pgt bharti mamla पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित
शिक्षक चयन बोर्ड को खारिज करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित
चंडीगढ़त्न हरियाणा स्कूल टीचर्स सेलेक्शन बोर्ड के गठन को खारिज करने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि एक तरफ हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या 13 से कम कर 7 कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ आयोग का कार्यभार कम करने के लिए हरियाणा स्कूल टीचर्स सेलेक्शन बोर्ड के गठन की बात की |
Pgt bharti result/stay mamla next date 27/8/2013
High court me aaj sunvai thi. Next date 27/8/2013 lagi
Pgt court case
Civil Misc.No.11306 of 2013 &
Civil Writ Petition No.5084 of 2013
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Vijay Kumar Bansal Versus State of Haryana & others
Present:
Mr.Inder Pal Goyat, Advocate,
for the petitioner.
Mr.H.S.Hooda, Advocate General, Haryana with
Mr.D.S.Nalwa, Addl.A.G.Haryana,
for the State.
Mr.H.N.Mehtani, Advocate,
for respondent No.3.
Mr.Arvind Seth, Advocate,
for respondent Nos.6 to 10.
Mr.Vinod S.Bhardwaj, Advocate.
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Civil Misc.No.11306 of 2013
Learned Advocate General states that pending consideration
of
this petition, they are not issuing any appointment letters and,
thus, there is no need for any further interim orders. The
aforesaid statement is taken on record. Application stands
disposed of.
Civil Writ Petition No.5084 of 2013
Learned senior counsel for the petitioner is stated to be busy
in
some other Court. List as part heard on 19.8.2013.
( SANJAY KISHAN KAUL )
CHIEF JUSTICE
(AUGUSTINE GEORGE MASIH)
JUDGE
August 13, 2013
हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने अंडरटेकिंग दी है कि इस मामले के कोर्ट में विचाराधीन रहने तक किसी भी टीचर को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया जाएगा।
चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक अर्जी की सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने अंडरटेकिंग दी है कि इस मामले के कोर्ट में विचाराधीन रहने तक किसी भी टीचर को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया जाएगा। एडवोकेट जनरल हवा सिंह हुड्डा ने चीफ जस्टिस की खंडपीठ के सामने यह हलफनामा दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील इंद्र पाल गोयत ने चीफ जस्टिस की खंडपीठ को बताया कि हरियाणा टीचर भर्ती बोर्ड द्वारा जिन पीजीटी टीचरों के परिणाम घोषित किए गए हैं। शिक्षा विभाग ने उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने गत 11 अप्रैल के अपने आदेश में भर्ती प्रकिया जारी रखने और नए परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था। गोयत के तर्क पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल हवा सिंह हुड्डा ने खंडपीठ के सामने हलफनामा देकर कहा कि सरकार केवल चयनित उम्मीदवारों के प्रमाण पत्रों की जांच करेगी किसी को भी नियुक्ति नहीं देगी। इस मामले में संजीव बंसल नाम के एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अर्जी दाखिल की थी कि जब तक यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तब तक किसी को नियुक्ति न दी जाए। याणा के एडवोकेट जनरल ने अंडरटेकिंग दी।
PGT DOCUMENT VERIFICATION SCHEDULE
पीजीटी भर्ती में शर्तों से बढ़ी ग्रामीण युवाओं की मुसीबतें !+++पात्र अध्यापकों ने दिया अल्टीमेटम
खुल जा सिम-सिम, खुल जा सिम-सिम की तर्ज पर जब सिम खुली तो सब हक्के-बक्के रह गए। मतलब ये कि हुड्डा कार्यकाल-। में यह सुना था कि टीचरों की भर्ती होगी पर यह कार्यकाल चला गया ङ्क्षकतु टीचर भर्ती नहीं हो पाई। हां, गेस्ट टीचर के रूप में नया विकल्प जरूर नजर आया। हुड्डा कार्यकाल-2 में भी यही उम्मीद रही और इस बीच शिक्षा अधिकार कानूून ही लागू भी हो गया परंतु शिक्षक भर्ती का ढोल ही नहीं बजा बल्कि कभी गेस्ट टीचर लड़ते दिखाई दिए कभी पात्र अध्यापक तो कभी सरकारी शिक्षकों की पुकार नजर आई परन्तु टीचर भर्ती हिचकोले ही लेती रही।
मामला कोर्ट में चलता रहा और सरकार बार-बार समय लेती रही। आखिरकार टीचर भर्ती बोर्ड का गठन हुआ। आंदोलन चलते रहे और आखिरकार लेक्चरर का पदनाम बदलकर पीजीटी कर प्रदेश के स्कूली इतिहास में सबसे बड़ी भर्ती का ढोल पीटा गया मगर इस ढोल ने जहां अधिक शोर किया वहीं एक नया विवाद भी खड़ा कर दिया है। सबसे पहले यूं खुली गई टीचर भर्ती के लिए जहां अनुभव का जिक्र है। एचटीईटी/एसटीईटी का जिक्र है लेकिन केंद्र द्वारा लिए जाने वाले सीटीईटी का कहीं भी जिक्र नहीं है।
इतना भी चल जाता परंतु पहली बार पीजीटी पदनाम बनाकर बीएड की शर्त लगाई गई है जबकि पूर्व में कभी भी ऐसा नहीं रहा। यहां तक भी चलता परंतु पता नहीं टीचर भर्ती के मन में क्या आया कि ‘गुड एकेडमिक रिकार्डÓ के नाम पर तीन लोअर परीक्षा में से दो में 50 फीसदी अंक व एक में 45 फीसदी अंक की शर्त भी लगा दी। बताते हैं कि इस शर्त से लगभग चालीस से पचास फीसदी ग्रामीण बेरोजगार शिक्षक, इतने ही गेस्ट टीचर, 40-50 फीसदी बीसी उम्मीदवार तथा करीब-करीब इतना ही एससी उम्मीदवार बिना कुछ किए ही दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
यहां यह भी बता देना जरूरी है कि एससी आदि वर्ग को 5 फीसदी की छूट देने के बाद भी उनकी आशाओं पर पानी फिर गया। कारण चालीस फीसदी पात्र अध्यापक भी इससे बाहर हो गए। ऐसे में बात यहां तक उठ रही है कि शायद, विभाग ने इसमें कोई भूल की है, या जान-बूझकर इस तरह की अड़चनें पैदा की की गई हैं। जानकारों का कहना है कि अगर इन सभी शर्तों को पूरा किया जाता है तो ग्रामीण इलाकों के अलावा बड़ी संख्या में आरक्षित वर्गों के युवाओं को इससे नुकसान होगा। खास बात यह है कि ऊपरी परीक्षाओं को तवज्जो देने का कहीं जिक्र ही नहीं किया गया। मसलन बीएड, एमएड, एमफिल, पीएचडी व एलएलएम आदि। यह भी मुद्दा उठ रहा है कि क्या तीन लोअर एग्जाम में कम अंक लेने वाले पढ़ाने योग्य नहीं है या फिर उच्च अंक प्राप्त करने वालों को प्रमाणित माना जा सकता है। हैरत की बात तो यह है कि कालेज/विवि. में सहायक प्रोफेसर बनने के लिये भी इतना कड़ा गुड एकेडमिक रिकार्ड नहीं है। वहां पर दसवीं, जमा दो और स्नातक स्तर पर 50 फीसदी के साथ दो सैंकेड क्लास चाहिए और स्नातकोत्तर में प्रथम श्रेणी वालों पर यह शर्त भी लागू नहीं होती। दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन में सिर्फ अंकों के आधार पर तो कुछ भी कहना संभव नहीं है।
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