Date Sheet issued for M.ed.,B.ed. and D.ed.Ist and 2nd Year.

Kurukshetra University Kurukshetra
Date Sheet issued for M.ed.,B.ed. and D.ed.Ist and 2nd Year.
Date-sheet for Bachelor of Education (B.Ed.) (New Syllabus




http://www.kuk.ac.in/userfiles/file/datesheets/B_Ed_%20M_Ed_%20D_Ed.pdf

प्रदेश में 1300 अध्यापकों को मिलेगा पदोन्नति का तोहफा

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : राज्य के 600 मास्टरों और सीएंडवी अध्यापकों को लेक्चरर के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाएगी। 700 अध्यापकों को मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इन मुख्याध्यापकों को हाईस्कूलों में भेजा जाएगा। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन तथा निदेशक विजयेंद्र कुमार से हुई वार्ता के दौरान यह फैसला लिया गया है। शिक्षा विभाग ने दोनों तरह की पदोन्नति सूची जल्द जारी करने की बात कही है। मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा जिन 600 मास्टरों व सीएंडवी अध्यापकों को लेक्चरर के पद पर पदोन्नत देने का फैसला किया है, उनमें 63 अर्थशास्त्र और 114 अंग्रेजी विषय के हैं। राज्य में 1600 हेडमास्टरों के पद हैं, जिनमें से 1100 खाली हैं। शिक्षा विभाग द्वारा 4700 तक वरिष्ठता सूची के अध्यापकों को मुख्याध्यापक पद पर पदोन्नति प्रदान की जाएगी। इनकी संख्या करीब 700 है। इन पदोन्नतियों के बावजूद मुख्याध्यापक के 400 पद खाली रहेंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मलिक ने निदेशक से मास्टरों के मांग पत्र पर विस्तृत चर्चा के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को पदोन्नति सूची अग्रिम तौर पर तैयार रखनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उसे इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य अध्यापकों की प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में कटौती को किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

परीक्षा से वंचित पॉलीटेक्निक विद्यार्थियों को दोबारा मौका

रोहतक, जागरण संवाद केंद्र : पिछले महीने पॉलीटेक्निक शिक्षकों की हड़ताल के कारण परीक्षा से वंचित रहे विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए एक और मौका मिलेगा। हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजूकेशन ने वंचित विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है। परीक्षाएं 29 जून से 4 जुलाई तक होंगी। सीआर पॉलीटेक्निक रोहतक के प्रिंसिपल सुशील बाल्याण ने बताया कि स्टेट टेक्निकल बोर्ड ने परीक्षाएं देने से वंचित रहे विद्यार्थियों को एक और मौका दिया है। टेक्निकल बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षा तिथियों की सूचना दी गई है। परीक्षा से वंचित रहे पॉलीटेक्निक विद्यार्थियों की परीक्षाएं 11 संस्थानों में होगी। इनमें अंबाला का गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक, ग‌र्ल्स पॉलीटेक्निक, हिसार का गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक, झज्जर पॉलीटेक्निक, आदमपुर पॉलीटेक्निक, सिरसा पॉलीटेक्निक, सिरसा महिला पॉलीटेक्निक, रोहतक के सीआर पॉलीटेक्निक, वैश्य टेक्निकल इंस्टीट्यूट रोहतक व नरवाना गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक शामिल हैं।

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पंजाब-14000 कर्मियों को रेगुलर करने का भारी दबाव

पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार पर 14000 कर्मचारियों को रेगुलर करने का दबाव बढ़ गया है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ रोष भी बढ़ता जा रहा है। उन्हें डर है कि कहीं विधानसभा चुनाव की घोषणा न हो जाए और इस बार भी उन्हें निराश न होना पड़े।

सरकार हालांकि आचार संहिता लागू होने से पहले उन्हें पक्का करना चाहती है, लेकिन कई कानूनी अड़चनों के चलते ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। इसमें बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं, जो 20-20 साल से कॉन्ट्रेक्ट पर ही काम कर रहे हैं और उनकी आयु सीमा भी पूरी हो चुकी है, जिससे उनको रेगुलर करने में अड़चन आ रही है।

पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारी डेलीवेजिज और कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे है। इस उम्मीद के साथ कि एक न एक दिन सरकार उनको पक्का करेगी। राज्य में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन उन्हें सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। हर सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों को पक्का करने की बात की, लेकिन सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी इनकी स्थिति जस की तस रही।

संघर्ष करने को मजबूर : गुरमेल सिद्धू

अकाली-भाजपा सरकार ने भी 2007 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में इनको पक्का करने का जिक्र किया था, लेकिन चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इनको पक्का नहीं किया गया। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष गुरमेल सिंह सिद्धू का कहना है कि कॉन्ट्रेक्ट या डेलीवेजिज पर रखा गया कर्मचारी भी उतना ही काम करता है, जितना कि एक रेगुलर कर्मचारी।

फिर भी सरकार लंबा समय बीत जाने के बावजूद उनको पक्का नहीं करती। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर राज्य में कई बार धरने-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने मांगे नहीं मानी हैं। अब चुनाव से पहले कर्मचारियों की मांगों को लेकर अगर सरकार ने कोई निर्णय न लिया तो कर्मचारी संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

याद है वादा

कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार गंभीर है। अकाली-भाजपा सरकार को अपनी चुनावी घोषणाएं याद हैं। नियम के मुताबिक सरकार रेगुलर होने वाले कर्मचारियों को चुनाव से पहले पक्का कर देगी।
-सुखबीर सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री, पंजाब।

पाठ्यक्रम अंतिम तिथि

पाठ्यक्रम :-एमएससी (एप्लाइड सायकोलोजी, डेवलपमेंट कम्युनिकेशन, एडवर्टाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन,मास कम्युनिकेशन, कैमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, बायोटेक्नोलोजी, एन्वायरनमेंट साइंस, फूड टैक्नोलोजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलोजी), पीजी डिप्लोमा (टूरिज्म पीआर, डिफेन्स जर्नलिज्म, पिगमेंट एंड पेंट टेक्नॉलोजी), एम फार्मा, एम टेक आदि
संस्थान : गुरु जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार (www.gjut.ac.in)
आवेदन :- संस्थान की वेबसाइट से प्रॉस्पेक्टस डाउन लोड किया जा सकता है.
अंतिम तिथि :-4 जुलाई
* पाठ्यक्रम :-एमकॉम, एल एलएम, एमबीए, एमए (इकोनोमिक्स और एजुकेशन) एम फिल, पीएचडी
संस्थान :-सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा, महेंद्रगढ़,
प्रॉस्पेक्ट्स : वेबसाइट  www.cuharyana.org से डाउन लोड कर सकते है
एडमिशन :- दिनांक 17 जुलाई को आयोजित की जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर
अंतिम तिथि :-24 जून
* पाठ्यक्रम :-सर्टिफिकेट कोर्स (ट्रांसलेशन,वाटरशेड टैक्नोलोजी, योग), डिप्लोमा (योग, टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, क्रिमिनोलोजी एंड फोरेंसिक साइंस, रिमोट सेंसिंग आदि), एलएलएम, एमपीएड, एम लिब, एमएड, एमएससी, एमटेक, एमफिल आदि
संस्थान :- पं. रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी, रायपुर
प्रोस्पेक्टस:- संस्थान की वेबसाइट www.prsu.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि :-30 जून
*पाठ्यक्रम :- बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स,मास्टर ऑफ ऑक्युपेशनल थिरेपी,,मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी
संस्थान :-ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, मुम्बई
प्रॉस्पेक्टस:-संस्थान की वेबसाइट www.aiipmr.gov.in  से डाउनलोड कर सकते हैं।

विद्यार्थी मित्रों का महापड़ाव समाप्त- मांगों पर हुई सहमति

 

राजस्थान विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ ने विभिन्न मांगों के निस्तारण की मांग को लेकर सोमवार को शिक्षा निदेशालय के द्वार पर ताला जड़ दिया। मौका स्थल पर सरकार विरोधी नारे लगाए तथा सरकार की दमनकारी नीतियों पर रोष प्रकट किया। विद्यार्थी मित्रों ने सुबह नौ बजे निदेशालय के द्वार पर ताला लगाया दिया जिससे निदेशालय के कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों की समझाइश के बाद भी विद्यार्थी मित्र अपनी मांगों पर डटे रहे और ताला नहीं खोला। मौके पर उपस्थित पुलिस प्रशासन ने भी विद्यार्थी मित्रों से समझाइश की। करीब 11 बजे निदेशक से वार्ता करवाने की बात पर विद्यार्थी मित्रों ने ताला खोला। निदेशक से दूरभाष पर वार्ता के बाद विद्यार्थी मित्रों का 12 दिवसीय महापड़ाव समाप्त हुआ। सोमवार को सुबह से ही विद्यार्थी मित्रों ने अपनी घोषणा के तहत आंदोलन को तेज कर दिया तथा मांगों के समाधान की मांग करने लगे। सुबह से शाम तक करीब तीन बार विद्यार्थियों ने निदेशक व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से वार्ता की। शाम करीब छह बजे निदेशक डॉ.वीना प्रधान ने दूरभाष पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को महापड़ाव स्थल पर विद्यार्थी मित्रों से वार्ता कर धरना समाप्त करवाने की बात कही। इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारी अतिरिक्त निदेशक एम.एल.खींची, उपनिदेशक लक्ष्मण प्रसाद व सहायक निदेशक सतर्कता रामप्रसाद महापड़ाव स्थल पर पहुंचे और विद्यार्थी मित्रों से वार्ता की। वार्ता में विद्यार्थी मित्रों की नौ में से चार मांगों पर सहमति बनी। इस पर विद्यार्थी मित्रों के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने निदेशक डॉ.वीना प्रधान से दूरभाष पर वार्ता कर महापड़ाव को समाप्त करने की घोषणा की।महापड़ाव के समाप्त होने की घोषणा पर अतिरिक्त निदेशक एम.एल.खींची ने अनशन पर बैठे प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी व प्रदेश उपाध्यक्ष सवाई सिंह राठौड़ को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने कहा कि मांगों की सहमति पर विद्यार्थी मित्र महापड़ाव को समाप्त कर रहे हैं पर विद्यार्थी मित्रों का संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। विद्यार्थी मित्र नेता अशोक सियाग ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए हम एक कदम पीछे ले रहे हैं पर संघर्ष जारी रहेगा।


इन मांगों पर हुई सहमतिशिक्षा सत्र 2011-12 में विद्यार्थी मित्रों के पद स्वीकृत रखने।
महंगाई को देखते हुए मानदेय में बढ़ोतरी कर पांच हजार रुपए करने।
विद्यार्थी मित्रों के दस माह से बकाया वेतन का भुगतान । समानीकरण, एकीकरण, आरपीएससी, डीपीसी से प्रभावित विद्यार्थी मित्रों का शिक्षा में समायोजन करना।
यह मांगें रही लंबितशीतलकालीन अवकाश का मानदेय सुनिश्चित करने व ग्रीष्मकालीन अवकाश का मानदेय देने।
अप्रशिक्षित विद्यार्थी मित्रों को सरकार द्वारा प्रशिक्षण देने।
विद्यार्थी मित्रों को आकस्मिक अवकाश व महिलाओं को प्रसूति अवकाश सुनिश्चित करने।
विद्यार्थी मित्रों को टेट की प्रक्रिया से मुक्ति।
जयपुर महापड़ाव में विद्यार्थी मित्रों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने।
विद्यालय में आयोजित शैक्षणिक, अशैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विद्यार्थी मित्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने संबंधित मांगें लंबित रही।

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नर्सिगकर्मियों के 100 पदों पर भर्ती की मंजूरी

अजमेर। जेएलएन और जनाना अस्पताल में लंबे समय से चल रही नर्सिग कर्मियों का टोटा अब कुछ कम होने के आसार हैं। राज्य सरकार ने 100 नर्सिग कर्मियों की भर्ती के लिए स्वीकृति दे दी है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के वित्त और प्रशासनिक विभाग ने जेएलएन अस्पताल में 100 नर्सिग कर्मियों, 10 टेक्नीशियंस और 20 वार्ड बॉय के पदों पर भर्ती की स्वीकृति दे दी है।
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जुलाई से पंजाब में 12वीं तक लड़कियों की शिक्षा बिलकुल मुफ्त

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अपने शासन काल के अंतिम साल के खत्म होने के कगार पर एक और लोक लुभावना फैसला लेते हुए एक जुलाई से बारहवीं कक्षा तक राज्य की सभी लड़कियों को बिलकुल मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने का इंतजाम कर दिया है। उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की अध्यक्षता में आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हुई बैठक में ये महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक अब पंजाब के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 12वीं तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। राज्य में 476 सहायता प्राप्त स्कूल हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले से भ्रूण में ही कन्याओं की हत्या करने पर अंकुश लगेगा और गरीबी की वजह से भी किसी बच्ची को स्कूल छोडऩे के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
पंजाब सरकार इससे पहले छात्राओं को लेकर एक और फैसला ले चुकी है जिसके तहत 12वीं तक की छात्राओं को मुफ्त में साइकिलों बांटी जाएगी।

शिक्षाकर्मी भर्ती के लिए पीजी जरूरी

रायपुर.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने शिक्षाकर्मी भर्ती के संबंध में आदेश जारी किया कि वर्ग एक की भर्ती के लिए संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री मान्य है।

डिग्री के संबंध में जिलों से सुझाव मांगे जा रहे थे कि जीवविज्ञान के लिए पीजी डिग्री में माइक्रोबायोलाजी, बायोटेक्नालाजी, और जैव प्रौद्योगिकी विषय को मान्य किया जाए या नहीं।

इसी तरह भौतिक विषय में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए इलेक्ट्रानिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, गणित में सांख्यिकी व संस्कृत में क्लासिक आदि समकक्ष विषय आ सकते हैं या नहीं। प्रमुख सचिव विवेक ढांड ने आदेश जारी कर कहा कि संशोधित प्रावधान के अनुसार केवल तत्संबंधी विषय में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ बीएड मान्य किया गया है।

संस्कृत डिग्रीधारी भर्ती से वंचित :

संस्कृत में बीए और एमए डिग्रीधारी छात्रों ने शिक्षाकर्मी भर्ती में उपेक्षा का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि भर्ती में बीए क्लासिक (संस्कृत) व एमए क्लासिक (संस्कृत) छात्रों की उपेक्षा की जा रही है। शिक्षाकर्मी भर्ती में मात्र दो वर्ष एमए संस्कृत की पढ़ाई करने वालों को तीन और पांच वर्ष तक सिर्फ संस्कृत का अध्ययन करने वालों से अधिक योग्य समझा जा रहा है।

राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) 31 जुलाई को

राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) 31 जुलाई को होगी। राज्य सरकार ने इसके आयोजन के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को मंजूरी दे दी है। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 22 जून से फिर शुरू होगी। अंतिम तिथि 30 जून रहेगी। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने सोमवार को बताया कि बोर्ड ने सरकार को 24 या 31 जुलाई को टेट परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव भेजा था। 22 जुलाई से बोर्ड की वेबसाइट www.rtet2010.org, www.rtet2011.com से आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

आवेदन पत्र का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व बैंक चालान जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जून को शाम 5 बजे तक रहेगी। आवेदन पत्र और संबंधित दस्तावेज संग्रहण केंद्रों पर जमा कराने की अंतिम तिथि 1 जुलाई है। आवेदक 15 जुलाई से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। 31 जुलाई को दो पारियों में परीक्षा होगी।

ये होंगे पात्र
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. गर्ग के मुताबिक राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ द्वारा 20 मई को पारित निर्णय के तहत सरकार ने बोर्ड को 17 जून को निर्देश जारी किए हैं :
> राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 27 सितंबर, 09 को जारी अधिसूचना से पहले शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए स्नातक या उसके समकक्ष पाठयक्रम में न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं है।
> एनसीटीई की 27 सितंबर, 07 तथा 31 अगस्त, 09 को जारी अधिसूचना के बीच की अवधि में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए स्नातक या इसके समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक जरूरी। जम्मू व कश्मीर से इस अवधि में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी 45% अंक जरूरी।
> 31 अगस्त, 09 की अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को न्यूनतम प्राप्तांक 50% की बाध्यता रहेगी। जम्मू व कश्मीर से पाठ्यक्रम करने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी यही शर्त लागू होगी।

अब तक 5.66 लाख आवेदन
टेट के लिए 5.66 लाख आवेदन जमा हो चुके हैं। 22 जून से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया में आवेदनों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। कोर्ट के आदेश पर अचानक बंद हुई प्रक्रिया के कारण अपना शुल्क जमा नहीं करा सके अभ्यर्थी पुराने रजिस्ट्रेशन के आधार पर बैंक में चालान जमा कर सकेंगे। बोर्ड ने आवेदन पत्र व अन्य दस्तावेज जमा करने के लिए उन्हीं संग्रहण केंद्रों को रखा है, जो पूर्व में बनाए गए थे। बोर्ड द्वारा कंट्रोल रूम भी शुरू किया जा रहा है।

पैराटीचर्स के लिए भी जरूरी
विद्यार्थी मित्र, शिक्षाकर्मी, राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशालाओं में कार्यरत पैरा-टीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स आदि को एनसीटीई ने किसी प्रकार की छूट नहीं दी है। इन श्रेणियों के सभी व्यक्तियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।

कॉमर्स अभ्यर्थी बैठ सकेंगे
एनसीटीई की 10 जून 2011 को जारी अधिसूचना के मुताबिक वाणिज्य स्नातक के बाद बीएड करने वाले अभ्यर्थी टेट के लिए योग्य माने गए हैं।

B.Ed.(2-YEAR)-kuk

B.Ed.(2-YEAR) PART-I
Admission will be made on the basis of merit in the qualifying examination and as per
reservation policy of Haryana Govt. The schedule for submission of Admission Forms is as under:
1. Last date of Receipt of
Admission Forms :
29.07.2011 (Friday)
Merit list will be displayed on
KUK website :
http://www.kuk.ac.in
2. Admission fees/dues are to be deposited only on demand from the Directorate after
declaration of merit list and finalization of admission.

Admission Schedule

15 साल बाद जन्म प्रमाणपत्र में दर्ज नहीं हो सकेगा नाम,#अरे..ये गुरुजी तो बड़े चालबाज निकले

जींद, जागरण संवाद केंद्र : 15 साल की उम्र होने के बाद बच्चे का नाम जन्म प्रमाणपत्र में दर्ज नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था प्रदेश सरकार ने सात माह पूर्व कर दी थी, लेकिन अधिकतर लोगों को अब तक इसकी जानकारी नहीं है जिस कारण विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। गौर हो कि काफी लोग बच्चों के नाम जन्म प्रमाणपत्र में नहीं लिखवाते। इसके चलते जिन बच्चों की उम्र 15 साल से ज्यादा हो गई है, अब उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने इस संबंध में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी। उन्होंने पूछा था कि क्यों 15 साल के बाद विभाग नाम नहीं दर्ज कर रहा? और इसके बाद नाम लिखवाने की क्या प्रक्रिया है? विभाग ने स्पष्ट किया है कि 12 सितंबर 2010 तक तो कभी भी बच्चे का नाम जन्म प्रमाणपत्र में दर्ज कराने की सुविधा थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने उक्त तिथि के बाद 15 साल बाद जन्म प्रमाणपत्र में नाम दर्ज करने पर पूरी तरह से यह पाबंदी लगा दी है।
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अरे..ये गुरुजी तो बड़े चालबाज निकले
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : शिक्षा विभाग में आनलाइन तबादलों को लेकर गुरुजनों की नई चालबाजी उजागर हुई है। गुरुजनों ने शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर न केवल अपने प्रतिद्वंद्वी शिक्षकों को दुर्गम तथा पिछड़े इलाकों में भेजने का आवेदन कर दिया, बल्कि कई ऐसे शिक्षकों के आवेदन भी कर डाले, जो अपने वर्तमान कार्य स्थल से तबादले के कतई इच्छुक नहीं हैं। तबादला चाहने अथवा नहीं चाहने वाले गुरुजनों को अपने साथियों की इस चालबाजी का पता तब चला, जब वह स्वयं शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपनी इच्छा के अनुसार आवेदन करने लगे। वेबसाइट खोलते ही ऐसे शिक्षकों ने अपना आवेदन करना चाहा तो उन्हें जवाब मिला कि उन्होंने पहले ही अपनी इच्छा से शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया है। यानि उनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है। वेबसाइट पर स्वयं रजिस्ट्रेशन किए बिना रजिस्ट्रेशन हो जाने की सूचना पर गुरुजनों के होश उड़ गए। प्रदेश भर में गुरुजनों की इस आपसी चालबाजी और मजाक का करीब 600 शिक्षक शिकार हुए हैं। शिक्षा विभाग ने व्यवस्था दी थी कि तबादला चाहने वाले और नहीं चाहने वाले शिक्षकों को आनलाइन आवेदन करना होगा। यह समय सीमा 15 जून को समाप्त हो चुकी है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के अध्यक्ष किताब सिंह मोर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, मुख्यमंत्री के ओएसडी एमएस चोपड़ा, शिक्षा निदेशक विजयेंद्र कुमार तथा अतिरिक्त निदेशक सतबीर सैनी को इस पूरे गोरखधंधे की जानकारी दी। शिक्षा मंत्री से चली लंबी वार्ता के दौरान विभाग चालबाजी का शिकार हुए शिक्षकों को राहत देने पर राजी हो गया है। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर निदेशक विजयेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे शिक्षक जिन्हें अपने साथ धोखा होने का अंदेशा है, वह सोमवार 20 जून शाम पांच बजे तक अपनी निजी मेल-आईडी से आवेदन कर स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। इस मेल में शिक्षकों को अपना फोन नंबर भी लिखना होगा, ताकि विभाग की ओर से फोन कर उनसे कन्फर्मेशन ली जा सके। शिक्षा निदेशक ने बताया कि ऑनलाइन प्रणाली के तहत 15 जून तक प्राप्त सभी स्थानांतरण आवेदनों को संबंधित अध्यापकों के अवलोकनार्थ विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया गया है, ताकि उनमें यदि कोई त्रुटि है तो उसे दूर करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा अपने संसाधनों तथा तरीकों से इस बात का पता लगाया जा रहा है कि शरारत करने वाले लोग कौन हैं। शिक्षा विभाग इस कार्य में पुलिस के साइबर सेल की भी मदद ले रहा है।
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स्विस बैंक से कालाधन निकाल रहे धाताधारक
नई दिल्ली, एजेंसी : कालेधन पर दुनिया भर में चल रही सरगर्मी को देखते हुए स्विस बैंकों के खाताधारकों ने धन निकालना शुरू कर दिया है। इसी वजह से पिछले साल कालेधन के पनाहगाह स्विस बैंक की विदेशी संपत्ति में करीब 50 हजार करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। काफी समय से भारत समेत पूरा विश्व कालाधन को गुप्त और सुरक्षित रखने के लिए स्विस बैंक की आलोचना कर रहा है। हालांकि स्विस बैंक के अधिकारी इस बात से इंकार कर रहे हैं कि डर की वजह से खाताधारक खाते से धन निकाल रहे हैं। वह इसकी वजह कुछ और बता रहे हैं। स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2010 के आखिर तक विदेशी खातों में जमा 2.49 ट्रिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 13 लाख करोड़ रुपये) घटकर 2.39 ट्रिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 12 लाख 60 हजार करोड़ रुपये) हो गया। हालांकि यहां भारतीयों द्वारा जमा काला धन का निश्चित आंकड़ा नहीं है। अनुमान के मुताबिक यह राशि 1.5 ट्रिलियन डॉलर (लगभग छह लाख 72 हजार करोड़ रुपये) है। स्विस बैंकर्स एसोसिएशन (एसबीए) के अंतरराष्ट्रीय संचार प्रमुख जेम्ल नेसन ने कहा कि यह बदलाव केवल ग्राहकों के बर्ताव से नहीं है बल्कि विदेशी मुद्रा के मूल्य और शेयरों के कारण भी हुआ है। उनके मुताबिक विदेशी खाताधारी अपने धन को स्विस समकक्षों की तुलना में डॉलर और यूरो में ज्यादा रखते हैं। स्विस फ्रैंक के मुकाबले डॉलर और यूरो की कीमत में बदलाव के कारण इस पर बड़ा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुद्रा की कीमतों में गिरावट निजी विदेशी ग्राहकों के साथ विदेशी व्यावसायिक और संस्थागत ग्राहकों में भी साफ देखा जा सकता है। स्विस बैंक के सभी खाताधारियों में यह गिरावट बैंक के 4.45 ट्रिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 23 लाख 51 हजार करोड़ रुपये) का करीब 1.3 प्रतिशत है। स्विस संसद ने काला धन मामले में भारत और दूसरे देशों के साथ कर संधि में संशोधन को मान्यता दे दी है। इसके आधार पर सभी देश अपने नागरिकों द्वारा स्विस खातों में जमा काला धन की जानकारी आसानी से ले सकते हैं। गौरतलब है कि इस समय भारत सरकार कालाधन को वापस लाने के लिए विपक्ष, सुप्रीम कोर्ट और नागरिक संगठनों के जबरदस्त दबाव झेल रही है। सरकार ने इस मामले में कई तरह की पहल भी की है।

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