बहुचर्चित जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मामले की सुनवाई कर रहे रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने चौटाला समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय कर दिए। अदालत ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला ने जेबीटी शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), हरियाणा से वापस लेने का आदेश दिया था। उन्होंने राज्य के तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक के स्थानांतरण का भी आदेश दिया था। ऐसे में उनके खिलाफ मामला बनता है। शनिवार को अदालत में ओमप्रकाश चौटाला मौजूद थे। उन्होंने सीबीआइ के आरोपों से इंकार किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच वर्ष 2003 में शुरू की थी। जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आया। इसके बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी और राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। मामले में सीबीआइ ने वर्ष 2008 में आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र में कहा गया कि वर्ष 1999- 2000 में राज्य के 18 जिले में हुई 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मापदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों की बहाली की गई। शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी एसएससी से लेकर जिलास्तर पर बनाई गई चयन समिति को सौंपी गई। समिति ने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की। जिला स्तरीय चयन समिति में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे अभ्यर्थियों के चयन के लिए दबाव भी बनाए गए।
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला शनिवार को आरोप तय
बहुचर्चित जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मामले की सुनवाई कर रहे रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने चौटाला समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय कर दिए। अदालत ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला ने जेबीटी शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), हरियाणा से वापस लेने का आदेश दिया था। उन्होंने राज्य के तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक के स्थानांतरण का भी आदेश दिया था। ऐसे में उनके खिलाफ मामला बनता है। शनिवार को अदालत में ओमप्रकाश चौटाला मौजूद थे। उन्होंने सीबीआइ के आरोपों से इंकार किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच वर्ष 2003 में शुरू की थी। जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आया। इसके बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी और राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। मामले में सीबीआइ ने वर्ष 2008 में आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र में कहा गया कि वर्ष 1999- 2000 में राज्य के 18 जिले में हुई 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मापदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों की बहाली की गई। शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी एसएससी से लेकर जिलास्तर पर बनाई गई चयन समिति को सौंपी गई। समिति ने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की। जिला स्तरीय चयन समिति में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे अभ्यर्थियों के चयन के लिए दबाव भी बनाए गए।
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