कब आएंगे अच्छे दिन शिक्षा क्षेत्र के

कब आएंगे अच्छे दिन
शिक्षा क्षेत्र के अच्छे दिन कब आएंगे? शायद सरकार बताने की स्थिति में नहीं। व्यवस्था हर दिन खराब हो रही है। हाल ही में जो कवायद आरंभ हुई उसका असर देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा, तो क्या तब तक शैक्षणिक आधार इसी तरह

नियमित किए जाएं अस्थायी अध्यापक

नियमित किए जाएं अस्थायी अध्यापक


मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने सुनाया फैसला, शिक्षकों के लिए सरकार की नियमितीकरण नीति को वैध करार दिया

Learning indicator in primary schools Haryana

प्राइमरी स्कूलों में शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए अब 'लर्निंग इंडिकेटर'
नौनिहालों का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में अधिगम संकेतक (लर्निग इंडिकेटर) लगाए जाएंगे। इसके सहारे बच्चों का बेस मजबूत होगा। इंडिकेटर लगाने की रिपोर्ट ई-मेल से एसएसए निदेशालय भेजी जाएगी। "सब पढ़ें..सब बढ़ें" सर्व शिक्षा अभियान के इस सपने को साकार करने के लिए स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रदेश भर के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में अधिगम संकेतक
लगाना अनिवार्य कर दिया है। स्कूल की दीवार पर हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय के संकेतक लगाए जाएंगे। अधिगम संकेतक कक्षा के बाहर दीवारों पर पेंट होगा। 64 स्क्वायर फीट (16 फीट लंबा व 4 फीट ऊंचा) में सफेद रंग के चमकीले सिंथेटिक पेंट से बेस तैयार होगा। कक्षा का नाम सबसे उपर लिखने के बाद दूसरी पंक्ति में तीन अलग-अलग ब्लॉक में संकेतक उकेरे जाएंगे। हिंदी का सबसे पहले, अंग्रेजी का मध्य में तथा उसके बाद गणित का होगा। प्रत्येक पंक्ति की चौड़ाई 2 इंच होगी।
पीले रंग का बॉर्डर: अधिगम संकेतक का किनारा (बॉर्डर) पीले रंग का होगा। हिंदी के लिए डार्क ग्रीन, अंग्रेजी डार्क ब्लू व गणित का संकेतक काले पेंट से उकेरा जाएगा। निदेशालय से हिदायत दी गई है कि कक्षा के बाहर दीवार पर संकेतक इस तरह से बनाएं जिससे बच्चों को देखने में असुविधा न हो। आंख के लेवल में इसे लिखवाएं। विद्यालय में जगह की कमी होने की स्थिति में इसे थोड़ा उपर लिखवा सकते हैं।
स्टीयरिंग कमेटी में निर्णय: शिक्षण में गुणवत्ता विकास कार्यक्रम (क्यूआइपी) के तहत प्रदेश स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में स्कूलों में इंडिकेटर लगाने का निर्णय लिया गया। प्रधान सचिव टीसी गुप्ता भी इसमें उपस्थित रहे। इंडिकेटर के प्रारूप का जिम्मा राज्य शैक्षणिक व शोध प्रशिक्षण परिषद गुड़गांव को सौंपा गया।

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एचटेट परीक्षार्थी को दो बार देने होंगे थम्ब इंप्रेशन

केयू और एमडीयू को झटका नहीं मिली डिस्टेंस की मान्यता, छह जिलों में एचटेट परीक्षा सेंटर न बनाने की निंदा


बोर्ड ने एनरोलमेंट आवेदन की फिर बढ़ाई तिथि

नियम 134-ए की मुखालफत पर सरकार को झटका जज ने पूछा क्या सरकार गरीब बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं देना चाहती

गेस्ट टीचर बोले नियमित होने तक नहीं छोड़ेंगे दिल्ली

गेस्ट टीचर बोले नियमित होने तक नहीं छोड़ेंगे दिल्ली
महेंद्रगढ़(ब्यूरो)। नियमित करने की मांग को लेकर गेस्ट टीचरों का महापड़ाव शुक्रवार को 38 वें दिन भी जारी रहा। सरकार की अनदेखी के बावजूद गेस्ट टीचरों का जोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

हरियाणा में सीपीएस की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती


कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने किए 7 परीक्षाओं के परिणाम घोषित


BLO duty and court

ब्रेकिंग न्यूज:

जेबीटी शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी का पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने लिया कड़ा संज्ञान, शुक्रवार तक सरकार से माँगा जवाब।

चंडीगढ़:
बीएलओ ड्यूटी के खिलाफ जिला कुरुक्षेत्र के जेबीटी शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट की जस्टिस अमित रावल की बेंच ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए मामले में आगामी शुक्रवार तक जवाब तलब कर लिया है। बेंच ने शिक्षकों को शिक्षण की बजाय वर्षों से बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यो में व्यस्त रखने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और सरकारी वकील से पूछा कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है या बीएलओ ड्यूटी करना ?  याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अनुराग गोयल ने बेंच को बताया कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून भी ये साफ करता है कि शिक्षकों की बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी नही लगाई जा सकती। शिक्षकों का एकमात्र दायित्व शिक्षा देना है ना कि अन्य कार्यो में ऊर्जा नष्ट करना। उन्होंने बेंच को बताया कि गुडगाँव में तो बीएलओ नियुक्त शिक्षको का वेतन रोकने व ऍफ़आईआर तक दर्ज करने की अनुसंशा की जा चुकी है। एक तरफ तो शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यो से दूर रहने व बच्चों के दाखिलों पर एवम शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दे रहे है जबकि दूसरी तरफ जिला उपायुक्त कार्यालय शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी देने के लिए बाध्य कर रहा है। ऐसे में शिक्षक करे भी तो क्या करे। दायर याचिका में उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद बेंच की मुख्यन्यायधीश वाली डिवीजन बेंच द्वारा 25 मार्च 2015 को एक जनहित याचिका में दिए फैसले का भी हवाला दिया गया है जिसमे डिवीजन बेंच ने स्कूल टाइम के बाद भी या छूटी के दिन भी शिक्षकों की गैर-शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी को गलत ठहराते हुए कहा कि स्कूल टाइम के बाद भी एक शिक्षक को अगले दिन के शिक्षण कार्य हेतु तैयारी करनी होती है और छूटी के दिन अपने पारिवारिक कार्यो को भी करना होता है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था करे और शुक्रवार तक हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करे। हाईकोर्ट ने सबंधित पक्षों शिक्षा विभाग के अधिकारिओं, उपायुक्त कुरुक्षेत्र आदि को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब तलब किया है।

स्कूल में गड़बड़ियां, हेडमास्टर और दो टीचर्स को किया सस्पेंड

57 हजार फर्जी छात्र दिखा हजम कर गए मिड डे मील

57 हजार फर्जी छात्र दिखा हजम कर गए मिड डे मील.
राशन से लेकर पकाने के खर्च तक की रिकवरी.
शिक्षा निदेशालय का निर्देश - पता लगाओ कौन कर रहा था फर्जीवाड़ा, उससे रिकवरी करो
सरकारीस्कूलों में 57,400 बच्चों के नाम पर मिड डे मील का राशनहजम कर लिया गया। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्तर के

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