चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने स्कूल प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची जल्दी जारी करने का भरोसा दिलाया है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) प्रतिनिधिमंडल के साथ मंत्री की बृहस्पतिवार रात हुई बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में शिक्षा के स्तर में सुधार की संभावनाएं तलाश की गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के ओएसडी एमएस चोपड़ा, शिक्षा निदेशक विजयेंद्र कुमार तथा अतिरिक्त निदेशक सतबीर सैनी की मौजूदगी में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने हसला नेताओं को भरोसा दिलाया कि शिक्षा में सुधार के हर सुझाव पर विचार किया जाएगा। हसला अध्यक्ष किताब सिंह मोर के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से मिले प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्रियों की बैठक में गीता भुक्कल के उस सुझाव का जोरदार स्वागत किया, जिसमें उन्होंने आंध्रप्रदेश की तर्ज पर कालेज काडर की योग्यता रखने वाले स्कूल प्राध्यापकों को कालेज काडर में पदोन्नति देने की बात कही गई है। प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची लंबे समय से लंबित है। इसे अति शीघ्र अंतिम रूप देने के लिए पांच प्राध्यापकों को पंचकूला निदेशालय पर डेपुटेशन पर भेज दिया गया है। किताब सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बारहवीं के विद्यार्थियों को विज्ञान की कोचिंग के कार्य में लगे प्राध्यापकों को विभाग द्वारा अर्जित अवकाश की सुविधा देने पर सहमति बन चुकी है। हसला नेताओं ने मंत्री व अधिकारियों को सुझाव दिया कि सेमेस्टर प्रणाली में शिक्षण कार्य दिवसों को बढ़ाने के लिए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाए। केवल द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा ही बोर्ड द्वारा आयोजित की जानी चाहिए। दोनों सेमेस्टर की 40 प्रतिशत व 60 प्रतिशत वरीयता को आधार मानकर परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में हसला महासचिव दलबीर पंघाल, रामफल सहरावत आदि शामिल थे।
कुवि के यूआइईटी के चार पीजी कोर्सो को मान्यता
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : कुवि के यूआइईटी के चार पीजी कोर्सो, जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी के बीटेक कोर्स और इलेक्ट्रॉनिक साइंस के एक कोर्स को अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान की ओर से मान्यता प्रदान कर दी गई है। विश्वविद्यालय के तीनों संस्थानों को एआइसीटीई से मान्यता मिलने के बाद कुवि कुलपति डॉ. डीडीएस संधू ने बधाई दी। उन्होंने बताया कि एआइसीटीई की टीम ने कुछ दिन पहले ही इन संस्थानो का निरीक्षण किया था। डॉ. संधू ने कहा कि सभी विभागों ने संबंधित शर्तो को पूरा करने के लिए विभिन्न दस्तावेज व विद्यार्थी जीवन में पूर्ण सुविधाएं मुहैया कराई जिसकी रिपोर्ट नई दिल्ली संस्थान को भेजी थी। जनसंचार और मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो.राजबीर व इलैक्ट्रॉनिक साइंस विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल वोहरा ने कुलपति और अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान का धन्यवाद किया। अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान ने यूआइईटी विभाग के एमटेक साफ्टवेयर इंजीनियरिंग, एमटेक कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग को मान्यता प्रदान की है। जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में पिं्रटिंग ग्राफिक्स व पैकेजिंग में बीटेक कोर्स व इलेक्ट्रॉनिक साइंस विभाग में नेनो साइंस टेक्नोलॉजी कोर्स को मान्यता दी गई है।
12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देने के लिए काउंटर
भिवानी, मुख्य संवाददाता : हरियाणा विद्यालय बोर्ड से बारहवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देने के लिए विशेष काउंटर खोले गए हैं। बोर्ड सचिव शेखर विद्यार्थी ने बताया कि यह निर्णय केवल दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए लिया गया है। ऐसे छात्र अपने दाखिले से संबंधित प्रलेख और विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा जारी अथॉरिटी लेटर दिखाकर अपने प्रमाण पत्र और माइग्रेशन प्रमाण-पत्र कार्यालय दिवस के अतिरिक्त अवकाश के दिनों में किसी भी समय बोर्ड कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अन्य छात्रों के प्रमाण पत्र एक सप्ताह के अंदर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों में भेज दिए जाएंगे।
ठेके की नौकरी में भी हो आरक्षण : भुक्कल
नई दिल्ली: हरियाणा ने ठेके पर निजी कंपनियों में होने वाली कर्मचारियों की भर्ती में भी आरक्षण के प्रावधान पर जोर दिया है। राज्य की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसी केंद्रीय योजनाओं के लिए भर्ती में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्च शिक्षा व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने इसे 2.40 लाख से बढ़ाकर पांच लाख किये जाने का सुझाव देते हुए कहा हरियाणा में बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के 30 छात्रावास बनाये गये हैं। योजना को विस्तार देते हुए इस तरह के छात्रावास सभी जिलों में बनाए जाएंगे।
दसवीं का रिजल्ट कल
डीयू: मार्क्सशीट की डाउनलोड कॉपी से भी मिलेगा दाखिला,
डीयू: मार्क्सशीट की डाउनलोड कॉपी से भी मिलेगा दाखिला
नई दिल्ली.कटऑफ में जगह बनाने वाले उन छात्रों को डीयू प्रशासन ने बड़ी राहत दी है, जो मार्क्सशीट उपलब्ध न होने के चलते बैरंग लौटाए जा रहे थे।खासकर हरियाणा व यूपी बोर्ड के इन छात्रों को अब एक अंडरटेकिंग व मार्क्सशीट की इंटरनेट कॉपी देने भर से दाखिला मिला जाएगा। लेकिन, दाखिले के ठीक 10 दिनों के भीतर उन्हें अपनी मॉर्क्सशीट कॉलेज को मुहैया करानी होगी।
हरियाणा पुलिस सिपाही पद : इंटरव्यू 20 से
नारनौल & हरियाणा पुलिस में 5456 पुरुष सिपाही पद (सामान्य ड्यूटी) अस्थाई पदों के की भर्ती के लिए जिन उम्मीदवारों ने 2008 में पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर के कार्यालय में आवेदन किया था, उनमें से सामान्य वर्ग के पंजीकरण संख्या 7347 से 12768 तक के उम्मीदवारों का साक्षात्कार कार्यालय पुलिस अधीक्षक कमांडो हरियाणा नेवल, करनाल में 20 जून को होगा। सामान्य वर्ग में पंजीकरण संख्या 7347 से 8004 तक 20 जून को, 8010 से 8408 तक 23 को, 8410 से 8903 तक 24 को, 8908 से 9467 तक 27 को, 9468 से 10325 तक 28 को, 10331 से 11116 तक 29 को, 111120 से 12116 तक 30 जून को, 12119 से 12495 तक 1 जुलाई को तथा 12497 से 12768 तक 4 जुलाई को साक्षात्कार होगा।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शुरू होगा नया कोर्स
रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के लोक प्रशासन विभाग में नए सत्र से पंचवर्षीय समेकित एमए (ऑनर्स) लोक प्रशासन कोर्स शुरू होगा। नए कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन 20 जून तक किया जा सकता है। विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसएस चाहर ने बताया कि लोक प्रशासन कोर्स संभावनाओं से लबरेज है। सिविल सेवा परीक्षा व अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए लोक प्रशासन की पढ़ाई अहम है। इसके अतिरिक्त, प्रादेशिक सरकार तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि में भी विषय से करियर की संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि मदवि में शुरू किया गया समेकित कोर्स बारहवीं कक्षा के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के लिए 60 सीटें निर्धारित की गई हैं। कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में 45 प्रतिशत अंक होने चाहिए। विभागाध्यक्ष प्रो. चाहर ने बताया कि एमए (आनर्स) की तीन वर्ष उपरांत स्नातकीय ऑनर्स की डिग्री तथा पांच वर्ष बाद एमए (ऑनर्स) की डिग्री प्रदान की जाएगी।
यूपी के आयुर्वेदिक कॉलेजों पर तलवार
पीलीभीत मानक और संसाधन पूरे न होने के चलते यूपी के सभी आठ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। तमाम चेतावनी के बाद भी इन कॉलेजों में हायर फैकल्टी पूरी नहीं है। नाराज सीसीआइएम टीम की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार कॉलेजों की मान्यता खारिज करने पर विचार कर रही है। लखनऊ, बनारस, झांसी, हंडिया (इलाहाबाद), अतर्रा (बांदा), मुजफ्फरनगर, समेत रहेलखंड मंडल के पीलीभीत व बरेली में स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) के निशाने पर हैं। भारत सरकार के निर्देश पर सीसीआइएम की टीमों ने हाल ही में आयुर्वेदिक कॉलेजों में मुआयना कर रिपोर्ट दी है।
मरते हुए व्यक्ति का बयान अपने आप में सबूत
अंतिम सांस ले रहे व्यक्ति द्वारा दिया बयान चाहे वह मौखिक हो या फिर लिखित या फिर उसका बयान किसी अन्य तरीके से लिया गया हो, वह सबूत के तौर पर अपने आप में पर्याप्त है और यह मामले में निश्चितता का द्योतक भी है। कहने का तात्पर्य यह है कि मरता हुआ व्यक्ति कभी झूठ नहीं बोलता है। यह टिप्पणी करते हुए रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सुधीर कुमार जैन की अदालत ने हत्या के मामले में दोषी पाए 22 वर्षीय युवक को आजीवन कारावास की सुनाई है। अदालत ने फैसले में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि मरता हुआ कोई व्यक्ति जब अपना बयान दे तो उस समय मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य हो। अदालत ने दोषी पर चार हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को दो महीने अतिरिक्त कैद काटनी होगी।
मौखिक परीक्षा में जुड़ सकेंगे प्राथमिक के अंक-हाईकोर्ट
चंडीगढ़. लोक सेवा आयोग जैसी भर्ती एजेंसियां चाहें तो प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती हैं।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के इस फैसले को चुनौती संबंधी याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि भर्ती एजेंसी परिस्थितियों के मुताबिक प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस गुरदेव सिंह की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि यह संविधान के समानता के अधिकार की अनदेखी नहीं है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ रणबीर सिंह खरब व अन्यों की तरफ से याचिका दायर कर सवाल उठाया गया था कि क्या प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ा जा सकता है।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के इस फैसले को चुनौती संबंधी याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि भर्ती एजेंसी परिस्थितियों के मुताबिक प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ सकती है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस गुरदेव सिंह की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि यह संविधान के समानता के अधिकार की अनदेखी नहीं है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ रणबीर सिंह खरब व अन्यों की तरफ से याचिका दायर कर सवाल उठाया गया था कि क्या प्राथमिक परीक्षा के अंकों को मौखिक परीक्षा में जोड़ा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने हेल्थ यूनिवर्सिटी को दिए आदेश, पुरानी पालिसी से हों दाखिले
रोहतक. सुप्रीम कोर्ट ने एमडी व एमएस काउंसलिंग मामले में पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस को आदेश जारी कर दिए हैं। कोर्ट की ओर से जारी आदेशों में कहा है कि यूनिवर्सिटी पुरानी पालिसी से ही दाखिले करे। परीक्षा के दौरान काउंसलिंग में नियमों को बदलना सही नहीं है।
हेल्थ यूनिवर्सिटी ने दो मार्च को एचसी एमएस कोटे की एमडी और एमएस की परीक्षा ली थी, जिसमें 36 सीटों के लिए 57 डाक्टरों ने शिरकत की थी। मैरिट लिस्ट तीन मार्च को जारी की गई। खास बात यह थी कि प्रोस्पेक्टस में प्रकाशित पालिसी के तहत सभी 57 डाक्टर एनओसी की शर्त को पूरी करते थे। लेकिन काउंसलिंग से ठीक एक दिन पूर्व सरकार ने एनओसी देने की शर्त में बदलाव कर नई पालिसी जारी कर दी।
इन शर्तो के अनुसार तीन साल कुल सर्विस को बढ़ाकर पांच साल कर दिया। जिसमें से तीन साल किसी भी जिला व खंड स्तर के अस्पताल तथा दो साल किसी गांव के अस्पताल में ड्यूटी होनी जरूरी थी। लेकिन जब पीड़ित अभ्यर्थियों ने जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो सच्चाई कुछ ओर सामने आई।
जन सूचना अधिकार के तहत पता चला कि जिन 23 डाक्टरों को एनओसी दी गई है, उनमें से 15 डाक्टर एनओसी की शर्तो को पूरा नहीं करते। जबकि इन डाक्टरों ने न तो जिलास्तर के अस्पताल में कार्य किया था और न ही खंड स्तर के अस्पताल में किया था। कुछ अभ्यर्थियों ने जरूर काम किया है लेकिन वे तीन साल की शर्त पूरी नहीं करते। लिहाजा नई पालिसी से एचसी एमएस की 36 सीटों में से केवल आठ डाक्टर ही शर्तो को पूरा करते हैं।
अब भर सकेंगी 28 रिक्त सीटें
इस पूरे प्रकरण के चलते करीब 28 सीटें खाली रह गई थी, जिससे अब उन्हें भरा जा सकेगा। अब हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक बार फिर से वर्क करना पड़ेगा और मैरिट लिस्ट दोबारा से बनानी पड़ेगी। सीटें रिक्त रहने की सूरत में दाखिला लेने वाले दूसरे अभ्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। उन्हें डबल ड्यूटी देनी पड़ रही थी। इस आदेश से उन्हें जरूर राहत मिलेगी।
हेल्थ यूनिवर्सिटी ने दो मार्च को एचसी एमएस कोटे की एमडी और एमएस की परीक्षा ली थी, जिसमें 36 सीटों के लिए 57 डाक्टरों ने शिरकत की थी। मैरिट लिस्ट तीन मार्च को जारी की गई। खास बात यह थी कि प्रोस्पेक्टस में प्रकाशित पालिसी के तहत सभी 57 डाक्टर एनओसी की शर्त को पूरी करते थे। लेकिन काउंसलिंग से ठीक एक दिन पूर्व सरकार ने एनओसी देने की शर्त में बदलाव कर नई पालिसी जारी कर दी।
इन शर्तो के अनुसार तीन साल कुल सर्विस को बढ़ाकर पांच साल कर दिया। जिसमें से तीन साल किसी भी जिला व खंड स्तर के अस्पताल तथा दो साल किसी गांव के अस्पताल में ड्यूटी होनी जरूरी थी। लेकिन जब पीड़ित अभ्यर्थियों ने जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो सच्चाई कुछ ओर सामने आई।
जन सूचना अधिकार के तहत पता चला कि जिन 23 डाक्टरों को एनओसी दी गई है, उनमें से 15 डाक्टर एनओसी की शर्तो को पूरा नहीं करते। जबकि इन डाक्टरों ने न तो जिलास्तर के अस्पताल में कार्य किया था और न ही खंड स्तर के अस्पताल में किया था। कुछ अभ्यर्थियों ने जरूर काम किया है लेकिन वे तीन साल की शर्त पूरी नहीं करते। लिहाजा नई पालिसी से एचसी एमएस की 36 सीटों में से केवल आठ डाक्टर ही शर्तो को पूरा करते हैं।
अब भर सकेंगी 28 रिक्त सीटें
इस पूरे प्रकरण के चलते करीब 28 सीटें खाली रह गई थी, जिससे अब उन्हें भरा जा सकेगा। अब हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक बार फिर से वर्क करना पड़ेगा और मैरिट लिस्ट दोबारा से बनानी पड़ेगी। सीटें रिक्त रहने की सूरत में दाखिला लेने वाले दूसरे अभ्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। उन्हें डबल ड्यूटी देनी पड़ रही थी। इस आदेश से उन्हें जरूर राहत मिलेगी।
पदोन्नति में आरक्षण का मामला गरमाया, कर्मचारी सरकार से भिड़े
राजस्थान में माहौल गरमाया, मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई बैठक, नहीं होने दी जाएगी पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ रैली
जयपुर। सरकारी नौकरी में पदोन्नति को लेकर प्रदेश सरकार और आरक्षण से वंचित कर्मचारियों में मामला और पेचीदा हो गया। शुक्रवार को मिशन 72 की तरफ से पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के लिए की जाने वाली रैली को रोकने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार ने देर रात रैली स्थल से टैंट और सारा सामान उठवा दिया है और रैली की तैयारी कर रहे लोगों को वहां इक_ा नहीं होने दे रहे हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस मसले पर कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक हुई। जिसके बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार प्रदेश में किसी तरह की क्लास वार नहीं चाहती और इसे रोकने के लिए किसी तरह की रैली की इजाजत नहीं देगी।
मिशन 72 की ओर से जयपुर में शुक्रवार को एक रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस फैसले के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण नहीं होना चाहिए। इसे लेकर दो तीन दिन से राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इससे पहले बुधवार को सरकार ने मिशन-72 की रैली को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। रैली में भाग लेने के लिए कर्मचारी को छुट्टी देने से मना कर दिया था। इस दिन दफ्तरों से अनुपस्थित अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ काम नहीं तो वेतन नहीं और सर्विस ब्रेक करने पर भी विचार किया जा रहा है।
रैली की इजाजत नहीं
बैठक के बाद मंत्री अब सरकार की किरकिरी होने से बचाने के लिए लीपापोती में लगे हैं। वे बार बार वर्गहित के नाम पर आरक्षण प्राप्त करने वाले और आरक्षण नहीं प्राप्त करने वाले दोनों ही वर्गों के बीच वर्गभेद न आए। धारीवाल ने कहा कि दोनों ही पक्षों में से किसी को भी धरना, प्रदर्शन या रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार काम करेगी।
हर बात का ठीकरा भाजपा के सिर
धारीवाल ने पदोन्नति में आरक्षण के मामले को अटकाए रखने के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 18 माह तक मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया और अंत में 2006 में नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसे लेकर कर्मचारी बाद में कोर्ट में चले गए और मामला उलझता चला गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार मामले को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए भटनागर समिति का गठन भी किया गया है।
जयपुर। सरकारी नौकरी में पदोन्नति को लेकर प्रदेश सरकार और आरक्षण से वंचित कर्मचारियों में मामला और पेचीदा हो गया। शुक्रवार को मिशन 72 की तरफ से पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के लिए की जाने वाली रैली को रोकने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार ने देर रात रैली स्थल से टैंट और सारा सामान उठवा दिया है और रैली की तैयारी कर रहे लोगों को वहां इक_ा नहीं होने दे रहे हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस मसले पर कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक हुई। जिसके बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार प्रदेश में किसी तरह की क्लास वार नहीं चाहती और इसे रोकने के लिए किसी तरह की रैली की इजाजत नहीं देगी।
मिशन 72 की ओर से जयपुर में शुक्रवार को एक रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस फैसले के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण नहीं होना चाहिए। इसे लेकर दो तीन दिन से राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इससे पहले बुधवार को सरकार ने मिशन-72 की रैली को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। रैली में भाग लेने के लिए कर्मचारी को छुट्टी देने से मना कर दिया था। इस दिन दफ्तरों से अनुपस्थित अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ काम नहीं तो वेतन नहीं और सर्विस ब्रेक करने पर भी विचार किया जा रहा है।
रैली की इजाजत नहीं
बैठक के बाद मंत्री अब सरकार की किरकिरी होने से बचाने के लिए लीपापोती में लगे हैं। वे बार बार वर्गहित के नाम पर आरक्षण प्राप्त करने वाले और आरक्षण नहीं प्राप्त करने वाले दोनों ही वर्गों के बीच वर्गभेद न आए। धारीवाल ने कहा कि दोनों ही पक्षों में से किसी को भी धरना, प्रदर्शन या रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार काम करेगी।
हर बात का ठीकरा भाजपा के सिर
धारीवाल ने पदोन्नति में आरक्षण के मामले को अटकाए रखने के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 18 माह तक मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया और अंत में 2006 में नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसे लेकर कर्मचारी बाद में कोर्ट में चले गए और मामला उलझता चला गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार मामले को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए भटनागर समिति का गठन भी किया गया है।
JNV fathebaad 11th admition & Jammu B.ed & 1304 technical institute pr rko
पीटीयू के 20 कालेजों की मान्यता पर रोक
जालंधर, शिक्षा संवाददाता: ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स (एआईसीटीई) ने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) से संबद्ध पंजाब के 20 कालेजों समेत उत्तर भारत के 1304 तकनीकी शिक्षण संस्थानों मौजूदा सेशन में मान्यता देने पर रोक लगा दी है। एआईसीटीई ने इन कालेजों को बंद करने या फिर इनमें चल रहे बीटेक कोर्सो को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। एआईसीटीई की इस सूची में शामिल पीटीयू से संबद्ध कालेजों में एपीजे स्वर्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, श्री गणपति पोलीटेक्निक कालेज, ब्रकली कालेज, आर्यन बिजनेस स्कूल फॉर वीमन, आर्यन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, गुरुकुल विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कालेज, अमृतसर कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी अमृतसर, गुलजार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, अमन भल्ला पॉलीटेक्निक कालेज, साई इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, आईएसएफ कालेज ऑफ फार्मेसी, भाई महा सिंह कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, एस सुखजिंदर सिंह कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आईआईटीटी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग पोजोवाल, चंडीगढ़ बिजनेस स्कूल, स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंफारमेशन टेक्नोलाजी, स्वामी विवेकानंद स्कूल ऑफ मैनेजमेंट शामिल हैं।
एम्स में एमडी पाठ्यक्रमों की सारी परीक्षाएं रद नहीं
नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एम्स के रेजीडेंट डाक्टरों की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के सुपर स्पेशिएलिटी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एम्स द्वारा ली गई परीक्षा को रद करने की मांग की थी। न्यायाधिकरण ने नए सिरे से परीक्षा लेने का आदेश देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि परीक्षा नियंत्रक और परीक्षा लेने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की ईमानदारी पर संदेह नहीं किया जा सकता। कैट की मुख्य पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति वी के बाली ने कहा कि न्यायालय उन दलीलों से सहमत नहीं हैं कि परीक्षा केंद्रों पर गंभीर कदाचार हुआ। एम्स की ओर से दाखिल हलफनामे में दिए गए स्पष्टीकरण के मद्देनजर परीक्षा नियंत्रक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की ईमानदारी पर संदेह करने का कोई कारण नहीं पाते। न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि एम्स ने पहले ही मामले की जांच की है और कुछ पाठ्यक्रमों में दोबारा परीक्षा लेने का फैसला किया है। एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ऑफ एम्स और दो चिकित्सकों की ओर से दायर याचिका में डीएम, एमसीएच में सुपर स्पेशिएलिटी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए फरीदाबाद के मानव रचना विश्वविद्यालय में 15 मई, 2011 को आयोजित परीक्षा में कदाचार और अनुचित साधनों का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया गया था।
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