तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पर हाईकोर्ट की रोक+++आईएएस के 180 और आईपीएस के 200 पदों पर होगी भर्ती!


जोधपुर.हाईकोर्ट ने शनिवार को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा की संपूर्ण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही पंचायती राज विभाग के सचिव, शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, आरटेट के सचिव सहित संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 13 मार्च तक जवाब मांगा गया है।
न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने जोधपुर निवासी देवीसिंह व अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान स्वप्रेरित प्रसंज्ञान से यह आदेश दिया। अदालत ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान में अब तक आरपीएससी द्वारा ली जाने वाली इस परीक्षा को जिला परिषद के माध्यम से जिलेवार कराने तथा इसमें दिए जा रहे आरक्षण को संविधान की भावना के विरुद्ध माना है।
आरटेट नहीं कराने को लेकर दायर की थी याचिका
प्रार्थियों ने याचिका लगाई थी कि सरकार ने पिछले वर्ष आरटेट कराने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन इसका आयोजन नहीं हुआ। अब शिक्षक भर्ती परीक्षा होने से पिछले वर्ष बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी व पिछली आरटेट में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में या तो उन्हें भर्ती में अंतरिम प्रवेश दिया जाए या भर्ती की संपूर्ण प्रक्रिया को रोका जाए।
मई में होनी थी परीक्षा
41 हजार पदों के लिए भर्ती परीक्षा मई में होनी थी। इस परीक्षा के ऑनलाइन फार्म 2 मार्च से मिलने थे और
फार्म भरने की अंतिम तिथि 2 अप्रैल रखी थी।
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कोटा.संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन प्रो.देवप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि देश में आबादी बढ़ने के साथ सिविल सेवा के पदों की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है। इस साल सिविल सेवा परीक्षा के जरिए आईएएस के 180 और आईपीएस के 200 पदों पर भर्ती की जाएगी।

कई राज्यों में नए जिलों का गठन होने से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की कमी हो गई है, इसलिए सिविल सेवा परीक्षा-2012 मे पदों की संख्या बढ़ाई जा रही है। यहां शनिवार को राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने आए प्रो. अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि सर्विस टैक्स का दायरा व्यापक होने से कर वसूली के लिए अधिकारियों की कमी हो गई है। कर सेवा में भी पदों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

मुख्य परीक्षा के पैटर्न में अभी बदलाव नहीं : 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सिविल सेवा प्रारंभिक का नया पैटर्न-2011 से लागू कर दिया है, लेकिन मुख्य परीक्षा का पैटर्न तय करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो विशेषज्ञों से चर्चा करके रिपोर्ट देगी। इस प्रक्रिया में एक साल और लग सकता है। उन्होंने कहा कि 30 साल में हमारा जीवन स्तर ऊंचा उठा है, लेकिन भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या बन रहा है। देश की तरक्की के लिए अच्छे ब्यूरोक्रेट कैसे चयनित हों, यह सोचकर पैटर्न में बदलाव किए जा रहे हैं।

कॉमन टेस्ट से स्कूल आएंगे छात्र :

एमएचआरडी में संयुक्त शिक्षा सलाहकार रहे प्रो.अग्रवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग में 2013 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लागू करने के बाद 12वीं के अंक जुड़ने से छात्र स्कूल में नियमित पढ़ाई करेंगे। अभी मध्यमवर्ग के अभिभावक भी बच्चों पर 4 से 6 लाख रुपए कोचिंग पर खर्च कर रहे हैं। हिंदी भाषी राज्यों में अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की संख्या 6 गुना बढ़ी है।

देश के 12 लाख बच्चों में से 3 लाख मेधावी छात्र अच्छे इंजीनियर बन सकते हैं। वर्ष 2011 में देश से 64 हजार छात्र शिक्षा और जॉब के लिए अमेरिका गए हैं। वहां की नॉलेज फोर्स में भारतीय ज्यादा हैं।

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