मौलिक अध्यापक संघ ने नव नियुक्त जेबीटी भर्ती से पहले अंतर जिला स्थानांतरण नीति के तहत गृह जिला में तबादले की मांग की है। इस संबध में संघ 10 मई को करनाल में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन करेगा। संघ के जिला प्रधान राजेश दहिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में अध्यापकों ने यह निर्णय लिया।
संघ के जिला प्रधान राजेश दहिया ने कहा कि अध्यापक पिछले 10 साल से अधिक समय से अपने माता-पिता से दूर रह रहे हैं जबकि वर्तमान जेबीटी को गृह जिले दिए जा रहे हैं। इस दौरान गृह जिला में स्थानांतरण की मांग के लिए आवाज उठा चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। दहिया ने कहा कि जेबीटी अध्यापकों का जिला कैडर होता है। सरकार ने शिक्षकों की भर्ती तो गृह जिला से कर की थी लेकिन कार्य ग्रहण अन्य जिलों से करवाया। उसके बाद अध्यापक वहीं काम कर रहे हैं। वर्ष 2015 में सरकार ने जिला तबादला नीति जारी की थी लेकिन कई जिलों में सीटें कम दिखाकर भारी संख्या में जेबीटी को तबादले से वंचित रखा गया।
ये हैं मुख्य मांगें:
मौलिक अध्यापकों का कहना है कि नवनियुक्त जेबीटी भर्ती के बाद यदि अंतर जिला स्थानांतरण नीति के तहत उन्हें गृह जिला मिलता है तो उनकी वरिष्ठता नहीं रहेगी, जो नियमों के विरुद्ध होगा। इसलिए उन्हें नवनियुक्त जेबीटी की भर्ती से पहले अंतर जिला स्थानांतरण नीति का लाभ दिया जाए। सभी मौलिक अध्यापक 10 मई को सेक्टर 12 करनाल में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। प्रदर्शन में प्रदेश के हर जिले से जेबीटी अध्यापक भाग लेंगे।