जाएगा तो वह क्वेश्चन पेपर ब्लॉक हो जाएगा। अगर किसी अन्य स्कूल की तरफ से वही लेवल और सब्जेक्ट डाला जाएगा तो पेपर अलग होगा।

सब स्कूलों में अलग पेपर

अभी तक सीबीएसई की तरफ से भेजी गई सीडी से क्वेश्चन पेपर लेते वक्त दो स्कूलों में अलग-अलग डेट पर एग्जाम होने पेपर लीक हो जाता था, स्कूलों को ऑन द स्पॉट नया पेपर सिलेक्ट करना पड़ता था। नई प्रणाली के तहत स्कूलों में अलग-अलग पेपर आएंगे।

सीसीई सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए यह प्रणाली तैयार की गई है, इसका असर स्कूलों के परिणाम पर भी देखने को मिलेगा।

-आरजे खांडे राव, रीजनल डायरेक्टर

अब साफ्टवेयर से तैयार होंगे सीबीएसई के पेपर

सीबीएसई देशभर के अपने तहत चलने वाले स्कूलों के टीचर्स की सुविधा के लिए पेपर सेटिंग सॉफ्टवेयर तैयार करने जा रही है। इसकी सहायता से नौवीं व दसवीं कक्षा के पेपर सेट करने की सुविधा रहेगी। हाई आर्डर थिंकिंग स्किल (एचओटीएस) पर आधारित इस सॉफ्टवेयर में विभिन्न विषयों के चुनिंदा प्रश्न डाले जाएंगे। इसमें से टीचर रेंडमली प्रश्न चुन सकेंगे। इससे उन्हें बढ़िया प्रश्न-पत्र सेट करने की सुविधा मिलेगी।

खास बात यह है कि इस सॉफ्टवेयर को मेन्युअल ढंग से भी प्रयोग किया जा सकेगा ताकि कभी सिस्टम की खराबी के कारण पेपर सेट करने में परेशानी न उठानी पड़े। सीबीएसई के चेयरपर्सन विनीत जोशी का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा है और जल्द ही स्टूडेंट इस सुविधा को प्राप्त कर सकेंगे।

वेबसाइट पर होगा लोड

कोआर्डिनेटर डा. धर्मवीर सिंह के अनुसार सीबीएसई की अधिकृत वेबसाइट पर विभिन्न विषयों के प्रश्न लोड करने का काम शुरू हो गया है और ये साफ्टवेयर जल्द ही टीचर्स के लिए उपलब्ध होगा। इसकी सहायता से तैयार होने वाला यूनिक प्रश्न-पत्र जहां टीचर्स का समय बचाएगा, वहीं स्टूडेंट्स की पेपर आउट ऑफ सिलेबस की शिकायत भी खत्म होगी। सीबीएसई इस सॉफ्टवेयर को नए प्रोग्राम कंटीन्युअस एंड कंप्रहेंसिव इवेल्यूएशन के तहत लांच करने जा रही है। इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स की ओवरऑल डिवेलपमेंट करना है।

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