आंदोलन कमजोर पड़ने की आशंका से लौटे अतिथि
हरियाणा के आंदोलनरत गेस्ट टीचर्स ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर तीन दिन से चला आ रहा धरना खत्म कर दिया है। महेंद्रगढ़ में तीन सप्ताह से चले आ रहे आमरण अनशन और महापड़ाव के कमजोर पड़ने की आशंका के मद्देनजर अतिथि अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने ये निर्णय लिया है।
अब सभी गेस्ट महेंद्रगढ़ में ही डेरा डालेंगे। संघ ने निर्णय लिया कि अगर प्रदेश सरकार मांगें पूरी नहीं करती है तो वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति निवास के बाहर प्रदर्शन करने से भी संकोच नहीं करेंगे।
अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने जंतर-मंतर पर कार्यकारिणी सदस्यों को मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव के साथ हुई वार्ता का पूरा ब्योरा दिया। इसके बाद निर्णय लिया गया कि आंदोलन को मजबूती के साथ एक ही स्थान पर चलाया जाए। दो जगह धरने से आंदोलन कमजोर पड़ सकता है।
अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने जंतर-मंतर पर कार्यकारिणी सदस्यों को मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव के साथ हुई वार्ता का पूरा ब्योरा दिया। इसके बाद निर्णय लिया गया कि आंदोलन को मजबूती के साथ एक ही स्थान पर चलाया जाए। दो जगह धरने से आंदोलन कमजोर पड़ सकता है।
12 घंटे की भूख हड़ताल करेंगे सरकारी कर्मी
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा गेस्ट टीचर्स के आंदोलन में पूरी तरह से कूद पड़ा है। सरकार की वादाखिलाफी और कर्मचारियों की छटनी के खिलाफ 14 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों के समक्ष सरकारी कर्मचारी 12 घंटे की भूख हड़ताल करेंगे। संघ ने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों से किए गए वादो को पूरा करने की बजाय कर्मचारियो को नौकरी से बाहर कर आंदोलन तेज करने पर मजबूर कर रही है।तीन वर्षीय नीति में पक्का होने के पात्र गेस्ट
सर्व कर्मचारी संघ महासचिव सुभाष लांबा व प्रवक्ता मा. वजीर सिंह ने आमरण अनशन से गेस्ट टीचर्स केस्वास्थ्य में आ रही भारी गिरावट पर गहरी चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री से मामले में तुरत हस्तक्षेप की मांग की है। लांबा ने कहा कि गेस्ट टीचर्स रिक्त पदो के विरुद्ध बकायदा विज्ञापनों के तहत और शिक्षा निदेशालय द्वारा किए गए शक्तियो के विकेंद्रीकरण के तहत गठित विभागीय कमेटी द्वारा नियुक्त किए गए है। वे पूर्व हुड्डा सरकार की तीन वर्ष सेवा पूरी करने के बाद वाली नियमितीकरण नीति के तहत पक्के होने के भी पात्र हैंखेल पुरस्कार व छात्रवृत्ति के लिए नहीं राशि का इंतजाम.
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाणा के खेल विभाग ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय खिलाड़ियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप इसलिए नहीं दी जा सकती क्योंकि विभाग के पास उपलब्ध राशि को कॉमनवेल्थ में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बतौर इनाम दे या। इस मामले में दाखिल याचिका में कहा गया था कि
नेशनल व राज्य स्तर पर पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाली इनाम राशि और स्कॉलरशिप जारी करने के राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं। याचिका में मानस गाव की बॉल की चार राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों की स्थिति
को बताते हुए कहा गया कि देश के लिए खेलने वाले इन खिलाड़ियों को परिवार की गुजर बसर के लिए दूसरों के खेतों में गेहूं
काटना पड़ता है। विभाग के अतिरिक्त निदेशक ओपी शर्मा दायर हलफनामे में कहा गया कि विभाग के पास इस समय
इन्हे देने के लिए फंड नहीं है क्योंकि कॉमनवेल्थ के पदक विजेताओं को पैसे देने के बाद अब फंड मौजूद नहीं है। हालाकि इनकी सहायता के लिए फंड के लिए अथॉरिटी को लिखा जा चुका है और वहा से जूरी मिलते ही पैसा जारी कर दिया जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट मे 10 अगस्त को सुनवाई होगी
कर्मचारियों की भूख हड़ताल आज
.हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ व सर्वकर्मचारी संघ, हरियाणा द्वारा अनुबंधित अध्यापकों, कंप्यूटर अध्यापकों और लैब सहायकों की सेवा बहाली की मांग के समर्थन में और इनको बिना शर्त जल्द नियमित करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर आज 14 जुलाई को सुबह 8 बजे से सांय 8 बजे तक उपायुक्त कार्यालय, जींद के सामने 12 घण्टे की भूख हड़ताल की जायेगी। जिसमे 11 पदाधिकारी सर्वकर्मचारी संघ से और 11 पदाधिकारी हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बैठेंगे। सभी पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ता भी पूरे समय भूख हड़ताल स्थल पर मौजूद रहेंगे।
जिला सचिव वेदपाल रिढ़ाल आज जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी नीतियाँ लागू कर रही है जिसके परिणाम स्वरूप सरकार बनने के एक साल के अंदर ही हजारों कर्मचारियों का रोजगार छीना जा चुका है व लगातार कर्मचारी विरोधी नीतियाँ लागू की जा रही हैं शिक्षा का बजट घटाकर पूंजीपतियों की जेबें भरी जा रही हैं ।
अध्यापकों को गैर शैक्षिक कार्यों में उलझाकर कक्षाओं से बाहर रखा जा रहा है । स्कूलों में मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाने की जगह शिक्षा के भगवाकरण की तैयारियाँ चल रही है नई शिक्षा नीति के नाम पर पाठ्यक्रम को अपने अनुसार बदला जा रहा है बच्चों में वैज्ञानिक चिंतन विकसित करने की जगह अंधविश्वासों व आडंबरो को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
जिला प्रैस प्रवक्ता भूप सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द महेंद्र गढ़ में जारी अनुबंधित अध्यापकों की सुध ले व उनकी जायज मांग को पूरा करे अगर किसी भी अनशनकारी अध्यापक के साथ कोई अप्रिय घटना घट गई तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।
राज्य कोषाध्यक्ष महताब सिंह मलिक ने कहा कि सरकार की जनशिक्षा के वर्तमान ढाँचे को समाप्त करने व अपने चहेती निजी कंपनियों को हस्तांतरित करने की साजिश के विरुद्ध अध्यापक संघ ने 23 अगस्त को करनाल में राज्य स्तरीय रैली की घोषणा कर दी गई है यदि तब तक अध्यापकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया व सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो करनाल में पूरे प्रदेश का अध्यापक रैली में उतरकर शिक्षा विरोधी नीतियों का मूंहतोड़ जवाब देगा ।
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