आयोगों में सदस्यों की नियुक्तियों पर पेंच, सचिव ने उठाए सवाल
आयोगों में सदस्यों की नियुक्तियों पर पेंच, सचिव ने उठाए सवाल अमर उजाला ब्यूरो चंडीगढ़। हरियाणा में सूचना आयुक्तों और सेवा का अधिकार आयोग के सदस्यों की नियुक्ति पर सरकार के लिए संकट पैदा हो गया है। प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव प्रदीप कासनी ने नियुक्ति पर यह कहते हुए आपत्ति जता दी है कि नियुक्ति के लिए राज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई है। साथ ही जिन्हें नियुक्ति दी जा रही है, उनके पहले से लाभ के पदों पर कार्यरत होने की बात सामने आई है। प्रदीप कासनी ने सरकार से कहा है कि इन नामों की राज्यपाल से पुष्टि करवाई जाए, जिससे नियुक्ति पत्र जारी किया जा सके। उधर, प्रदेश के मुख्य सचिव ने कासनी द्वारा उठाई गए आपत्ति के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक ,प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव प्रदीप कासनी ने रविवार को सरकार को अपनी आपत्ति से अवगत करा दिया है। कासनी का कहना है कि नियुक्ति संबंधी फाइल राज्यपाल से मंजूर नहीं कराई गई है। कासनी ने यह भी आपत्ति दर्ज कराई है कि सूचना आयुक्त बनाए गए तीनों लोग पहले से लाभ के पद पर कार्यरत हैं और कुछ सदस्यों को तो बिना नियुक्ति पत्र दिए ही शपथ दिलवा दी गई है। विभाग ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि निवर्तमान राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने कार्यभार छोड़ने से पहले जिस पत्र में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है, उसी पत्र में फेरबदल किया गया है। निवर्तमान राज्यपाल ने 25 जुलाई को मुख्यमंत्री को सूचना आयुक्तों और सेवा का अधिकार आयोग के सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए अधिकृत किया था। सचिव प्रदीप कासनी के पास यह फाइल रविवार को हस्ताक्षर के लिए पहुंची, जिसमें सचिव से कहा गया कि अलग से शामिल नामों को भी मंजूर किया जाए। •सूचना आयुक्तों, सेवा का अधिकार आयोग में बनाए सदस्य •निवर्तमान राज्यपाल के अधिकृत पत्र में नाम जोड़ने का आरोप हाथ से लिखकर जोड़ दिए नए नाम सचिव कासनी ने खुलासा किया कि सरकार ने जो फाइल उन्हें मंजूर करने के लिए भेजी है, उसमें राज्यपाल के अधिकृत पत्र में फेरबदल करते हुए सेवा का अधिकार आयोग के सदस्यों और सूचना आयुक्तों के नाम जोड़ दिए गए हैं। ये सभी नाम अलग से लिखे गए हैं, जबकि बाकी पूरा लेटर टाइप किया गया है। कासनी के मुताबिक, नियुक्ति संबंधी नामों के लिए बाकायदा अलग से मंजूरी ली जानी चाहिए थी। नियमों के मुताबिक निवर्तमान राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के लिए अधिकृत किया था न कि नियुक्तियों को मंजूरी देने के लिए। बिना नियुक्ति पत्र तीन को दिलाई शपथ निवर्तमान राज्यपाल पहाड़िया के दस्तखत वाले पत्र में अलग से आईएएस सरबन सिंह, एडवोकेट अमर सिंह, सुनील कत्याल और लेफ्टिनेंट जनरल टांक के नाम जोड़े गए हैैं। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल टांक को छोड़ बाकी तीन सदस्यों को रविवार को शपथ भी दिला दी गई। सरबन सिंह की रिटायरमेंट इस वर्ष 31 दिसंबर को है। लेकिन अपनी नियुक्ति से कुछ समय पहले ही उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं से अपना इस्तीफा दिया है। सचिव प्रदीप कासनी ने इस संदर्भ में सरकार या राज्यपाल को कोई पत्र लिखा है, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। यदि ऐसा कुछ है तो पत्र देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। -एससी चौधरी, मुख्य सचिव हरियाणा