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फीस नहीं भर पाने पर स्कूल से निकाल दिए बच्चे


अम्बाला. शिक्षा अधिनियम 134 ए के तहत प्राइवेट स्कूल संचालक अभी भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को स्कूल मेंं दाखिला नहीं दे रहे। ऐसे में स्कूल पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। डीसी के निर्देशों की भी पालना नहीं की जा रही है। शनिवार को शहर के एंजल पब्लिक स्कूल ने तीसरी कक्षा के अभिनंदन और आठवीं की वंशिका को फीस न भर सकने की एवज में स्कूल से निकाल दिया। अभिभावक विनीश वालिया ने स्कूल प्रबंधन को पिछली बकाया फीस कुछ ही दिनों में भरने की हामी भरी और साथ ही 134 ए नियम के तहत नए सत्र में एडमिशन देने की मांग की। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मुफ्त में शिक्षा देने पर साफ तौर पर इंकार कर दिया। अभिभावक विनीश वालिया ने मामले की शिकायत जिला शिक्षा विभाग से की तो उन्होंने प्रबंधन को दाखिला देने के लिए पत्र क्रमांक आरटीई/12/ 59 भेजा। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग

आरटीई: नेबरहुड स्कूलों की लिस्ट इसी हफ्ते

हरियाणा में आरटीई के तहत दाखिलों की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। दरअसल नेबरहुड स्कूल इस कानून के तहत बच्चों को दाखिला देने में रोड़ा बने हैं। जब तक नेबरहुड स्कूल तय नहीं हो जाते, दाखिलों की स्थिति स्पष्ट नहीं होगी। हालांकि निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) अभय सिंह यादव ने दावा किया है कि नेबरहुड स्कूल इस हफ्ते तय हो जाएंगे। 

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने धारा 134 ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले दे दिए हैं, लेकिन आरटीई के तहत दिए जाने वाले 25 फीसदी दाखिलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहींं है। स्कूलों के सामने दुविधा ये है कि 134-ए और आरटीई की धारा-12 के तहत अगर दाखिले दिए जाते हैं तो यह आंकड़ा 50 फीसदी

सरकार की रिपोर्ट अपर्याप्त : हाई कोर्ट

शिक्षा नियमावली 134 ए के तहत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 25 फीसद सीटों पर दाखिला देने संबंधी मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की स्टेटस रिपोर्ट को अपर्याप्त बताते हुए विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि राज्य में कुल 3832 निजी स्कूलों में सत्र 2012-13 में कुल 395685 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इनमें से आर्थिक रूप से कमजोर व बीपीएल वर्ग के 35554 छात्र हैं। सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए कहा कि कोर्ट ने सालाना दो लाख से कम आय वाले वर्ग के बच्चों को भी प्रवेश के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे लेकिन सरकार ने कोर्ट में जो जानकारी दी है वह कोर्ट के आदेश के अनुसार पूरी नहीं है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई तक वह इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। उल्लेखनीय है कि रोहतक निवासी सतबीर हुड्डा की ओर से दायर याचिका पर हरियाणा सरकार आर्थिक पिछड़ा वर्ग

134ए पर कोर्ट ने तलब की रिपोर्ट

 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की नियमावली 134 ए के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के 25 फीसद कोटे को भरने के मामले में उचित कार्रवाई न करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। बृहस्पतिवार को कार्यकारी चीफ जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस आलोक सिंह की खंडपीठ ने कहा कि अगर सरकार शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर पाती है, तो हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और सेकेंडरी व प्राइमरी स्कूल शिक्षा के निदेशक हाईकोर्ट में उपस्थित रहें। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान सरकार के काउंसिल ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उसे रिपोर्ट पेश करने में कुछ समय की मोहलत दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से रिपोर्ट कंपाइल नहीं हो पाई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने अभी तक आर्थिक पिछड़ा वर्ग के बच्चों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस पर खंडपीठ ने हरियाणा सरकार के मोहलत देने के आग्रह को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों पर गंभीर नहीं। रही रिपोर्ट की बात तो सरकार एक दिन में इसे कंपाइल कर सकती है। रोहतक निवासी सतपाल हुड्डा की ओर से दायर याचिका पर सरकार आर्थिक पिछड़ा वर्ग की परिभाषा नहीं दे पाई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए थे कि सालाना दो लाख से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को एडिड स्कूलों में प्रवेश दिया जाए और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाए।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-06-01&pageno=5

134ए पर उबले स्कूल संचालक

 प्रदेश सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों पर लागू किए गए शिक्षा के अधिकार के नियम 134ए के विरोध में शनिवार को यहां छावनी के गांधी ग्राउंड में विराट शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेशभर से हजारों लोग अंबाला पहंुचे। प्राइवेट स्कूल संचालकों और स्टाफ ने नियम 134ए को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने की मांग की। सम्मेलन के बाद डीसी को विभिन्न मांगों के समर्थन में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम ज्ञापन सौंपा गया। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से दिए गए ज्ञापन में नियम 134ए को निरस्त करने, आरटीई एक्ट में प्रभावी संशोधन करने, स्कूलों की मान्यता संबंधी लंबित चल रहे आवेदनों पर विचार कर इन्हें तुरंत स्थाई मान्यता देने की मांग की गई। इसके साथ ही 10 अप्रैल 2007 से पहले के नोटिफाइड होने से बचे स्कूलों एग्जिस्टिंग लिस्ट में शामिल करने, 23 मार्च 2007 को 96 स्कूल संचालकों पर दर्ज मामलों को वापस लेने, मान्यता प्राप्त स्कूलों को जमीन से छूट देते हुए पुराने नियमों को अपग्रेड करने की भी मांग की गई। ज्ञापन में प्राइवेट स्कूलों से सीएलयू व एनओसी की शर्त हटाने, सभी जिलों में ड्राइवरों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने, मान्यता प्राप्त स्कूलों से फार्म नंबर एक न भरवाने, प्राइवेट स्कूलों से बिजली के बिल कमर्शियल रेट पर न लेने व पानी की सप्लाई निश्शुल्क देने की मांग की गई। इस दौरान फेडरेशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा सहित कई पदाधिकारियों ने मंच से उपस्थित जनों को संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने संबोधन में नियमावली 134ए को स्कूल संचालकों के लिए खतरनाक बताते हुए शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की। सम्मेलन में प्रदेशभर के शिक्षकों ने भी भाग लिया।

अब दाखिला रिपोर्ट देगी 134ए की सही जानकारी



•सुरेश मेहरा
भिवानी। प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत गरीब बच्चे पढ़ाने ही होंगे। स्कूलों ने गरीब बच्चों का दाखिला किया या नहीं इस बारे में सेकेंडरी शिक्षा हरियाणा के निदेशक ने सभी प्राइवेट स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के पास परफोर्मा भेजा गया है। स्कूलोें को इसे भर कर भेजना होगा।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक ने 27 अप्रैल को एक पत्र जारी किया है। पत्र में यह बताया गया है कि नियम 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में वर्तमान सत्र में गरीब बच्चों को दिए गए 25 प्रतिशत दाखिलों की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक

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