चंडीगढ़, जासं : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के महानिदेशक को अवमानना नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस ईश्र्वर सिंह व अन्य कई अध्यापकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर जारी किया। याचिकाकर्ता अध्यापकों ने कोर्ट को बताया कि वे सभी मिडिल स्कूलों के मुख्य अध्यापक हैं। उन्होने पिछले साल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर सरकार को मिडिल स्कूलों के मुख्य अध्यापकों को सभी सुविधाएं व लाभ देने के साथ उनकी हाईस्कूल के मुख्याध्यापक के पद पर तरक्की करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने इसका निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को कहा था कि वो इस बाबत शिक्षा विभाग को अपनी प्रस्तुति दे तथा शिक्षा विभाग को उस पर उचित कार्रवाही करने का आदेश दिया था।
गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ सकता है।
फाइल मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास पहुंची
• अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ सकता है। उन्हें आईडी नंबर, सर्विस बुक और एडजस्ट न होने की सूरत में वेतन देने का तोहफा भी मिलना तय है।
गेस्ट टीचर एसोसिएशन के प्रधान अरुण मलिक, महासचिव राजेंद्र शर्मा और अन्य पदाधिकारियों ने कई बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने मौखिक तौर पर उनकी कई मांगें मान भी ली, लेकिन उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। एसोसिएशन के पदाधिकारी पिछले दिनों फिर मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी एमएस चोपड़ा, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ बैठक की। बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी।
महासचिव राजेंद्र शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि स्कूली शिक्षा विभाग की प्रधान महासचिव सुरीना राजन से भी पदाधिकारियों की बात हो चुकी है। राजन ने तीन बिंदुओं पर हां कर दी है और उनके बारे में जल्द ही पत्र जारी होना वाला है, जबकि वेतन बढ़ोतरी का मामला मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजने की बात कही थी। शर्मा ने बताया कि जिन पर सहमति बनी है, उनमें सभी गेस्ट टीचरों को आइडेंटिफिकेशन (आईडी) नंबर दिया जाएगा जैसा रेगुलर टीचरों को दिया हुआ है। सभी गेस्ट टीचरों की सर्विस बुक बनेगी। एक मुख्य मांग जो मानी गई है, वह है किसी रेगुलर टीचर की प्रमोशन या किसी रेगुलर टीचर के ट्रांसफर होकर आने के बाद अगर कोई गेस्ट टीचर हटता है तो उसे 15 दिन के भीतर दूसरे स्कूल में एडजस्ट किया जाएगा। अगर एडजस्टमेंट नहीं होती तो उसे तब तक वेतन मिलेगा, जब तक उसे एडजस्ट नहीं किया जाता।
शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि रेगुलर टीचरों के समान बेसिक पे और डीए गेस्ट टीचरों को दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने हां कर रखी है और उन्हें उम्मीद है कि यह भी जल्द मिलेगा।
मुख्यमंत्री के पास गेस्ट टीचरों ने वेतनमान बढ़ाने की मांग की थी। विभाग की तरफ से फाइल आई है। वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे। वेतन में बढ़ोतरी अवश्य होगी।
एमएस चोपड़ा,
मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी
• अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ सकता है। उन्हें आईडी नंबर, सर्विस बुक और एडजस्ट न होने की सूरत में वेतन देने का तोहफा भी मिलना तय है।
गेस्ट टीचर एसोसिएशन के प्रधान अरुण मलिक, महासचिव राजेंद्र शर्मा और अन्य पदाधिकारियों ने कई बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने मौखिक तौर पर उनकी कई मांगें मान भी ली, लेकिन उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। एसोसिएशन के पदाधिकारी पिछले दिनों फिर मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी एमएस चोपड़ा, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ बैठक की। बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी।
महासचिव राजेंद्र शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि स्कूली शिक्षा विभाग की प्रधान महासचिव सुरीना राजन से भी पदाधिकारियों की बात हो चुकी है। राजन ने तीन बिंदुओं पर हां कर दी है और उनके बारे में जल्द ही पत्र जारी होना वाला है, जबकि वेतन बढ़ोतरी का मामला मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजने की बात कही थी। शर्मा ने बताया कि जिन पर सहमति बनी है, उनमें सभी गेस्ट टीचरों को आइडेंटिफिकेशन (आईडी) नंबर दिया जाएगा जैसा रेगुलर टीचरों को दिया हुआ है। सभी गेस्ट टीचरों की सर्विस बुक बनेगी। एक मुख्य मांग जो मानी गई है, वह है किसी रेगुलर टीचर की प्रमोशन या किसी रेगुलर टीचर के ट्रांसफर होकर आने के बाद अगर कोई गेस्ट टीचर हटता है तो उसे 15 दिन के भीतर दूसरे स्कूल में एडजस्ट किया जाएगा। अगर एडजस्टमेंट नहीं होती तो उसे तब तक वेतन मिलेगा, जब तक उसे एडजस्ट नहीं किया जाता।
शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि रेगुलर टीचरों के समान बेसिक पे और डीए गेस्ट टीचरों को दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने हां कर रखी है और उन्हें उम्मीद है कि यह भी जल्द मिलेगा।
मुख्यमंत्री के पास गेस्ट टीचरों ने वेतनमान बढ़ाने की मांग की थी। विभाग की तरफ से फाइल आई है। वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे। वेतन में बढ़ोतरी अवश्य होगी।
एमएस चोपड़ा,
मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी
पीएमटी का पर्चा लीक हुआ
रायपुर. पीएमटी का पर्चा फूटने के बाद प्रदेश शासन ने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अध्यक्ष आईएसएस विजयेंद्र और नियंत्रक डा. बीपी त्रिपाठी को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री के सचिव और आईएफएस अफसर के सुब्रमण्यम को मंडल का नया अध्यक्ष और प्रदीप चौबे को नियंत्रक बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) निरस्त
पीएमटी के पर्चे के लीक होने की पुष्टि के बाद सकते में आए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने 19 मई को आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) को निरस्त कर दिया है। मंडल के नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी ने इस घटना की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा है कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा की जाएगी। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि तखतपुर में पकड़े गए गिरोह के पास से मिले पर्चे कहां से लीक हुए।महीनेभर के अंदर दूसरी बार पीएमटी का पर्चा फूटने की घटना ने मंडल के साथ-साथ प्रदेश की साख पर बट्टा लगा दिया है।
पहले सवाल रिपीट, अब पर्चा लीक
प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करने वाला व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की विश्वसनीयता दांव पर लग गई है। खासकर इस साल की पीएमटी तो शुरू से ही विवाद में उलझी रही। 11 मई को हुई पीएमटी में बैठे छात्र हैरान रह गए जब उनको पता चला कि तीनों प्रश्नपत्रों में पूछे गए 70 फीसदी से ज्यादा सवाल यूपीपीएससी में पूछे जा चुके हैं। उनके मॉडल आंसर इंटरनेट पर उपलब्ध थे। सवालों के सीक्वेंस तक नहीं बदले थे। कुल 150 में से 130 सवाल हूबहू रिपीट थे। खासकर जूलॉजी के पेपर में तो ज्यादातर सवाल उसी क्रम में पूछे गए थे। हड़बड़ाए व्यापमं ने तुरंत पर्चा निरस्त करने की घोषणा कर दी।
मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) निरस्त
पीएमटी के पर्चे के लीक होने की पुष्टि के बाद सकते में आए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने 19 मई को आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) को निरस्त कर दिया है। मंडल के नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी ने इस घटना की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा है कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा की जाएगी। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि तखतपुर में पकड़े गए गिरोह के पास से मिले पर्चे कहां से लीक हुए।महीनेभर के अंदर दूसरी बार पीएमटी का पर्चा फूटने की घटना ने मंडल के साथ-साथ प्रदेश की साख पर बट्टा लगा दिया है।
पहले सवाल रिपीट, अब पर्चा लीक
प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करने वाला व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की विश्वसनीयता दांव पर लग गई है। खासकर इस साल की पीएमटी तो शुरू से ही विवाद में उलझी रही। 11 मई को हुई पीएमटी में बैठे छात्र हैरान रह गए जब उनको पता चला कि तीनों प्रश्नपत्रों में पूछे गए 70 फीसदी से ज्यादा सवाल यूपीपीएससी में पूछे जा चुके हैं। उनके मॉडल आंसर इंटरनेट पर उपलब्ध थे। सवालों के सीक्वेंस तक नहीं बदले थे। कुल 150 में से 130 सवाल हूबहू रिपीट थे। खासकर जूलॉजी के पेपर में तो ज्यादातर सवाल उसी क्रम में पूछे गए थे। हड़बड़ाए व्यापमं ने तुरंत पर्चा निरस्त करने की घोषणा कर दी।
रिजल्ट खराब रहा तो रुकेगा इंक्रीमेंट
शिमला/हमीरपुर सरकारी स्कूलों में अब रिजल्ट खराब रहने का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा। जिन शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहता है, उन्हें इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा। सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग का यह प्रपोजल सरकार के पास विचाराधीन है। रिजल्ट पहले साल खराब रहने पर चेतावनी और दूसरी बार इंक्रीमेंट रोके जाने का प्रावधान है।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
100 शिक्षकों से जवाब-तलब:
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। ऐसे शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने जवाब-तलब किया है। शिक्षकों से यह पूछा गया है कि उनके स्कूल का रिजल्ट क्यों खराब रहा। जवाब संतोषजनक
नहीं रहा तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 80 हजार शिक्षकों का कैडर है। इसमें से करीब 15 हजार विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी और लेक्चरर तक सभी श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हेडमास्टर एवं प्रिंसिपल आदि श्रेणियों में सैकड़ों पद खाली हैं।
शिक्षक संघ सरकार से नाराज:
परीक्षा परिणाम 50 फीसदी से कम रहने पर इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय से शिक्षक संघ नाराज है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, मुख्यालय सचिव संजोग भूषण, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी, राज्य महासचिव डॉ. प्रमोद पठानिया एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर,हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक के खाली पदों को भरने के अलावा सरकार यदि अतिरिक्त सरकारी काम न दें, तो बात समझ में आती है, मगर ऐसे में निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
निदेशालय ने जारी किए पत्र हमीरपुर
शिक्षा निदेशालय के के निर्देश के बाद सभी उप निदेशकों ने स्कूलों से रिजल्ट की डिटेल मांगी है। विभाग के जारी आदेश में स्कूल से विषय वार, कक्षा का टोटल परीक्षा परिणाम का ब्यौरा तैयार करना है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो के साथ उप निदेशकों की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। ये बैठकें इसी माह होनी हैं। टीचर्स की परफॉरमेंस व परीक्षा परिणाम हर स्कूल रिपोर्ट सहित सब्मिट करेगा। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पर बाकायदा आंकलन होगा।
INTERIM RELIEF TO GOVT. EMPLOYEES
INTERIM RELIEF TO GOVT. EMPLOYEES
257
Subject : Grant of Interim Relief to all employees of Haryana Government.
(Copy of Letter No. 4/12/93-1FR-II dt. 31st October, 1996)
In continuation of Haryana, Govt. Finance Department circular letter No. 4/12/93-
1FR-II, dated 28th Feb. 1996, on the subject noted above, I am directed to say that Govt. have
decided to grant interim relief to its employees w.e.f. 1.4.96 @ Rs. 10% of the basic pay (pay as
defined under CSR Vol. I Part-I, 2.44 (a) (i)) subject to a minimum of Rs. 120/- per month
already sanctioned vide letter No. 4/12/93-1FR-II, dated 28th Feb. 1996.
2. The above instalment will be fully adjusted against and subsumed in the package
that may become admissible on acceptance of Fifth Central Pay Commission’s final
recommendation.
3. The amount of Interim Relief will be sui generis viz., and it will neither be termed
as ‘Pay’ nor ‘Allowance’ nor ‘Wage’. Accordingly, this amount will not count for any service
benefit i.e. computation of House Rent Allowance, Compensatory Allowance, Overtime
Allowance, Cash Compensation, Encashment of Leave, Pay Fixation, Pension or Gratuity etc.
etc.
4. The arrears of Interim Relief from 1.4.1996 to 31.10.96 in respect of all
employees shall be credited to their GPF/CPF Accounts. However, the payment of interim relief
under these orders shall be made in cash from November, 1996 i.e. for the month of Nov. 96
paid in Dec. 96.
5. Where any employee during this period is not eligible to subscribe to General
Provident Fund/Contributory Provident Fund the amount of arrears shall be invested in the
National Saving Certificates, purchased from the Post Office in the State of Haryana. The
National Saving Certificates shall be purchased by the Drawing & Disbursing Officers in the
name of the employee concerned and shall be handed over to the latter. Employees who have
retired to have closed their G.P.F./C.P.F. accounts by the time the arrears are drawn be paid
arrears of Interim Relief in cash. The deposits under the Contributory Provident Fund Account
will, however, not be eligible for corresponding contribution from Govt.
*************
for original click here
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257
Subject : Grant of Interim Relief to all employees of Haryana Government.
(Copy of Letter No. 4/12/93-1FR-II dt. 31st October, 1996)
In continuation of Haryana, Govt. Finance Department circular letter No. 4/12/93-
1FR-II, dated 28th Feb. 1996, on the subject noted above, I am directed to say that Govt. have
decided to grant interim relief to its employees w.e.f. 1.4.96 @ Rs. 10% of the basic pay (pay as
defined under CSR Vol. I Part-I, 2.44 (a) (i)) subject to a minimum of Rs. 120/- per month
already sanctioned vide letter No. 4/12/93-1FR-II, dated 28th Feb. 1996.
2. The above instalment will be fully adjusted against and subsumed in the package
that may become admissible on acceptance of Fifth Central Pay Commission’s final
recommendation.
3. The amount of Interim Relief will be sui generis viz., and it will neither be termed
as ‘Pay’ nor ‘Allowance’ nor ‘Wage’. Accordingly, this amount will not count for any service
benefit i.e. computation of House Rent Allowance, Compensatory Allowance, Overtime
Allowance, Cash Compensation, Encashment of Leave, Pay Fixation, Pension or Gratuity etc.
etc.
4. The arrears of Interim Relief from 1.4.1996 to 31.10.96 in respect of all
employees shall be credited to their GPF/CPF Accounts. However, the payment of interim relief
under these orders shall be made in cash from November, 1996 i.e. for the month of Nov. 96
paid in Dec. 96.
5. Where any employee during this period is not eligible to subscribe to General
Provident Fund/Contributory Provident Fund the amount of arrears shall be invested in the
National Saving Certificates, purchased from the Post Office in the State of Haryana. The
National Saving Certificates shall be purchased by the Drawing & Disbursing Officers in the
name of the employee concerned and shall be handed over to the latter. Employees who have
retired to have closed their G.P.F./C.P.F. accounts by the time the arrears are drawn be paid
arrears of Interim Relief in cash. The deposits under the Contributory Provident Fund Account
will, however, not be eligible for corresponding contribution from Govt.
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आईटीआई में दाखिले के लिए 25 जून तक आवेदन मांगे
चंडीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ने विभिन्न व्यवसायों में दाखिला लेने के इच्छुक उम्मीदवार 25 जून शाम चार बजे तक आवेदन कर सकते हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिन संस्थानों में दाखिले के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं, उनमें प्रदेश के सभी आईटीआई, आईटीआई (महिला), निजी औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों के साथ-साथ मूक एवं बधिर कल्याण केंद्र गुड़गांव में इंजीनियरिंग एवं गैर इंजीनियरिंग व्यवसायों और 19 उत्कृष्ठता केंद्रों के बेसिक मॉडयूल व एडवांस माडयूल में दाखिले शामिल हैं। दाखिले के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता 8वीं, 10वीं, 12वीं उत्तीर्ण है। इसकी विवरणिका विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड की जा सकती है।
हरियाणा में एनपीए जुड़ेगा पेंशन की गणना के लिए
चंडीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा सरकार ने एक जनवरी से 30 सितंबर 2006 के बीच सेवानिवृत्त कर्मचारियों की विसंगतियों के संबंध में स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन गणना में नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस (एनपीए) को भी शामिल किया जाएगा। वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वेतन परिभाषा में पेंशन लाभ के लिए एनपीए की गणना नहीं की गई, परंतु एक जनवरी 2006 से पहले पूर्व संशोधित ढांचे में लिए गए पारिश्रमिक का उल्लेख करना अनिवार्य है। प्रवक्ता ने बताया कि एचसीएमएस डाक्टर जो 7 दिसंबर 2001 और 17 अप्रैल 2006 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं, के संबंध में पेंशन संशोधन के लिए केवल नोशनल आधार पर एनपीए की गणना की जाएगी और पहले से जारी निर्देशों के अनुसार वास्तविक लाभ 18 अप्रैल 2006 से प्रभावी होंगे।
ईटीटी छात्रों का भविष्य अधर में
पेपर लीक प्रकरण के सवा माह बाद भी नहीं घोषित हुई नई तिथि
चंडीगढ़। पंजाब में ईटीटी का डिप्लोमा कर रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। ईटीटी परीक्षा के कथित पेपर लीक के आरोप में रद किए गए पेपरों को सवा महीना बीत जाने के बावजूद परीक्षा के लिए नई तारीख की घोषणा नहीं हुई है। यह परीक्षाएं सेमेस्टर प्रणाली के जरिए हो रही हैं। इन सबों के लिए निजी संस्थाओं के ईटीटी छात्रों की परीक्षा के बारे में अधिसूचना जारी होने के इंतजार को जिम्मेवार माना जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने 12 मई को पेपर लीक होने के आरोप में ईटीटी के सभी पेपर रद कर दिए थे और विभाग के अतिरिक्त सचिव संजय पोपली को इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। जांच हो गई। जांच में किस जगह से पेपर लीक हुआ और किसने किया, इस संबंध में तो कुछ नहीं कहा गया था लेकिन पेपर लीक न होने की सावधानी के तौर पर पूरे कदम न उठाए जाने के आरोप में एसईआरटी के निदेशक अवतार सिंह, सीईओ रोशन सूद और एक उप निदेशक जगतार सिंह कुलड़िया को निलंबित कर दिया गया था। यह सब तो हुआ लेकिन नए सिरे से परीक्षा लेने के लिए नई तारीख की घोषणा नहीं हुई।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने भले ही प्राइवेट ईटीटी के गैर कानूनी तरीके से दाखिल किए गए छात्रों की परीक्षा लेने का फैसला तो ले लिया है लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसी के इंतजार में ईटीटी के अधिकृत छात्रों के पेपर भी नहीं लिए जा रहे हैं। इससे पहले यह आरोप भी लगे हैं कि निजी संस्थाओं के कारण ही पेपर लीक का मामला भी उठाया गया। इसी मुद्दे पर मतभेदों के चलते शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सी, राऊल क ा विभाग बदल दिया गया है। इस पूरे प्रकरण के मामले में मंत्री सेवा सिंह सेखवां और डीजीएसई बी.पुरषार्था भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। लेकिन बेकसूर छात्र इस सबका खामियाजा भुगत रहे हैं।
दसवीं में सवा लाख बच्चे हुए फेल
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दसवीं के नतीजे में 1.26 लाख बच्चों को फेल करके उनके ग्यारहवीं, बारहवीं में दाखिला लेने के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। अब इन सवा लाख बच्चों को मजबूर होकर स्कूल छोड़ना पड़ेगा।
बोर्ड द्वारा लाखों बच्चों की जिंदगियों का यह शोषण सरकारी नीति के उलट जाकर किया जा रहा है क्योंकि देश में दसवीं का इम्तिहान आप्शनल करके ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया जा चुका है और अब बच्चों को दसवीं तक की लाजमी शिक्षा देने हित बच्चों को फेल करने की परंपरा बंद कर दी गई है। लेकिन पंजाब बोर्ड द्वारा पूरे देश की नीति के उलट अपनी गलत, सिद्धांतहीन, संवेदनहीन और पैसा कमाऊ नीति जारी है और आज भी ग्रेडिंग सिस्टम लागू न करके लाखों बच्चों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
पिछले सीबीएसई द्वारा दसवीं के 10.62 लाख बच्चों के नतीजे ऐलान किए गए, जिनकी पास प्रतिशता 99 फीसदी रही, क्योंकि इस बार सेंट्रल बोर्ड द्वारा दसवीं इम्तिहान को आप्शनल बनाने कारण 70 फीसदी विद्यार्थियों ने बोर्ड का इम्तिहान देने की बजाय, दसवीं की परीक्षा अपने स्कूल स्तर पर ही दी।
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा अधिकार कानून 2009 में संशोधन करके इसी साल से बच्चों को दसवीं तक की लाजमी और जरूरी शिक्षा देने का अधिकार दिया जा रहा है। इसके तहत हर बच्चे को दसवीं पास तक की शिक्षा की गारंटी की गई है। पंजाब द्वारा अपनाई जा रही उक्त नीति इस केंद्रीय कानून, शिक्षा सलाहकार बोर्ड के फैसलों की घोर उल्लंघना है।
राजस्थान 10वीं का रिजल्ट
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सेकंडरी परीक्षा 2011 का परिणाम रविवार शाम को घोषित करेगा। परिणाम www.examresult.net, rajeduboard.nic.in, rajasthaneducation.net, indiaresults.com, educationgateway.co.inआदि वेबसाइटों पर उपलब्ध होगा। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक परीक्षार्थी द्वारा इंटरनेट पर स्कूल का नाम फीड करने पर संबंधित स्कूल के सभी परीक्षार्थियों का परिणाम भी सामने आ जाएगा।
public notice about transfer and link for all teacher transfer
- to rectify this problem all the transfer requests received till 15^th june,2011 have been made available on the website of the department for the perusal of all concerned and if there are some teachers who have not applied for their transfer and their transfer requests have been registered wrongly or otherwise by some other persons they can send their objections/corrections required in this regard through e-mail edutransferhry@gmail.com up to 19.06.2011(till 5.00P.M.).
1. c&v transfer request click here
2.maser transfer request click here
3.lecturer transfer request click here
4.other transfer request(non-teaching click here
jindal foundation 5 prize of one cror(rs10000000) each
jindal foundation will give 5 prize of one cror(rs10000000) each in many field are you eligible click link
jindal prize click here for link
jindal prize click here for link
अध्यापकों को आपत्ति दर्ज करवाने का मौका देगा शिक्षा विभाग : हसला
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने हसला के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि शिक्षा विभाग में तबादलों की ऑनलाइन सुविधा का दुरुपयोग किए जाने की शिकायतों को देखते हुए तबादलों को अंतिम रूप देने से पूर्व तबादला सूची को इंटरनेट पर डालकर प्रभावित अध्यापकों को एक निश्चित समय सीमा में ऑनलाइन आपत्ति दर्र्ज करवाने का मौका दिया जाएगा। यह जानकारी हरियाणा लेक्चरर्र्स एसोसिएशन (हसला) के प्रांतीय प्रधान किताबङ्क्षसह मोर ने आज यहां जारी विज्ञप्ति में दी
हरियाणा में खुल सकती
चंडीगढ़। हरियाणा को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का तोहफा मिल सकता है। यह संकेत कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया है। उधर, मुख्यमंत्री ने फिर अलग हाईकोर्ट की मांग की है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली में कानून मंत्री वीरप्पा मोइली से मिले।
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