अब छात्रों के हाथों में होगा आकाश

नई दिल्ली, जाब्यू : अमेरिका में एप्पल के आइफोन-4 की पेशकश से महज कुछ घंटे बाद भारत ने दुनिया के सस्ते टैबलेट पीसी आकाश को लांच कर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। खासतौर से छात्रों के लिए तैयार किए गए इस टैब की कीमत केवल 1,100 रुपये है। सरकार का वादा है कि आगे चलकर वह इसे सिर्फ दस डॉलर (लगभग 500 रुपये) में ही उपलब्ध कराएगी। दुनिया के किसी भी टैबलेट को टक्कर देने की खूबियों से लैस आकाश अगली योजना में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के हाथों में भी होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के जरिए शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन (एनएमइ-आइसीटी) के तहत आइआइटी-राजस्थान की साझेदारी से तैयार इस लैपटॉप को डाटाविंड लिमिटेड ने तैयार किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को यहां इसे लांच किया। उसके साथ ही उसे पांच सौ छात्रों में बांटा भी गया है। सिब्बल ने कहा कि पूरी तरह भारत में ही निर्मित इस आकाश लो कॉस्ट एक्सेस डिवाइस (एलसीएडी) को माध्यमिक से उच्चतर माध्यमिक तक के एक करोड़ छात्रों के लिए खरीदने का लक्ष्य तय किया गया है। वैसे अभी इसकी कीमत 2,276 रुपये है। सरकार उसमें 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। लिहाजा यह छात्रों को 1,100 रुपये से कुछ अधिक में मिल सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट में जीतकर भी हारे टेन्योर अध्यापक

शिमला . सुप्रीम कोर्ट में जीतने के बाद भी टेन्योर अध्यापकों को एडहॉक शिक्षकों के समान लाभ नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सरकार के पास पहुंच गया है। इसमें सभी श्रेणी के करीब 3102 अध्यापकों को सालाना दो हजार रुपए से तीन हजार रुपए तक का घाटा उठाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद निदेशालय स्तर से मामला सरकारी स्तर पर उठाया गया, मगर अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। विभाग को अब भी इस मामले में सरकार के उन आदेशों का इंतजार है, जिसके आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।

1987 में हुए नियमित: प्रदेश में एलीमेंट्री और हायर एजुकेशन में वर्ष 1987 के बाद लगे कुछ शिक्षकों को 1-1-94 से नियमित कर दिया गया। ये शिक्षक समान सेवा शर्तो पर लगे थे, लेकिन नियमित करते समय कुछ शिक्षक छूट गए। छूटे शिक्षकों को टेन्योर अध्यापक कहा गया और नियमित होने वाले शिक्षकों को तदर्थ शिक्षकों की श्रेणी में रखा गया। इससे टेन्योर अध्यापकों में रोष फैल गया और उन्होंने पहले सरकारी स्तर पर मामला उठाया।

अध्यापक संघ में रोष: हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान का कहना है कि हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके पक्ष में निर्णय सुनाया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द शिक्षकों को आदेश जारी किए जाए। जल्द निर्णय पर अमल न होने पर कंटेम्प्ट याचिका को फाइल किया जाएगा।

कोर्ट में लड़ाई

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने 3102 टेन्योर अध्यापकों का मामला हाई कोर्ट में उठाया, जहां पर उनकी जीत हुई। इस जीत के बाद सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई। यहां पर एक बार फिर से शिक्षकों की जीत हुई और 7-7-2011 को उनके पक्ष में निर्णय आया। शिक्षा निदेशालय स्तर पर छह सितंबर को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने मामले को उठाया।

परीक्षा में फ्लाइंग स्क्वाड को बनाया बंधक

रोहतक जागरण संवाददाता : सीएम के सांघी गांव के मॉडल स्कूल में बोर्ड की सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान चेकिंग करने गए फ्लाइंग स्क्वाड को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। मौजिज व्यक्तियों को बीचबचाव करने पर ग्रामीणों ने स्क्वाड के सदस्यों को देर शाम को मुक्त कर दिया। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से 10वीं व 12वीं के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित की जा रही है। परीक्षा केंद्र पर जांच के लिए बोर्ड की ओर से टीमें बनाई गई हैं। सोमवार सुबह भिवानी से आई एक टीम सांघी में केंद्र की जांच के लिए पहुंची। टीम ने परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे तीन विद्यार्थियों को नकल करते पकड़ लिया। पकड़े गए विद्यार्थियों की स्क्वाड ने यूएमसी बना दी। पहले तो लोगों केंद्र के शिक्षकों ने अपने स्तर पर ही मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन टीम के सदस्यों ने उनकी एक न सुनी। इतनी ही देर में यह बात गांव में फैल गई। बात के गांव में फैलते ही ग्रामीण एकजुट हो गए और उन्होंने टीम में शामिल सभी सदस्यों को बंधक बना लिया। बाद में लोगों के समझाने बुझाने पर ग्रामीणों ने देर शाम उनको छोड़ दिया। ग्रामीणों की पकड़ से छूटने के बाद टीम के सदस्य भिवानी रवाना हो गए। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की है। यूएमसी रद करने के बाद ही तीनों अधिकारियों को छोड़ा गया।

आइएएस अधिकारी रखेंगे परीक्षाओं पर नजर

बलवान शर्मा, भिवानी अब आइएएस अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं पर नजर रखेंगे। पहली बार आइएएस अधिकारियों को बोर्ड परीक्षाओं की देखरेख के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। प्रदेश में सात आइएएस अफसरों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन एवं शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने इस बार परीक्षाओं में आइएएस अधिकारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त करने का फैसला किया। इसके तहत सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विनीत गर्ग को हिसार, सिरसा व फतेहाबाद का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजेंद्र कुमार को कुरुक्षेत्र, करनाल व कैथल का, मौैलिक शिक्षा विभाग के निदेशक अभय सिंह यादव को पानीपत, सोनीपत और रोहतक का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। मौलिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक अनुराग ढालिया को महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुड़गांव का कार्यभार सौंपा गया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक सतबीर सिंह सैनी को झज्जर, भिवानी और जींद का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अश्वनी कुमार पलवल, फरीदाबाद और मेवात की निगरानी करेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक मनदीप कौर को अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारी परीक्षाओं के दौरान पांच दिन निरीक्षण कर शिक्षा बोर्ड सचिव को समीक्षा रिपोर्ट भेजेंगे। हालांकि इन सभी अधिकारियों के निरीक्षण की तिथि तय की जा चुकी है, लेकिन इन तिथियों को गुप्त रखा गया है।

उर्दू डिप्लोमा और सर्टिफिकेट को मिलेगा कानूनी दर्जा

नई दिल्ली, जाब्यू : सरकार को फिर उर्दू की याद आ रही है। वह उसे और तवज्जो देगी। जिससे राष्ट्रीय उर्दू भाषा संव‌र्द्धन परिषद (एनसीपीयूएल) के डिप्लोमा व सर्टिफिकेट को कानूनी दर्जा मिल सके। सरकार अपने इस इरादे को मंजिल तक पहंुचा सकी तो उर्दू भाषा के जरिये पढ़ाई करके डिप्लोमा व सर्टिफिकेट हासिल करने वालों के लिए भी नौकरी की राह आसान हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इन कोशिशों पर अमल 12वीं योजना (2012-2017) में किए जाने की तैयारी है। सोमवार को यहां मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की मौजूदगी में एनसीपीयूएल की बैठक में उर्दू को रोजगार से जोड़ने पर खास तौर से चर्चा हुई। सिब्बल ने कहा कि उर्दू को रोजगार से जोड़ने में एनसीपीयूएल बड़ी भूमिका निभा सकता है। अभी उर्दू भाषा की पढ़ाई के जरिए हासिल होने वाले डिप्लोमा व सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता नहीं है। लिहाजा सरकार इसको कानूनी मान्यता देगी, जिससे उर्दू पढ़ने वालों को रोजगार के संकट का सामना न करना पड़े। एनसीपीयूएल के निदेशक हमीदुल्ला भट ने कहा कि परिषद अभी डिप्लोमा समेत पांच पाठ्यक्रम संचालित करता है। भविष्य में और भी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि परिषद ने एनसीपीयूएल से पढ़ाई करने वाले 50 हजार लोगों को आइटी क्षेत्र में नौकरियों में मदद दिलाने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है।

टीचर्स यूनियन के कई सदस्य हिरासत में

टीचर्स यूनियन के कई सदस्य हिरासत में
विरोध प्रदर्शन को जा रहे थे बादल के गांव
• अमर उजाला ब्यूरो
बठिंडा। ईटीटी टीचर्स यूनियन की तरफ से रविवार को पुराने बस स्टैंड के पास चक्का जाम किया गया। इस दौरान यूनियन नेताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
ईटीटी टीचर्स यूनियन रविवार को गांव बादल की तरफ कूच कर रही थी। जिसके चलते सभी अध्यापक नहर के पुल के पास सुबह से आने होने शुरू हो गए। उक्त अध्यापक बादल गांव की तरफ कूच न करें इस के लिए पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नहर के पास यूनियन नेताओं व भारतीय किसान यूनियन(एकता) के जिला प्रधान शिंगारा सिंह मान भी इक्ट्ठे हो रहे थे तो इस दौरान पुलिस कर्मियों ने उन्हें खदेड़ना शुरू किया। इस दौरान हुई धक्का मुक्की के शिकार जिला प्रधान शिंगारा सिंह मान भी हुए। ईटीटी यूनियन के सूबा कोर कमेटी के मेंबर जगशीर सिंह सहोता ने बताया कि उनके कुछ साथियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इसी बात से गुस्साए अध्यापकों ने फौजी चौराहे पर करीब डेढ़ घंटे तक जाम लगा कर रखा। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ा। यूनियन नेता दविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया है। एसडीएम संदीप ऋषि के आश्वासन पर आंदोलन कर शिक्षकों ने जाम खोला। उन्होंने भरोसा दिलवाया कि उनकी मांगों को वे प्रदेश सरकार तक पहुंचा देंगे।
•गिरफ्तारी के विरोध में टीचरों ने सड़क की जाम

रोडवेज के 56 चालक और 149 परिचालक किए जाएंगे नियमित

अम्बाला सिटी त्न राज्य परिवहन विभाग के निर्देशों पर अब अम्बाला रोडवेज डिपो ने अपने कच्चे कर्मचारियों को नियमित करके दीवाली का तोहफा देने का फैसला किया है। इसके लिए विभाग ने कागजी कार्रवाई की प्रकिया शुरू कर दी है और सोमवार को पहली लिस्ट जारी की जाएगी। रोडवेज में तीन साल का सर्विस रिकार्ड पूरा करने वाले 149 परिचालक और लगभग 56 चालकों को नियमित किया जा रहा है। रोडवेज विभाग के अधिकारी चालकों और परिचालकों को नियमित करने की प्रकिया चल रही है और शीघ्र ही पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी। पहली लिस्ट में 25 चालक और 51 परिचालक नियमित किए जाएंगे बाकी कर्मचारियों को दूसरी लिस्ट में पक्का किया जाएगा। ठेके पर चले रहे इन कर्मचारियों को नियमित होने पर पांच से छ हजार रुपए का प्रति महीने का लाभ होगा। यहां पहले चालकों को 10 हजार रुपए प्रति महीना मिलता था अब उनके वेतन लगभग 13550 रुपए प्रति महीना हो जाएगा।

अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग से सम्बन्धित उम्मीदवारों को बैंकिंग क्लेरिकल काडर पदों के लिए नि:शुल्क कोचिंग

हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग से सम्बन्धित उम्मीदवारों को बैंकिंग क्लेरिकल काडर पदों के लिए नि:शुल्क कोचिंग देने का निर्णय लिया है।

अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने रविवार को यहां बताया कि वे उम्मीदवार जिनके माता-पिता की वार्षिक आय सभी स्रोतों से 2.50 लाख रुपये से कम है, वे कोचिंग के पात्र होंगे। प्रत्येक कोचिंग सेंटर के लिए अनुसूचित जातियों के 30 उम्मीदवारों तथा पिछड़े वर्ग के 20 उम्मीदवारों का चयन प्राप्त आवेदनों से मैरिट आधार पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इच्छुक उम्मीदवार अपने आवेदन निर्धारित प्रफोर्मा में 4 अक्टूबर तक जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।

कंप्यूटर शिक्षकों को झटका



भास्कर न्यूजत्न शिमला

प्रदेश के 968 सरकारी स्कूलों में तैनात 1272 कंम्प्यूटर शिक्षकों को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। सरकार ने साफ तौर कर दिया है कि शिक्षकों को सरकार के अधीन नहीं लाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान का कहना है कि आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले शिक्षकों की सेवाएं विभाग के अधीन लाने का सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार आईटी शिक्षकों के 970 पदों को भर रही है। इसमें आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे शिक्षक भी सभी मापदंड पूरा करने पर शामिल हो सकते हैं। फिर भी सरकार प्रयास करेगी कि अस्थायी तौर पर कंपनी के माध्यम से इन शिक्षकों की सेवाएं ली जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आउटसोर्सिंग पर लगे शिक्षक सरकार के अधीन नहीं हैं। वहीं, इस फैसले से शिक्षक नाराज हैं।

शिक्षक भर्ती: अब समानीकरण के आधार पर रिक्त पदों की गणना

बीकानेर/जोधपुर.प्रारंभिक शिक्षा में 41 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती करने के लिए रिक्त पदों की गणना अब समानीकरण के पुराने मानदंडों के आधार पर की जा रही है।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में जिलेवार रिक्त पदों की गणना का काम तेजी से चल रहा है। शिक्षा मंत्री ने रिक्त पदों की सूचना शीघ्र तैयार करने को कहा है। कारण यह है कि इसी महीने पंचायत राज विभाग को सूचियां दी जा सकें।

शिक्षा निदेशालय में शनिवार और रविवार अवकाश के बाद भी काम हुआ। राज्य सरकार के 14 जून 2010 को जारी समानीकरण के मानदंड के अनुसार जिलेवार रिक्त पद निकालने जा रहे हैं। इससे उन जिलों की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी, जहां एक भी पद रिक्त नहीं है।

राज्य में जयपुर, झुंझुनूं, करौली सहित दस जिलों में रिक्त पदों को लेकर झंझट है। इन जिलों में शिक्षक पहले से ही अधिक लगे हुए हैं। अन्य जिलों में कहीं रिक्त पदों की संख्या अधिक तो कहीं काफी कम है।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के करीब 54 हजार पद रिक्त बताए जा रहे हैं, जिनमें से 41 हजार पद भर दिए जाएंगे। इसके लिए रोस्टर पहले ही तैयार हो चुका है।

नामांकन के आधार पर भी गणना

तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती करने के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों के नामांकन के आधार पर भी रिक्त पदों की गणना करवाई जा रही है। इस गणना का आधार 31 अगस्त 2011 का नामांकन रखा गया है।

राज्य की स्कूलों में इस वर्ष करीब छह लाख ड्रॉप आउट व अनामांकित बालकों को प्रवेश दिया गया है। नामांकन बढ़ने के कारण शिक्षकों के नए पद निकलेंगे। इससे उन जिलों में भी रिक्तियां निकल सकेंगी, जिनमें वर्तमान में शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है।

http://www.rtet2011.com/

BOARD OF SECONDARY EDUCATION RAJASTHAN, AJMER
Rajasthan Teacher Eligibility Test [RTET] - 2011



RTET - 2011 Question Booklets & Answer Keys

Q.B.No. LEVEL-I (L1) LEVEL-II (L2)
Quaestion Booklet Answer Key Quaestion Booklet Answer Key
A L-1(101)-A L-1(Key)-A L-2(201)-A L-2(Key)-A
B L-1(101)-B L-1(Key)-B L-2(201)-B L-2(Key)-B
C L-1(101)-C L-1(Key)-C L-2(201)-C L-2(Key)-C
D L-1(101)-D L-1(Key)-D L-2(201)-D L-2(Key)-D

RTET PAPERS & ANSWER KEY

पटवारियों के वेतन में चार गुना वृद्धि मुख्यमंत्री बादल ने राजस्व विभाग को दिया वेतन बढ़ाने के आदेश

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री बादल ने वीरवार को राजस्व पटवारियों को 3200 रुपये ग्रेड पे के साथ उच्चतम वेतन स्केल 10300-34800 रुपये पहली नवंबर 2011 से देने की स्वीकृति दे दी है। इससे पहले पटवारियों को 5910-20200 व 1900 ग्रेड पे का वेतन स्केल मिलता था। बादल ने राजस्व पटवारी यूनियन के प्रधान निर्मलजीत सिंह बावजा की अध्यक्षता में हुए एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। यूनियन की मांग स्वीकार करते हुये बादल ने राजस्व विभाग को आदेश दिया कि पटवारियों के भत्तों में चार गुणा वृद्धि की जाए। प्रतिनिधिमंडल के तर्क पेश किया कि पटवारियों के तकनीकी कार्य को ध्यान में रखते हुये इन के 4550-7220 के प्रारंभिक ग्रेड को आधार मान कर डायरेक्टर भूमि रिकार्ड, पंजाब द्वारा पांचवें वेतन आयोग के पास ग्रेड बढ़ाकर 10300-34800 करने की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है।
वीरवार शाम पटवारी यूनियन की बैठक में लिया निर्णय
आंगनबाड़ी वर्करों, हेल्परों का मानदेय बढ़ा
मुख्यमंत्री और यूनियन के बीच हुई बैठक में हुआ समझौता
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। 38 दिन से चल रहे आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में 800 व हेल्परों के 400 रुपये प्रतिमाह मानदेय में बढ़ोतरी कर दी है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया। यह बढ़ोतरी 1 नवंबर 2011 से लागू होगी। अब वर्करों का 46 सौ रुपये जबकि हेल्परों का वेतन 23 रुपये प्रतिमाह होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सुपरवाइजर के पद पर वर्करों की तैनाती के लिए बीएड, एमएड और पोस्ट ग्रेजुएट वर्करों को पांच अतिरिक्त अंक भी दिए जाएंगे। इसके अलावा बादल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 25650 आंगनबाड़ी के पचास फीसदी सेंटरों को चालू वित्त वर्ष के दौरान पांच करोड़ की लागत से गैस कनेक्शन मुहैया कराने का निर्णय लिया जबकि बाकी सेंटरों को अगले वित्तीय वर्ष में यह सुविधा प्रदान कर दी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में आंगनबाड़ी सेंटरों की मरम्मत के लिए दस करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ बैठक करती आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूूिनयन के सदस्य।
मानदेय में 800 व 400 रुपये की बढ़ोतरी

एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का अब मेडिकल कॉलेजों में नामांकन नहीं!

रांची। क्वालिफाइंग (प्लस टू) और कंपीटिटिव एंट्रेंस एग्जामिनेशन में न्यूनतम 40-40 फीसदी अंक से कम नंबर लाने वाले एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के प्रावधानों का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया है।


इस फैसले से मेडिकल कॉलेजों में पहले से पढ़ रहे आरक्षित वर्ग के 100 मेडिकल छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। इनका नामांकन 31 जुलाई 2006 में सरकार द्वारा जारी एक आदेश के तहत 40 फीसदी से कम अंक लाने के बावजूद हुआ था। किरकिरी होने पर सरकार ने आदेश पलटते हुए नौ सितंबर 2011 को एमसीआई के प्रावधानों के तहत नामांकन लेने का आदेश जारी किया। प्रज्ञा मानिनी आकाश भेंगरा ने सरकार के इस आदेश को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे मंगलवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया।


जस्टिस आरआर प्रसाद की एकल पीठ ने अपने आदेश में 40 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों के नामांकन को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अभ्यर्थी के क्वालिफाइंग अंक 80 प्रतिशत हो और उसे प्रवेश परीक्षा में शून्य अंक मिले तो ऐसे छात्र का भी नामांकन लेना पड़ेगा, जो प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।


2005 में बदली परिभाषा


राज्य के मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के छात्रों के नामांकन के लिए कट ऑफ मार्क्‍स की परिभाषा 2005 बैच से बदल दी गई थी। सरकार के इस निर्णय के बाद 2005 के बैच में 25 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं का भी एडमिशन लिया गया। अगले वर्ष 31 जुलाई 2006 को सरकार ने एमसीआई के नियम के विपरीत कट ऑफ मार्क्‍स के संबंध में नया आदेश जारी किया। इसमें क्वालिफाइंग और कंपीटिटिव एंट्रेंस एग्जामिनेशन को मिलाकर न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों का एडमिशन देने की बात कही गई। इसके बाद अगले चार सालों तक इसी आधार पर नामांकन लिया जाता रहा। 2010 में एमसीआई ने इस मामले का खुलासा किया। 32 छात्रों का नामांकन रद्द करने का आदेश सरकार को दिया।


याचिकाकर्ताओं का तर्क


याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि राज्य सरकार ने 31 जुलाई 2006 के आदेश में संशोधन करते हुए नौ सितंबर 2011 को नया निर्देश जारी किया है। इसी वजह से उन्हें मेडिकल में दाखिला नहीं हो पा रहा है, जबकि कई छात्रों को इसका लाभ मिल चुका है।


सरकार ने कहा : औपबंधिक नामांकन हुआ


सरकार और रिम्स प्रबंधन ने कोर्ट को बताया कि एमसीआई के प्रावधानों के तहत मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए आरक्षित वर्ग के छात्रों को क्वालिफाइंग और कंपीटिटिव एंट्रेंस एग्जामिनेशन में न्यूनतम 40-40 फीसदी अंक लाने होंगे। तरुण बाखला बनाम झारखंड सरकार के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले और इस वर्ष कई छात्रों ने अपने रिस्क पर औपबंधिक नामांकन लिया है। इनका नामांकन कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा।


आगे क्या


मामले में तरण बाखला की ओर से दायर याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस पर 19 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

विकलांग कोटे के तहत आरक्षण की नीति पर रोक

चंडीगढ़, जासं : पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में हरियाणा सरकार द्वारा विकलांग कोटे के तहत आरक्षण देने के लिए अपनाई गई नीति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह आदेश दिनेश कुमार भाटिया नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ता ने वकील इंद्रपाल गोयत के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया था कि नौकरियों में विकलांगों को आरक्षण देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा अपनाया जा रहा पैमाना कानूनन गलत है। बहस के दौरान अदालत में बताया गया कि नियम के अनुसार किसी भी तरह का आरक्षण तीन श्रेणी में होता है पहला जनरल, दूसरा ओबीसी व तीसरा एससी व एसटी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच एक मामले में स्पष्ट भी कर चुकी है और इस संबंध में निर्णय भी दे चुकी है। याचिका के वकील ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 14 अक्टूबर 1997 को नियम के विपरीत जनरल, ओबीसी व एससी/एसटी वर्ग के अलावा एक अलग श्रेणी विकलांग को शामिल कर उसमें सीट आरक्षित करने का नियम शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व कानून के अनुसार अगर किसी विकलांग को आरक्षण का लाभ देना है तो उसे उस कोटे में आरक्षण दिया जाएगा जिस वर्ग से वह संबंधित है।

नवोदय विद्यालय के लिए प्रवेश परीक्षा फरवरी में

अम्बाला सिटी. जवाहर नवोदय विद्यालय कौलां में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए जा रहे हैं। प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है जबकि प्रवेश परीक्षा 12 फरवरी को आयोजित की जाएगी।

विद्यालय की प्रिंसिपल आभा गुप्ता ने बताया कि विद्यालय की छठी कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदक किसी राजकीय अथवा मान्यता प्राप्त विद्यालय का पांचवीं कक्षा का विद्यार्थी होना चाहिए। आवेदक का जन्म 1 मई 1999 से 30 अप्रैल 2003 के बीच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवेदन करने के लिए आवेदन फार्म सभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फार्म किसी भी कार्यदिवस में जवाहर नवोदय विद्यालय कौलां के कार्यालय से भी प्राप्त किए जा सकते हैं।

दूसरी पत्नी नहीं, उसके बच्चे पीएफ-पेंशन के हकदार

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दूसरी पत्नी के बच्चों को पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन की राशि में बराबर का हकदार माना है। कोर्ट ने कहा है कि दूसरी पत्नी इसमें हिस्सेदार नहीं हो सकती।


हिंदू महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। राजनांदगांव जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 जगदीश प्रसाद शुक्ला की दो पत्नियां तारिणी शुक्ला व ऊषा शुक्ला थीं। नौकरी के दौरान ही शुक्ला की मृत्यु हो गई। पति की मौत के बाद दूसरी पत्नी ऊषा शुक्ला ने सिविल कोर्ट में वाद दायर कर पति की पीएफ, ग्रेच्युटी और पीएफ में अपने व दो बेटियों मानसी व सविता के लिए समान हिस्सा मांगा।



सुनवाई के बाद सिविल कोर्ट ने दूसरी पत्नी के पक्ष में फैसला दिया। इस फैसले को पहली पत्नी तारिणी ने जिला कोर्ट में चुनौती दी, इस पर सुनवाई के बाद जिला कोर्ट ने सिविल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। दूसरी पत्नी ऊषा ने जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस एनके अग्रवाल की सिंगल बेंच ने दूसरी पत्नी के बच्चों को पिता की पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन की राशि में बराबर हिस्सा देने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी पत्नी को कोर्ट ने इसमें हिस्सेदार मानने से इनकार कर दिया है।

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