अंतिम सांस ले रहे व्यक्ति द्वारा दिया बयान चाहे वह मौखिक हो या फिर लिखित या फिर उसका बयान किसी अन्य तरीके से लिया गया हो, वह सबूत के तौर पर अपने आप में पर्याप्त है और यह मामले में निश्चितता का द्योतक भी है। कहने का तात्पर्य यह है कि मरता हुआ व्यक्ति कभी झूठ नहीं बोलता है। यह टिप्पणी करते हुए रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सुधीर कुमार जैन की अदालत ने हत्या के मामले में दोषी पाए 22 वर्षीय युवक को आजीवन कारावास की सुनाई है। अदालत ने फैसले में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि मरता हुआ कोई व्यक्ति जब अपना बयान दे तो उस समय मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य हो। अदालत ने दोषी पर चार हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को दो महीने अतिरिक्त कैद काटनी होगी।
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मौखिक परीक्षा में जुड़ सकेंगे प्राथमिक के अंक-हाईकोर्ट
चंडीगढ़. लोक सेवा आयोग जैसी भर्ती एजेंसियां चाहें तो प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती हैं।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के इस फैसले को चुनौती संबंधी याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि भर्ती एजेंसी परिस्थितियों के मुताबिक प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस गुरदेव सिंह की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि यह संविधान के समानता के अधिकार की अनदेखी नहीं है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ रणबीर सिंह खरब व अन्यों की तरफ से याचिका दायर कर सवाल उठाया गया था कि क्या प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ा जा सकता है।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के इस फैसले को चुनौती संबंधी याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि भर्ती एजेंसी परिस्थितियों के मुताबिक प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस गुरदेव सिंह की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि यह संविधान के समानता के अधिकार की अनदेखी नहीं है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ रणबीर सिंह खरब व अन्यों की तरफ से याचिका दायर कर सवाल उठाया गया था कि क्या प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ा जा सकता है।
फाइनल मेरिट लिस्ट में ही रिजर्व कोटे का लाभ के फैसले को चुनौती
चंडीगढ़ (ब्यूर)। पीपीएससी (पीसीएस) एग्जाम की फाइनल मेरिट में ही रिजर्व कोटे का लाभ मिलेगा, सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस केएस आहलूवालिया और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ में एकल खंडपीठ के फैसले पर सुनवाई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से एचसी अरोड़ा ने कहा कि एकल खंडपीठ का फैसला सही नहीं है। याची का कहना था कि रिजर्व कोटे का लाभ हर परीक्षा में मिलना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जून को होगी। हाईकोर्ट के जस्टिस प्रमोद कोहली ने पीपीएससी (पीसीएस) परीक्षा में रिजर्व कोटे को भी मिले लाभ पर दायर याचिका पर फैसला सुनाया था। जस्टिस कोहली ने कहा था कि परीक्षा की फाइनल मेरिट लिस्ट में ही रिजर्व कोटे का लाभ मिल सकता है। इससे पहले किसी अन्य परीक्षा में नहीं। इसी फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
•पीपीएससी पीसीएस परीक्षा के संबंध में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिया था फैसला
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