important for every teacher

HARYANA GOVERNMENTSCHOOL EDUCATION DEPARTMENTORDER
Shri Gian Chand, Principal, Govt. Senior Secondary SchoolJodhkan (Sirsa) was chargesheeted vide order No. 5/75-2009-HRG-1(1)/1962 dated 20.10.2009 under Rule 7 of Haryana Civil Services(Punishment and Appeal) Rules, 1987 on the following charge: -E.: . Ding (Sirsa) against theaccused Janak Raj, Satpal, Gurmeet Rai, Surech Kumar, Satish Kumarand Raj Kumar. He further contests that any such thing has happenedon that day and it might have happened on some earlier day, though nosuch thing ever came to his notice. He stated that there was a lot ofconflict amongst guest and regular teachers. He further stated that thisschool results have been good which reveal good administration andI have gone through the chargesheet, reply thereof, comments ofDEO, submissions put forth at the time of personal hearing, order dated06.04.2010 passed in Criminal Case by Judicial Magistrate 1st Class,Sirsa and connected provisions of Haryana Civil Services (Punishmentand Appeal) Rules, 1987. From the perusal of order dated 06.04.20101,it is clear that the accused persons have been acquitted of the chargeslevelled against them by giving them benefit of doubt on account of thefailure of the prosecution to bring home the guilt of the accused persons.Further, from the perusal of comments submitted by DEO Sirsa on thereply to the chargesheet and submissions at the time of personal hearingby the said incumbent, it is clear that the Principal was very muchpresent in the institution at the time of occurrence of event, may be inany form. Hence, he should have been vigilant enough and be aware ofany untoward incident instead of the same being in the knowledge ofgeneral public. Accordingly, this reflects laxity and indiscipline on hispart particularly in such like delicate issues.
Taking an overall view of the matter, a penalty of stoppage of twograde increments without cumulative effect is inflicted upon Shri GianChand, Principal, Govt. Senior Secondary School Jodhkan (Sirsa) asprovided in Rule 7(2)(e) of Haryana Civil Services (Punishment andAppeal) Rules, 1987.
I order accordingly.
(Sur Rajan)Regd. Financial Comm ssioner & Principal

"That on 28.05.2009 Sh. Janak Raj and Sh. Gurmeet Ram,Computer Operators, Sh. Ravel Singh, Science Master, Sh. SatpalSingh, S.S. Master, Sh. Raj Kumar, Lecturer in Economics, Sh.Mool Chand, Mathematics Master and Sh. Suresh Kumar, HindiTeacher (Guest Faculty) were found seeing obscene CD oncomputer in the premises of Govt. Senior Secondary SchoolJodhkan (Sirsa). In consequence thereof, FIR was got registeredagainst the said persons by Sh. Mange Ram, Sarpanch of thevillage and further, residents of the village locked the said Schooland blocked the National Highway No. 10.
In this way, it depicts that you have no administrative controlas Principal over the School."
He replied to the said chargesheet on 24.11.2009 and thereafter,comments of District Education Officer (DEO) Sirsa were sought on thesaid reply, wherein he has held the said incumbent responsible for theincident. Further, DEO has made clear that though the said incumbentis not directly involved in the said episode, but at the relevant time hewas present in the School and being Head of the institution, he cannotabsolve himself of the responsibilities and it is incumbent upon him totake preventive measures in advance of avoiding such immoral incidents.While replying to the chargesheet, the said incumbent sought personalhearing and accordingly, he was heard in person on 16.11.2011.
During personal hearing, he stated that presently he is posted asSenior Lecturer, DIET Ding (Sirsa) and was recruited as Lecturer by wayof direct appointment in 1995 and promoted ac Principal in 2006. Thefollowing guest teachers were appointed during his tenure in 2007: -
Sh. Ramesh - Hindi Lecturer
Sh. Jagdish - Economics Lecturer
Sh. Yashpal - History Lecturer'
Sh. Suresh Kumar - Hindi Teacher5. Sh. Chanderjit - Maths Master
He further submitted that regular teachers against Sh. Jagdish andSh. Chanderjit came and joined on promotion, but villagers wanted onlylocal teachers (Guest or otherwise). He presented a copy of the decisionin a Criminal Case No. 517-1 dated 06.04.2010 in FIR No. 68 dated28.05.2009 under Section 292/294/34 IPC, P.
control.
.no-5/75/2009 hrg id          dated 28-11-011

kuk notice for doing additional sibjects


emendment in regulartion policy-Haryana

पदोन्नति में आरक्षण मामला: राज्य सरकार बताए एससी/एसटी वर्ग के कितने अधिकारी?

जयपुर.पदोन्नति में आरक्षण मामले में सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को उनकी पुन: अर्जित वरिष्ठता का लाभ देने के आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को गुरुवार तक यह बताने के लिए कहा है कि सरकारी सेवाओं में एससी/एसटी वर्ग के कितने अधिकारी हैं।

मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एन.के.जैन प्रथम की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश बुधवार को समता आंदोलन समिति व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए।


राज्य सरकार के महाधिवक्ता जी.एस.बापना ने बताया कि अदालत ने भटनागर कमेटी के आधार पर सरकारी सेवाओं में 1997 से 2010 तक के बीच में एससी/एसटी वर्ग के प्रतिनिधित्व आंकड़ों को पेश करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को मामले में सुनवाई करते हुए अदालत में राज्य सरकार ने कहा था कि उन्होंने अदालती आदेश की अवमानना नहीं की है और यदि किसी को आपत्ति है तो वह सितंबर 2011 की नई अधिसूचना को नई याचिका में चुनौती दे।जबकि प्रार्थी पक्ष की दलील थी कि राज्य सरकार अदालती आदेश का पालन नहीं कर रही है और यह अवमानना है।

गौरतलब है कि अवमानना याचिका में 5 फरवरी 2010 के अदालती आदेश का पालन नहीं करने को चुनौती दी है। इस आदेश से हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की 28 दिसंबर 02 एवं 25 अप्रैल 08 की अधिसूचनाओं को संविधान के विपरीत मानते हुए निरस्त कर दिया था।

साथ ही आरक्षित वर्ग को पारिणामिक वरिष्ठता लाभ के आदेश सहित अन्य कार्रवाई निरस्त कर दी थी, लेकिन सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया और 11 सितंबर 11 की अधिसूचना से दिसंबर 02 व अप्रैल 08 की अधिसूचनाओं को वापस ले लिया और सरकारी सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में सेवा नियमों में संशोधन कर दिया।

कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन==ग्रेड-पे संशोधित कर प्रदेश सरकार ने दी सौगात

कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : राज्य सरकार के कर्मचारियों की कुछ श्रेणियों के वेतनमानों में और संशोधन किया गया है। प्रदेश के वित्तमंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने बताया कि श्रम निरीक्षकों को प्रत्याशित प्रभाव से पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3600 और औद्योगिक प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग के अनुदेशकों को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3600 एवं ग्रुप अनुदेशकों के पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4000 दिया जाएगा। पहले उन्हें इसी पे बैंड में क्रमश: 3200, 3200 तथा 3300 का गे्रड-पे दिया जा रहा था। राजीव गांधी राज्य पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान नीलोखेड़ी के प्रधानाचार्य को पे बैंड-3 में 15600-39100 जमा गे्रड पे-6000 मिलेगा जबकि पहले वह पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-5400 प्राप्त कर रहे थे। इस संस्थान के अनुदेशकों को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4200 के बजाय अब पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4600 दिया जाएगा। नए वेतनमान के लिए अनुदेशक की शैक्षणिक योग्यता में सुधार किया गया है। एफसीआर कार्यलय के चीफ स्टांप ऑडिटर को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4200 के बजाय अब पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4600 दिया जाएगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के टंकक अनुदेशकों को पे बैंड-1 में 5200-20200 जमा गे्रड पे-2400 के बजाय पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3200 दिया जाएगा। संशोधित वेतनमान केवल उन टंकक अनुदेशकों को ही दिया जाएगा, जिन्होंने कंप्यूटर शिक्षण की अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की है। इन आदेशों के जारी होने की तिथि या उससे पूर्व यदि व्यक्ति की आयु 55 वर्ष से अधिक हो गई हो तो उसे इस शर्त से छूट होगी।
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ग्रेड-पे संशोधित कर प्रदेश सरकार ने दी सौगात
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : राज्य सरकार के कर्मचारियों की कुछ श्रेणियों के वेतनमानों में और संशोधन किया गया है। प्रदेश के वित्तमंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने बताया कि श्रम निरीक्षकों को प्रत्याशित प्रभाव से पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3600 और औद्योगिक प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग के अनुदेशकों को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3600 एवं ग्रुप अनुदेशकों के पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4000 दिया जाएगा। पहले उन्हें इसी पे बैंड में क्रमश: 3200, 3200 तथा 3300 का गे्रड-पे दिया जा रहा था। राजीव गांधी राज्य पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान नीलोखेड़ी के प्रधानाचार्य को पे बैंड-3 में 15600-39100 जमा गे्रड पे-6000 मिलेगा जबकि पहले वह पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-5400 प्राप्त कर रहे थे। इस संस्थान के अनुदेशकों को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4200 के बजाय अब पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4600 दिया जाएगा। नए वेतनमान के लिए अनुदेशक की शैक्षणिक योग्यता में सुधार किया गया है। एफसीआर कार्यलय के चीफ स्टांप ऑडिटर को पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4200 के बजाय अब पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-4600 दिया जाएगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के टंकक अनुदेशकों को पे बैंड-1 में 5200-20200 जमा गे्रड पे-2400 के बजाय पे बैंड-2 में 9300-34800 जमा गे्रड पे-3200 दिया जाएगा। संशोधित वेतनमान केवल उन टंकक अनुदेशकों को ही दिया जाएगा, जिन्होंने कंप्यूटर शिक्षण की अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की है। इन आदेशों के जारी होने की तिथि या उससे पूर्व यदि व्यक्ति की आयु 55 वर्ष से अधिक हो गई हो तो उसे इस शर्त से छूट होगी।

TENTATIVE SENIORITY LIST OF CLERKS IN FIELD OFFICES AS ON 01.12.2011

Haryana- ऑनलाइन की जा सकेगी बसों की शिकायतें

अब रोडवेज बसों और चालक-परिचालकों से संबंधित शिकायतों के लिए यात्रियों को बस स्टंैड पर आने की जरूरत नहीं होगी। यात्री अब बसों से संबंधित शिकायतें व सुझाव रोडवेज प्रबंधन को ऑनलाइन भेज सकेंगे। इस माध्यम से मिलने वाली शिकायतों पर कार्रवाई का वापसी जवाब भी शिकायतकर्ता को दिया जाएगा। रोडवेज महाप्रबंधक एनके गर्ग ने दावा किया कि नई व्यवस्था से बसों का संचालन अधिक सुविधाजनक हो सकेगा। स्थानीय डिपो में बसों के संचालन की बेहतर व्यवस्था और यात्रियों को सुविधा देने के लिए ही ऐसे ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दूसरी ओर सभी रूटों पर यात्रियों से मिले सुझाव व शिकायतों के अनुसार बसों के संचालन का शेडयूल भी बदल दिया गया हैं।

3761 TGT Contract Teachers in Delhi

Government of National Capital Territory of Delhi
Office of the U.E.E. Mission,Department of Education
Near Estate Branch,D.D.E. North-Office Premises
Lucknow Road - Delhi-110054

Engagement of TGTs on Contract Basis under SSA in the Schools of Dte.of Education.
Detail of these posts-English=639 Posts,Maths=692 Posts,Social Science =402 Posts,Hindi=497 Posts,Sanskrit=708 Posts,Science=761 Posts,Urdu=24 Posts,Punjabi=24 Posts,Total=3761 Posts,Online Last Date=16 December,Result date=19 December.
Candidate should fill same name,father name and DOB as mentioned on Matric/Secondary Certificate.
For detail click here-http://edudel.nic.in/
To apply online click 
here-http://edudel.nic.in/MIS/SSA/ContractTeacher/frmDistrictGuestTeacherApplication.aspx
Reprint Contract Teacher Application-http://edudel.nic.in/MIS/SSA/ContractTeacher/frmReprintGuestTeacherDist.aspx
Forget Contract Teacher Application Registration ID-http://edudel.nic.in/MIS/SSA/ContractTeacher/frmDistForgetGuestRegistration.aspx

हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल के उप निरीक्षकों को नियुक्ति देने की प्रकिया शुरू

राज्य सरकार ने हटाए गए हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल के उप निरीक्षकों को नियुक्ति देने की प्रकिया शुरू कर दी है। राज्य के गृह सचिव व डीजीपी ने यह जवाब हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए अवमानना नोटिस पर दायर किया है। हाईकोर्ट ने 16 नवंबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के गृह सचिव व पुलिस प्रमुख को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने यह नोटिस हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल के वर्तमान सरकार द्वारा हटाए गए सब इंस्पेक्टर को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति न देने पर किया था। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में इस मामले में निर्णय लेकर कोर्ट में जवाब देने को भी कहा था। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इन सब इंस्पेक्टरों की बहाली का आदेश दे चुकी हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने पर सभी प्रतिवादियों ने सरकार को कानूनी नोटिस भी भेजा था। सरकार द्वारा इस मामले में कोई निर्णय न लेने पर सभी ने सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।

यह प्री-नर्सरी का दाखिला है, नर्सरी का नहीं

नई दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट के बदले रुख का अंदाजा शायद दिल्ली सरकार को 14 दिसंबर से पहले ही हो गया है तभी तो वह जिस दाखिले को नर्सरी दाखिला कहती थी उसे अब वह प्री-नर्सरी दाखिला कह रही है। सरकार का कहना है कि यह प्री-नर्सरी एक तरह से प्ले स्कूल जैसा ही है। जहां तक स्कूली पढ़ाई का सवाल है तो उसकी पढ़ाई चार साल से नर्सरी कक्षा से ही होगी। उसके बाद बच्चा पहली कक्षा में जाएगा। हालांकि राजधानी के कुछ स्कूलों में नर्सरी में दाखिला चार साल में होता है, लेकिन नब्बे फीसदी से अधिक स्कूलों में तीन साल की उम्र में होने वाले दाखिले को नर्सरी दाखिला ही कहा जाता है और सरकार इसके लिए हर साल दिशा-निर्देश जारी भी करती है। दरअसल चार साल पहले दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे को ही आधार बनाकर वकील अशोक अग्रवाल ने नर्सरी दाखिला उम्र को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। हलफनामे में सरकार ने पहली कक्षा से पहले एक साल की स्कूल होने की बात कही हुई है। जिसमें दाखिले की उम्र चार साल रखी गई है। इसके बाद बच्चा सीधे पहली कक्षा में चला जाएगा। लेकिन राजधानी के निजी स्कूलों में ऐसा नहीं हो रहा है। नर्सरी कक्षा के नाम पर 3 साल के बच्चों का दाखिला किया जा रहा है और फिर 4 साल की उम्र में केजी करवाई जाती है। शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने साफ कर दिया है कि यह दाखिला नर्सरी कक्षा में नहीं बल्कि प्री- नर्सरी कक्षा में है। उन्होंने इसे एक तरह से प्ले स्कूल करार दिया। उन्होंने कहा कि सेंट कोलंबस सहित कुछ स्कूलों में आज भी पहली कक्षा से पहले एक साल का ही स्कूल है जिसमें दाखिला 4 साल में होता है। जब उसने पूछा गया कि तो फिर प्री-नर्सरी कक्षा में दाखिला को सरकार क्यों संचालित करती है, इसके जबाव में उन्होंने कहा कि चूंकि राजधानीवासी 3 साल की उम्र में ही बच्चे को स्कूल में भेजना चाहते हैं लिहाजा दाखिला में आपाधापी न मचे इसके लिए सरकार दिशा-निर्देश जारी करती है। इसके अलावा उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं रहती है।

jbt 2004(Zila Parishad) arrer letter

Haryana Public Service Commission Interview Schedule for the post of Lecturer (School Cadre)

Bays 1-10, Block-B, Sector-4, Panchkula.
Interview Schedule for the post of Lecturer (School Cadre)
Advertisement 'o. 3
Announcement
It is hereby announced for the general information of the candidates that
the Commission has fixed the interview for the post of Lecturer (School Cadre) at
Commission office Bays 1-10, Block-B, Sector-4, Panchkula. Interview letters are being
sent separately. The interview schedule is as under:-
Psychology
Physical Education
19.12.2011
Sociology
Punjabi
Economics
20.12.2011 to 22.12.2011
Geography
27.12.2011
Mathematics
28.12.2011 & 29.12.2011
Secretary
Haryana Public Service Commission
Panchkula

guest pay letter jaari

शिक्षकों की एसीआर रिपोर्ट की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी पर

शिक्षकाें की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) से किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ होने पर खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं।
जेबीटी शिक्षकों की ओर से कई बार हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ से शिकायत की जा रही थी कि, उनकी एसीआर रिपोर्ट को लेकर शिक्षा अधिकारी गंभीरता नहीं दिखाते हैं। इसका खामियाजा उन्हें पदोन्नति एवं क्रमोन्नति के दौरान भुगतना पड़ता है। संघ का यह भी आरोप है कि उनकी एसीआर को सही समय पर उच्च अधिकारियों के पास भी नहीं भेजा जाता है। जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी इसके लिए डीडीओ को ही दोषी ठहरा देते हैं। जिम्मेदारी तय न होने की वजह से जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नति के लिए चंडीगढ़ के चक्कर लगाना पड़ता है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने एसीआर के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार बना दिया गया है। आदेश के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी हर साल एसीआर रिपोर्ट को समय पर पूरा करके उच्चाधिकारियों को भेजेंगे। रिपोर्ट को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी भी खंड शिक्षा अधिकारी की होगी।

सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर आउट, ब्लूटूथ से नक़ल, फिर भी परीक्षा जारी!

जयपुर.द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में मोबाइल के ब्लूटूथ ईयर फोन से नकल कराने वाले गिरोह के पकड़ में आने व पर्चा बाजार में पहुंचने के बाद भी आरपीएससी इस पेपर को आउट नहीं मान रहा। आयोग का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर पेपर खुलने के बाद बाहर आने के मामले सामने आए हैं, जिसे नकल की श्रेणी में ही माना जाएगा। पेपर आउट तब माना जाता है, जब केंद्रों पर खुलने से पहले ही पेपर बाजार में बिकने लग जाएं।


एक ही सेंटर से क्यों पास होते हैं दर्जनों अभ्यर्थी?

आरपीएससी व अन्य परीक्षाओं में सामने आया कि झुंझुनूं, सीकर, धौलपुर व जयपुर आदि जिलों के इक्के-दुक्के सेंटरों से सभी अभ्यर्थी पास हो जाते हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि ब्लू टूथ व अन्य तरीकों से नकल कराने वाले गिरोह द्वारा पूरे सेंटर को ही खरीद लिए जाने से यह धांधली होती है। आरपीएससी सचिव का कहना है कि पिछली परीक्षा में भी दो केस ऐसे आए थे, जिनमें एक-एक सेंटर से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए थे।

इन केंद्रों के अभ्यर्थियों के परिणाम रोक कर जांच की गई। इस बार भी परिणाम के समय यदि किसी सेंटर से 80 फीसदी से ज्यादा परीक्षार्थियों के पास होने की बात सामने आई तो जांच की जाएगी।

सभी परीक्षाओं के बाद कोई निर्णय :

ब्लू टूथ ईयरफोन से नकल कराने वाले गिरोह द्वारा पेपर बाहर लाने या अन्य तरीकों से नकल के गुरुवार शाम तक जयपुर, सिरोही व बाड़मेर जिलों में पांच मामले सामने आए। गुरुवार के आंकड़े अभी नहीं मिले हैं। फिलहाल पेपर आउट नहीं मान रहे।

जिन जिलों में पुलिस या एसओजी द्वारा पकड़े गए मामलों में अगर यह सिद्ध होता है कि पेपर आउट हुआ था तो सभी परीक्षाओं के बाद आयोग स्तर पर कोई निर्णय किया जाएगा। हमने भी इस बार नकल रोकने व पेपर के बाहर जाने पर रोकथाम के लिए हर चार कमरों पर एक विजिटिंग परीक्षक लगाया है। आयोग के 2 अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए हैं, जिन पर शिकायत आते ही संबंधित सेंटर समन्वयक से तत्काल कार्रवाई कराई जा सके।

केके पाठक, सचिव, आरपीएससी

फैक्ट फाइल

दो पेपर के साथ परीक्षा देने वाले : करीब 1.6 लाख

एक पेपर वाले अभ्यर्थी : करीब 4.5 लाख

पहले पेपर के लिए परीक्षा केंद्र: करीब 2 हजार

दूसरे पेपर के लिए प्रदेशभर में परीक्षा केंद्र: करीब 1200

ऐसे आउट माना जाता है पेपर

यदि किसी परीक्षा के दौरान पेपर की हू-ब-हू कॉपी किसी भी माध्यम से सेंटर से बाहर आ जाए व लोग उसका उपयोग कर लें तो पेपर आउट माना जाता है। इसके अलावा सेंटर पर पेपर खोले जाने से पांच मिनट पहले या पांच मिनट बाद तक भी यदि पेपर बाहर आ जाए तो पेपर आउट माना जाता है।

सील खोले जाने के पांच की जगह 15 मिनट तक भी बाहर आना आउट की श्रेणी में आ सकता है। लेकिन ज्यादा शातिर सेंटर संचालक रात को ही सील खोल पेपर आउट कर देते हैं और फिर सील लगाकर सुबह पेपर के समय कुछ कहानी गढ़ कर मामले को बाजार में किसी गिरोह द्वारा आउट करना बता देते हैं।

एसडी कारीगर,
पूर्व सहायक रजिस्ट्रार, राजस्थान यूनिवर्सिटी


पेपर, परीक्षार्थी, वीक्षक तीनों डमी, फिर होती है असली नकल

ब्लू टूथ से नकल के मामले में भास्कर टीम द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया है कि एक गिरोह प्रत्येक छात्र से करीब पांच लाख रु. तक लेकर नकल करा रहा है। नकल कराने के तरीका अजीबो-गरीब हैं। गिरोह के सदस्य प्रश्न-पत्र, परीक्षार्थी और वीक्षक तक को डमी के रूप में इस्तेमाल करके अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर बैठे अभ्यर्थियों को सामूहिक नकल कराते हैं।

विभिन्न परीक्षाओं में पकड़ में आए ऐसे सात गिरोहों की पुष्टि पुलिस भी कर चुकी है। ये गिरोह प्रत्येक परीक्षा में 100 से 150 छात्रों से जुड़कर पांच करोड़ रु. से अधिक की डील करते हैं।

यूं होती है नकल

1. चूंकि ऑनलाइन आवेदन में सर्टिफिकेट संलग्न नहीं होता, इसलिए गिरोह के कुछ सदस्य बतौर डमी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होते हैं। इनका काम केवल गिरोह से जुड़े कैंडिटेड की मदद करना होता है। इसी तरह प्राइवेट स्कूलों द्वारा बिना जांच पड़ताल रखे जाने वाले वीक्षक के रूप में भी गिरोह के सहयोगी क्लास रूम तक आसानी से पहुंच जाते हैं। डमी अभ्यर्थी अपने साथ पुराना प्रश्नपत्र भी लाते हैं और नया पेपर मिलते ही अपने टेबल पर पुराना प्रश्नपत्र रखकर नया पेपर डमी वीक्षक को दे देते हैं।

चूंकि वीक्षक स्कूल में घूम सकता है, इसलिए वो इस पेपर को आसानी से स्कूल के दीवार के बाहर मुस्तैद गिरोह के सदस्य तक पहुंचा देता है। ठीक दस मिनट बाद ही वापस वो पेपर उसी तरह अभ्यर्थी तक पहुंच जाता है।

2. किसी स्कूल में विशेष सख्ती पर गिरोह विकल्प भी तैयार रखता है। ऐसे में डमी वीक्षक अपने पास मोबाइल (जो गिरोह द्वारा उपलब्ध कराया जाता है) से प्रश्न पत्र की फोटो लेकर गिरोह के सदस्यों को एमएमएस भेज देते हंै। जयपुर और जोधपुर सहित प्रदेशभर में इस तरह से नकल का तरीका अपनाया जाता है।

3. नकल का खास जरिया है एक माइक्रो ब्लू टूथ (साइज में बहुत छोटा होता है), जो शर्ट की कॉलर, बांह, कान के आभूषण, मफलर, घड़ी में लग जाता है। इसका संबंध कान के अंदर लगे एक इयर फोन से होता है। ये पेन की नोक जितना छोटा है और कान में लगने के बाद आसानी से दिखाई नहीं पड़ता है।

इस फोन और ब्लू टूथ की कीमत 15000 से 30000 के बीच है। एक किमी तक की दूरी पर रखे मोबाइल से यह ब्लू टूथ कनेक्ट रहता है। अगर परीक्षा कक्ष के बाहर मोबाइल रखा है तो कक्षा के अंदर बैठकर इस ब्लू टूथ के माध्यम से बात हो सकती है। इस तरह से कक्षा में बैठा परीक्षार्थी गिरोह के सदस्यों या गिरोह के कंट्रोल रूम से जुड़कर प्रश्नों के उत्तर देता है।

ये है सिस्टम की कमियां...

- वीक्षकों की जांच नहीं होती है, क्या असल में वीक्षक स्कूल का स्टाफ है या बाहरी है।

- वीक्षक इतने अप्रशिक्षित होते है कि उन्हें नकल की रोकथाम के संबंध में ज्ञान नहीं होता है।

- अधिकांश अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी जांच नहीं की गई है।

- दूरदराज और गांवों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाते है। इनमें भी अधिकांश निजी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाते है।

ये हैं उपाय...

- ऐसी परीक्षाओं में सरकारी शिक्षक और कर्मचारी लगाए जाए।

- वीक्षक भी सरकारी कर्मचारी हो।

- परीक्षाएं संभागीय स्तर पर आयोजित हो।

-जांच के लिए विशेष उपकरण हो और विशेष प्रशिक्षित दस्ता हो।

नोट..

- नकल से संबंधित जानकारियां, उन अभ्यर्थियों ने दी है, जिन्होंने पुलिस प्रशासन को परीक्षा के 20 घंटे पहले ही आगाह किया था कि ऐसे होगी ब्लू टूथ से नकल। साथ ही गिरोह से जुड़े लोगों के नाम भी उपलब्ध कराए थे।

See Also

Education News Haryana topic wise detail.