दाखिले का यह तरीका नहीं चलने देंगे : सिब्बल

नई दिल्ली दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिले के लिए 96 से 100 प्रतिशत तक का कट ऑफ तय करने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यह कतई तर्कसंगत नहीं है। यह गलत तरीका है और वह इसे नहीं चलने देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में वह पूरी तरह छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ हैं। दाखिले के लिए सौ प्रतिशत अंक तक कट ऑफ तय करने के मामले को सिब्बल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में किसी कालेज का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कॉलेजों के इस नजरिए को खारिज जरूर कर दिया। उन्होंने कहा कि आखिर जो छात्र दिन-रात पढ़ाई करके 97, 98 व 99 प्रतिशत तक अंक लाते हैं, फिर भी उन्हें दाखिला न मिले तो यह तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों के इस दृष्टिकोण को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स का नाम लिए बिना ही कहा कि 100 प्रतिशत कट ऑफ तय करना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन उम्मीद है कि अब आगे से कोई कॉलेज ऐसा नहीं करेगा। सिब्बल ने कहा कि हालांकि यह मामला सीधे तौर पर मांग और आपूर्ति के सिद्धांत से जुड़ा है। शिक्षा में सुधार के कई कानून बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जब वे बन जाएंगे और भरपूर संसाधन होंगे तो फिर यह समस्या नहीं रह जाएगी। फिर भी उन्होंने दिल्ली के कालेजों में दाखिले को लेकर पैदा हुई इन स्थितियों पर संज्ञान लेने को कहा है। सिब्बल ने यह भी जोड़ा कि कुलपति ने कॉलजों में दाखिले को व्यावहारिक बनाने के प्रयास किए हैं। इस मौके पर मौजूद दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह ने माना कि कुछ कॉलेजों ने कट ऑफ की पूरी प्रक्रिया को अपनाने में अनदेखी की है। फिर भी छात्रों व अभिभावकों को इससे परेशान नहीं होना चाहिए। अभी चार और कट ऑफ सूची आएंगी। बहुत सीटें हैं। उन्हें भरना है तो अच्छे अंक पाने वाले छात्रों को दाखिला मिलेगा ही। उनके मुताबिक इस साल पैदा हुई समस्या की एक वजह यह भी है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पिछले साल इंटर में जहां 200 छात्र थे, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर 800 हो गई है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि समस्या की जड़ मांग व आपूर्ति के सिद्धांत में निहित है। स्थिति तभी सुधार सकती है, जब पर्याप्त संसाधन हों। उमर अब्दुल्ला ने 100 प्रतिशत के कट ऑफ का हास्यापद करार दिया। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, डर लगता है कि मैं अपने बच्चे को पढ़ाऊंगा कैसे?

Central University of Himachal Pradesh (CUHP)

Central University of Himachal Pradesh (CUHP)(Established under Central Universities Act 2009)
PO Box-21, Dharamshala, District Kangra, Himachal Pradesh -176215


Applications are invited on prescribed Application Form for the post of Professor, Associate Professor and Assistant Professor, in the various disciplines on regular basis  :

  • Professor : 10 posts
  • Associate Professor: 20 posts
  • Assistant Professor : 48 posts
Application Fee : Bank Draft of  Rs. 500/- for General Category & Rs. 125/- for SC /ST/ PH drawn in favour of the Central University of Himachal Pradesh payable at Dharamshala.

How to Apply : The application duly filled in the prescribed form must reach in the office of the Registrar, Central University of Himachal Pradesh, Post Box No.21, Dharamshala, District Kangra - 176215, Himachal Pradesh on or before 06/07/2011.


state govt are not serious about Higher edu




अंतिम तिथि

Posted On June - 15 - 2011
अशोक सिंह
* पाठ्यक्रम :-एमएससी (एप्लाइड सायकोलोजी, डेवलपमेंट कम्युनिकेशन, एडवर्टाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन,मास कम्युनिकेशन, कैमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, बायोटेक्नोलोजी, एन्वायरनमेंट साइंस, फूड टैक्नोलोजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलोजी), पीजी डिप्लोमा (टूरिज्म पीआर, डिफेन्स जर्नलिज्म, पिगमेंट एंड पेंट टेक्नॉलोजी), एम फार्मा, एम टेक आदि
संस्थान : गुरु जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार (www.gjut.ac.in)
आवेदन :- संस्थान की वेबसाइट से प्रॉस्पेक्टस डाउन लोड किया जा सकता है.
अंतिम तिथि :-4 जुलाई
* पाठ्यक्रम :-एमकॉम, एल एलएम, एमबीए, एमए (इकोनोमिक्स और एजुकेशन) एम फिल, पीएचडी
संस्थान :-सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा, महेंद्रगढ़,
प्रॉस्पेक्ट्स : वेबसाइट  www.cuharyana.org से डाउन लोड कर सकते है
एडमिशन :- दिनांक 17 जुलाई को आयोजित की जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर
अंतिम तिथि :-24 जून
*पाठ्यक्रम : बीए ऑनर्स (इकोनोमिक्स, इंग्लिश, हिस्ट्री, मैथ्स, सायकोलोजी, सोशल साइंस), एमए (डेवलपमेंट स्टडीज, इकोनोमिक्स, इंग्लिश, एनवायरनमेंट स्टडीज, जेंडर स्टडीज, सायकोलोजी) एमफिल,
संस्थान : बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.aud.ac.in से डाउन लोड कर सकते हैं
अंतिम तिथि :-20 जून
* पाठ्यक्रम :-सर्टिफिकेट कोर्स (ट्रांसलेशन,वाटरशेड टैक्नोलोजी, योग), डिप्लोमा (योग, टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, क्रिमिनोलोजी एंड फोरेंसिक साइंस, रिमोट सेंसिंग आदि), एलएलएम, एमपीएड, एम लिब, एमएड, एमएससी, एमटेक, एमफिल आदि
संस्थान :- पं. रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी, रायपुर
प्रोस्पेक्टस:- संस्थान की वेबसाइट www.prsu.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि :-30 जून
*पाठ्यक्रम :- बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स,मास्टर ऑफ ऑक्युपेशनल थिरेपी,,मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी
संस्थान :-ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, मुम्बई
प्रॉस्पेक्टस:-संस्थान की वेबसाइट www.aiipmr.gov.in  से डाउनलोड कर सकते हैं।
*पाठ्यक्रम:-डाईरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, ऑडियोग्राफी, एडिटिंग, एक्टिंग
संस्थान :-स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टी वी, (हरियाणा सरकार), सेक्टर-6,रोहतक
अवधि:-तीन तीन वर्ष
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता:-10+2 पास
प्रॉस्पेक्टस;-संस्थान की वेबसाइट www.techeduhry.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं.
अंतिम तिथि:-20 जून
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चंडीगढ़, 14 जून। हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के तबादलों के लिए शुरू की गई ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली विभाग के लिए सिरदर्द बनती जा रही है।
पहली बार हुई यह शुरूआत न केवल शिक्षकों बल्कि विभाग के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है। कुछ शरारती शिक्षकों द्वारा अपनी बदली के चक्कर में दूसरे शिक्षकों के नाम विभाग की वेबसाइट पर बदली के लिए दर्ज कर दिए गए हैं। जिन शिक्षकों के नाम दर्ज हुए हैं, वे तबादला चाहते ही नहीं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय में भी यह मामला पहुंच गया है। बताते हैं कि विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, शिक्षकों को यह भी कहा है कि वे विभाग को तबादले के लिए सीधे ईमेल कर सकते हैं।
ज्ञात रहे कि शिक्षा विभाग ने तबादला नीति में पारदॢशता लाने के लिए इस बार बदलियां ऑनलाइन किए जाने का निर्णय लिया था। हाल ही में हुड्डïा सरकार ने क्लास-2 तक के तबादलों के अधिकार डेढ़ माह के लिए संबंधित मंत्रियों को सौंपे हैं।
इसी के चलते शिक्षा विभाग की मंत्री गीता भुक्कल ने विभाग में नई पहल करते हुए तबादले ऑनलाइन किए जाने की व्यवस्था की। ऑनलाइन तबादला नीति का प्रचार-प्रसार भी खूब किया गया लेकिन अब यह मामला विभाग के गले की फांस बनता नज़र आ रहा है।
हालांकि अभी तक किसी दूसरे शिक्षक के नाम और आईडी नम्बर का दुरुपयोग किए जाने के कुछ ही मामले सामने आए हैं, ङ्क्षकतु अगर इन मामलों की संख्या बढ़ गई तो विभाग के लिए एक नया सिरदर्द पैदा हो जाएगा।
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने भी इस मामले में स्कूल शिक्षा निदेशालय तथा मौलिक शिक्षा निदेशालय का दरवाजे पर दस्तक दे दी है।
अध्यापक संघ के प्रदीप सरन, चमनलाल कौशिक, जसबीर मान, रङ्क्षवद्र राणा, सुभाष चौहान, साहिब ङ्क्षसह, विक्रम भट्टïी, राजेश शर्मा, अजय सोफत, विजय अरोड़ा, सुदेश कुमार तथा चरणजीत आदि पदाधिकारियों ने स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक सतबीर ङ्क्षसह तथा मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विनय ङ्क्षसह यादव से मुलाकात की।
संघ पदाधिकारियों ने अधिकारियों के सामने ऑनलाइन तबादला रजिस्ट्रेशन में इस तरह की गड़बड़ होने की शिकायत की। इस पर दोनों अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, अधिकारियों ने यह भी भरोसा दिया कि इच्छा के विरुद्ध किसी अन्य ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया है तो ऐसी सूरत में उस शिक्षक को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने अभी तक ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है, वे ईमेल से भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जेबीटी शिक्षकों के आवेदन भी पंद्रह जून तक स्वीकार किए जाएंगे।
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चंडीगढ़, 14 जून। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा की कि पुलिस भर्ती में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक परीक्षण की वीडियोग्राफी की जाएगी और इलैक्ट्रोनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक में प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में हरियाणा की मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव छत्तर सिंह और गृह सचिव समीर माथुर भी उपस्थित थे।
पुलिस विभाग द्वारा किए गए बेहतर कार्य की प्रशंसा करते हुए हुड्डा ने निर्देश दिए क दूरभाष नंबर 100 पुलिस का मुखौटा होने के नाते इस पर आने वाली कॉल का उत्तर तत्परता और शिष्टचार से दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस नंबर पर प्राप्त होने वाली कॉल को अटेंड करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्ति किए जाएं।
बैठक में यह सुझाव दिया गया कि अद्र्ध-सैनिक बलों के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों को पुलिस बल में नए जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए अनुबंध आधार पर नियुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने जेलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर भी ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि इस समस्या पर दृढ़ता से अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि प्रदेश में, विशेषकर महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद क्षेत्र में अवैध खनन न किया जाए।
हुड्डा ने कहा कि सुधार की हमेशा गुंजाइश बनी रहती है, इसलिए उन्होंने पुलिस विभाग से किसी घटना पर शीघ्र और समय पर कार्यवाही करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी घटना की स्थिति में न केवल उन्हें, बल्कि मीडिया को भी समय पर और सही जानकारी दें। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना के संबंध में निदेशक, सूचना, जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग को भी सूचित किया जाए।
उन्होंने कहा कि पुलिस बल को किसी घटना की स्थिति में आगे के क्रम का पूर्वाभास करने का प्रयत्न करने चाहिए, ताकि समय रहते स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास सभी आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं और उन्हें सभी उपकरणों और तकनीक का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में अपराध की रोकथाम करने के लिए अपराधों से संबंधित आंकड़े का विश्लेषण कर पुलिस बल की दक्षता में सुधार लाया जाना चाहिए। उन्होंने उन्हें यह भी सुझाव दिया कि अपनी वेबसाइट पर पुलिस बल की सफलता की कहानियों को अपलोड करें, ताकि इन्हें सार्वजनिक किया जा सके और इसका व्यापक प्रचार सुनिश्चित हो सके। हुड्डा ने कहा कि क्राइम और क्रिमिनल ट्रेङ्क्षकग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) निर्धारित अवधि के भीतर चालू होना चाहिए। यह बताया गया कि यह प्रणाली इस वर्ष के अंत तक चालू हो जाएगी।  मुुख्यमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि कम से कम गंभीर मामलों में एक वरिष्ठ अधिकारी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने से पूर्व इसका पूरा अध्ययन करें। विशेषकर गुडग़ांव में पार्किंग के मुद्दे की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने कहा कि पार्किंग नीति बनाने का एक प्रस्ताव है, जो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया जा रहा है।
बैठक में ‘जीआरपी रेल वार्डन स्कीम’ के क्रियांवयन की प्रशंसा की गई। रेलवे पुलिस की सहायता करने के लिए लगभग 2400 स्वयंसेवक हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा में प्राथमिकी सूचना और चालान का कम्प्यूट्रीकरण किया गया है। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाये गये कदमों की भी समीक्षा की गई और यह बताया गया कि सड़क सुरक्षा उपायो को प्रभावी ढंग से लागू करने से दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है।
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मोहाली, 14 जून। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की मैट्रिक कक्षा की परीक्षा समेक्टर-1 तथा समेस्टर-2 मार्च, 2011 के आज घोषित किये गये। परिणाम में इस बार परीक्षार्थियों का पास प्रतिशत 64.32 रहा जोकि गत वर्ष की तुलना में करीब 13 प्रतिशत कम रहा है। बोर्ड के चेयरमैन डा. दलबीर सिंह ढिल्लों ने आज इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि इस बार कुल 352948 परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा दी जिनमें से 227009 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार तीन लाख 491 परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा रेगुलर विद्यार्थी के तौर पर दी जिनमें से दो लाख 547 पास होने में सफल  हुए तथा इनका पास प्रतिशत 66.73 रहा। उन्होंने बताया कि 52457 परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा प्राइवेट विद्यार्थियों के तौर पर दी जिनमें से 26462 छात्र सफल हुए और इस तरह इनका पास प्रतिशत 50.44 रहा। उन्होंने बताया कि इस बार लड़कियों का पास प्रतिशत 73.10 रहा जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 66 रहा। बोर्ड द्वारा आज घोषित किये गये परिणाम के अनुसार लड़कियों ने लड़कों को बुरी तरह पछाड़ते हुए पहले 9 स्थानों पर अपना नाम दर्ज कराने में सफलता प्राप्त की है। भाई नंदलाल पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल आनंदपुर साहिब की छात्रा अमोलप्रीत कौर ने कुल 1300 अंकों में से 1254 अंक प्राप्त कर पहला, गवर्नमेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल अंबाला जट्टा ज़िला होशियारपुर की गगनजोत कौर ने 1241 अंक प्राप्त कर दूसरा जबकि दयानंद मॉडल हाई स्कूल समाना (पटियाला) की चिरंजली जोशी तथा श्री गुरु गोबिंद सिंह सीनियर सैकेंडरी सकूल जिदड़ा (मोगा) की रमनदीप कौर ने 1239 अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया। जीवन ज्योति पब्लिक हाई स्कूल छेहरटा (अमृतसर) की  महकप्रीत कौर ने 1238 अंक प्राप्त कर चौथा, भाई नंदलाल पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल आनंदपुर साहिब की ममता रानी ने 1236 अंक प्राप्त कर पांचवां स्थान हासिल किया
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नई दिल्ली : पुलिस ने बगैर रजिस्ट्रेशन एजुकेशन बोर्ड चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर संचालक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बोर्ड ने 330 स्कूलों को फ्रेंचाइजी भी दे रखी थी। गिरोह अखबारों में बगैर परीक्षा दिए 10वीं व 12वीं पास करने का विज्ञापन देकर ठगता था। एक सर्टिफिकेट के लिए चार हजार रुपये वसूले जाते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी अब तक हजारों लोगों को चूना लगा चुके हैं। बोर्ड का संचालक मांगेराम आचार्य पार्षद से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ चुका है। उस पर विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त आइबी रानी ने बताया कि फर्जी एजुकेशन बोर्ड संचालित होने की सूचना मिली थी। इसकी जांच ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर अशोक त्यागी को सौंपी गई थी। उन्होंने पुलिसकर्मी को नकली ग्राहक बनाकर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भेजा और तमाम जानकारी जुटाई। इसके बाद टीम ने 31 मई को गोपालपुर गांव से दिलीप कुमार शुक्ला (42), मनोज कुमार मिश्रा (31) व धर्मजीत सिंह (21) को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से भारी संख्या में तैयार फर्जी तथा प्रिंटेड सर्टिफिकेट, 29 नकली स्टांप सहित कंप्यूटर व स्कैनर बरामद किया गया। बाद में पुलिस ने नौ जून को बोर्ड के संचालक मांगेराम आचार्य उर्फ मनीष प्रताप (46) को भी दबोच लिया। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी स्थानीय अखबारों में बगैर परीक्षा दिए आठवीं फेल छात्रों को 10वीं व 12वीं पास का सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाने का आकर्षक विज्ञापन देते थे। बाद में ग्राहक से हर सर्टिफिकेट के लिए चार हजार रुपये वसूलते थे। लोगों का विश्वास कायम करने के लिए उन्होंने बीएचएसईडीईएलएचआई.ओआरजी नाम से वेबसाइट भी बना रखी थी। इस वेबसाइट में बोर्ड के उप कार्यालय सहित 330 स्कूलों के भी नाम थे, जहां से लोग सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते थे। पुलिस उपायुक्त के मुताबिक बोर्ड संचालक मांगेराम मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है। वर्ष 1995 में दिल्ली आने के बाद उसने आयुर्वेदिक डॉक्टर की हैसियत से एनजीओ खोला। बाद में वह जल्द पैसा कमाने के लिए फर्जी एजूकेशन बोर्ड चलाने लगा। उस पर दिल्ली व मथुरा में 17 आपराधिक मामले चल रहे हैं। मांगेराम तिमारपुर थाने का बीसी तथा विकासपुरी थाने का भगोड़ा अपराधी है।

DU, DTU

 
delhi university इन तिथियों को रखें याद
 
कट आफ लिस्ट जारी होगी-दाखिले फीस जमा कराने की तारीख 1. पहली 15 जून-16 जून से 20 जून तक 2 . दूसरी 21 जून-22 जून से 25 जून तक 3. तीसरी 27 जून-28 जून से एक जुलाई तक 4. चौथी 2 जुलाई-4 जुलाई से 7 जुलाई तक 5. पांचवीं 8 जुलाई-9 जुलाई से 13 जुलाई तक।
डीयू की पहली कट ऑफ लिस्ट, इंतजार करें अभी चार और आएंगी
 
 
डीटीयू में दिल्ली वालों को मिलेगा पहले दाखिला
नई दिल्ली, जासं : आप अगर दिल्ली के निवासी हैं और आपकी एआइईईई में रैंक काफी नीचे है, तो भी निराशा न हों, बवाना स्थित दिल्ली प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में पहले दाखिला आपको मिलेगा। उसके बाद अन्य राज्यों के छात्रों को दाखिला मिलेगा। दाखिले के इच्छुक छात्र इस बात का भी ध्यान रखें, कि कोर्स में ऑनलाइन आवेदन की बुधवार को अंतिम तारीख है। डीटीयू के सहायक रजिस्ट्रार डॉ. विवेक त्रिपाठी ने बताया कि दिल्ली के छात्रों को वरीयता दी जाती है। दरअसल डीटीयू राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय है। जिसमें दिल्ली के छात्रों के लिए बी.टेक कोर्स में 85 फीसदी सीटें आरक्षित हैं। ऐसे में एआइईईई में अगर दिल्ली के छात्र ने 30 हजार रैंक लिया है और अन्य किसी राज्य के छात्र ने पांच हजार रैंक लिया है तो दाखिले में वरीयता दिल्ली के छात्र को दी जाएगी। डॉ. त्रिपाठी कहते हैं कि अगर किसी कोर्स में 100 सीटें हैं तो पहली 85 सीटें दिल्ली के छात्रों को मिलेंगी। बी.टेक में दाखिले के लिए छात्र 15 जून तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। पसंद का कोर्स चुनने के लिए 23 से 29 जून तक ऑनलाइन फॉर्म भरा जा सकता है। दाखिले के लिए पहली सूची पांच जुलाई को प्रकाशित की जाएगी। सामान्य श्रेणी में दिल्ली के अभ्यर्थी छह और सात जुलाई को डीटीयू में दाखिला ले सकते हैं। वहीं दिल्ली के एससी/एसटी, ओबीसी अभ्यर्थी आठ जुलाई को प्रवेश ले सकते हैं।

राज्यों में स्टेट रैंक को ही मिलेगी प्राथमिकता AIEEE

नई दिल्ली: सीबीएसई द्वारा एआइईईई की काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी है। छात्र बीते सालों की कट ऑफ लिस्ट देख कर अंदाजा लगा सकते हैं कि ऑल इंडिया और स्टेट रैंक के हिसाब से उन्हें देश के किस इंजीनियरिंग कालेज में इंजीनियरिंग की कौन सी शाखा में दाखिला मिल सकेगा। किस संस्थान की किस शाखा में दाखिले के लिए ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक क्या रखी गई है। एनआइटी को छोड़कर राज्यों के इंजीनियरिंग कालेजों में स्टेट रैंक को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उदाहरण के लिए किसी की अगर ऑल इंडिया रैंक 50 हजार है, लेकिन उसकी स्टेट रैंक 10 हजार है तो उसे अपने राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों में पहले प्राथमिकता मिलेगी। एआइईईई के तहत देश के 85 सरकारी इंजीनियरिंग संस्थान शामिल हैं, जिसमें देश के नामचीन 24 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) और तीन बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (बीआइटी) भी हैं। जिसमें दाखिले के लिए मारामारी रहती है। साथ ही इसमें देश के कुछ प्राइवेट विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। एआइईईई की काउंसिलिंग सेंट्रल काउंसिलिंग बोर्ड (सीसीबी) द्वारा आयोजित की जाती है। सीसीबी की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीसीबी डॉट एनआइसी डॉट इन से यह पता लगा सकते हैं कि किस इंजीनियरिंग की शाखा में कितने राउंड में कितनी रैंक वाले छात्र को दाखिला प्राप्त होगा। इसके साथ ही एनआइटी में एआइईईई की रैंक के आधार पर कितनी सीटें हैं और किस एनआइटी की कौन सी शाखा में पहले राउंड से लेकर तीसरे राउंड तक कितनी रैंक पर दाखिला हुआ है। इस पर उन्हें सीट के आधार पर जानकारी मिल जाएगी। सीसीबी की वेबसाइट पर छात्रों की सहूलियत के लिए वर्ष 2009 व वर्ष 2010 की काउंसिलिंग के आधार पर रैंक की पूरी जानकारी दी है है।

पैसे लेकर पूर्व छात्रों को पास होने का मौका

 चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी की अटका पड़ा इम्तिहान पास करने के लिए गोल्डन चांस देने की योजना हिट हो गई है। भारी भरकम फीस होने के बावजूद हर साल गोल्डन चांस के लिए सैकड़ों विद्यार्थी सामने आने लगे हैं। वीसी प्रो. आरसी सोबती ने पंजाब यूनिवर्सिटी की गोल्डन जुबली पर 2007 में इस योजना का श्रीगणेश किया था। अप्रैल 2010 में तो महज पांच विद्यार्थी ही सामने आए, लेकिन अप्रैल 2011 में 35 विद्यार्थियों ने इसका फायदा उठाया। सितंबर 2010 में गोल्डन चांस पाने के लिए विभिन्न कोर्सो के 289 विद्यार्थियों ने आवेदन करके पेपर दिया। इतनी बड़ी संख्या से उत्साहित होकर ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने योजना को आगे जारी रखने का एलान कर दिया है। सितंबर 2011 के लिए प्रशासन ने इसकी फीस भी बढ़ा दी है। पहले गोल्डन चांस पाने के लिए विद्यार्थियों से 7500 रुपये लिए जाते थे, लेकिन इस बार से यह फीस 10 हजार रुपये कर दी गई है। अगर एक से ज्यादा विषयों में अपीयर होना है तो प्रति विषय इसमें 800 रुपये का इजाफा होता जाएगा। यह आम फीस से पांच छह गुणा अधिक है, लेकिन बावजूद इतनी फीस के गोल्डन चांस लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीए और एमए इत्यादि में इंप्रूवमेंट के लिए इम्तिहानों की वैसे 1100 से 1500 रुपये तक फीस ली जाती है। गोल्डन चांस उन विद्यार्थियों को दिया जाता है जो किसी कारणवश कंपार्टमेंट इत्यादि के पूरे चांस लेने के बाद भी पास नहीं हो पाते। ऐसे विद्यार्थियों को दो विशेष चांस दिए जाते हैं। कई विद्यार्थी और खासकर लड़कियां ऐसी होती हैं जो शादी की वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देती हैं। उनके तमाम चांस पूरे हो जाते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी ने 1980 तक के विद्यार्थियों को गोल्डन चांस देने का एलान किया था। हालांकि उसमें शर्त यह थी कि उन्हें परीक्षा आज के स्लेबस मुताबिक पास करनी होगी। इंप्रूवमेंट के इम्तिहान हर साल एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी देते हैं। डिवीजन में सुधार करना इसका विशेष मकसद है। इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षाओं में इंप्रूवमेंट करने के ज्यादा मामले सामने आते हैं। हर साल करीब 1500 विद्यार्थी अपीयर होते हैं। गोल्डन चांस के लिए जो आवेदन कर रहे हैं उनमें 2000 के बाद के विद्यार्थियों की तादाद सबसे ज्यादा है। पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकांश विभाग अगले सत्र से खुद ही अपनी परीक्षाएं आयोजित करेंगे। पेपर आयोजित करने से लेकर चेक करने और रिजल्ट तैयार करने तक का जिम्मा विभागों का ही होगा। यूनिवर्सिटी का प्रयोग कितना सफल रहता है यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन एग्जामिनेशन ब्रांच का बोझ जरूर इससे कम हो जाएगा।

कटऑफ : डीयू में 100 फीसदी पर प्रवेश

महाराष्ट्र में पांचवीं की छात्रा मां बनी, पिता उसी स्कूल में छठी का छात्र

शहापुर. महाराष्ट्र के इस जिले में एक पांचवीं की छात्रा (15) ने एक बच्ची को जन्म दिया है। यह लड़की सावरोली स्थित अंग्रेजी माध्यम की छात्रा है। नवजात कन्या का पिता इसी स्कूल में कक्षा छह में अध्ययनरत एक किशोर है।

इस मामले स्कूल के मुख्य अध्यापक, अधीक्षक, सुरक्षाकर्मी एवं रसोइये को निलंबित कर दिया गया है। छात्रा मई में अवकाश के दौरान दहालु तहसील के मोड स्थित अपने गांव गई थी। वहीं सात जून को उसने बच्ची को जन्म दिया।

घटना की जानकारी मिलने पर प्रोजेक्ट अधिकारी म्हसे पाटिल ने पीड़िता के परिजनों से बातचीत की। परिजन छात्रा की पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं। इस नवजात का पिता माना जा रहा किशोर शिरोल गांव का बताया जा रहा है।

स्कूल में नियमित अंतराल पर होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण में छात्रा के गर्भवती होने का पता नहीं चला। ऐसा पिछला परीक्षण 28 जनवरी को हुआ था।





कटऑफ : डीयू में 100 फीसदी पर प्रवेश

नई दिल्ली.दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉप कॉलेजों में शुमार श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में इस बार बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए अब तक की ऐतिहासिक कटऑफ लिस्ट जारी की गई है।

दाखिले के लिए यहां पहुंचने वाले ऐसे छात्र जिनके पास 12वीं में बिजनेस स्टडीज, मैथमेटिक्स, एकाउंट्स व इकोनॉमिक्स में से कोई विषय नहीं रहा, उन्हें बेस्ट फोर में 100 प्रतिशत अंकों के साथ एंट्री मिलेगी। हालांकि, कॉलेज को भी ऐसे छात्रों के पहुंचने की उम्मीद कम ही है।

मंगलवार को बिना आवेदन फॉर्म के जारी की गई डीयू की पहली कटऑफ अपेक्षा के मुताबिक बेहद हैरान करने वाली रही। क्या कैम्पस और क्या ऑफ कैम्पस, सभी तरह के कॉलेजों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

पाठ्यक्रमों में सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव बीए प्रोग्राम में नजर आया। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में बीए प्रोग्राम में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है तो मैत्रयी कॉलेज में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है।

डीयू की पहली कटऑफ लिस्ट में पापुलर कॉमर्स पाठ्यक्रमों में बीकॉम और बीकॉम ऑनर्स पाठ्यक्रम में भी कैम्पस कॉलेजों मे जहां .25 प्रतिशत से लेकर तीन से चार प्रतिशत तक का उतार-चढ़ाव दर्ज हुआ है, वहीं ऑफ कैम्पस कॉलेजों में यह अंतर 1-2 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तक रहा।

ह्यूमेनिटीज की बात करें तो यहां भी भारी उतार-चढ़ाव दर्ज हुआ। राजधानी कॉलेज में इतिहास ऑनर्स की कटऑफ बीते साल के 64 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि, कमला नेहरू कॉलेज में फिलॉस्फी ऑनर्स में बीते साल के 70 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 80 प्रतिशत कटऑफ आई है।

इसी तरह, कैम्पस के रामजस कॉलेज में बीए प्रोग्राम की कटऑफ में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

कटऑफ में गिरावट देखें तो ह्यूमेनिटीज में श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स में 1 प्रतिशत की, हिन्दी ऑनर्स में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। ऑफ कैम्पस कॉलेज में जाकिर हुसैन सांध्य कॉलेज में संस्कृत की कटऑफ बीते साल के 60 प्रतिशत से 10 प्रतिशत गिरकर 50 प्रतिशत पहुंच गई है।

साइंस स्ट्रीम का हाल भी कॉमर्स व ह्यूमेनिटीज से अलग नहीं है। यहां कैंपस कॉलेज दौलतराम में केमिस्ट्री ऑनर्स में 13 फीसदी तो ऑफ कैंपस गार्गी कॉलेज में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स की कटऑफ में बीते साल के मुकाबले 10 प्रतिशत, बॉटनी, जूलॉजी और बीएससी फिजिकल साइंसेस-कम्प्यूटर साइंसेस की कटऑफ 9 प्रतिशत ऊंची रही है। इसी तरह, कैम्पस कॉलेज में साइंस पाठ्यक्रमों में सबसे पसंदीदा हंसराज कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स में 94 प्रतिशत कटऑफ गया है जो बीते साल के मुकाबले 9 प्रतिशत ज्यादा है, मिरांडा हाउस में फिजिक्स की कटऑफ बीते साल के मुकाबले 6 प्रतिशत और केमिस्ट्री की 8 प्रतिशत ऊपर रही है।

बढ़ोतरी के मोर्चे पर श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में फिजिक्स में 9.33 प्रतिशत, केमिस्ट्री में 9 प्रतिशत और इलेक्ट्रोनिक्स ऑनर्स में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। गिरावट की बात करें तो यहां कैम्पस कॉलेजों से परे ऑफ कैम्पस कॉलेजों में शुमार स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में बॉटनी ऑनर्स में 2 प्रतिशत, माइक्रोबायोलॉजी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है।

कुछ पाठच्यक्रमों के लिए लगेगी भीड़

पहली कटऑफ में आए उतार-चढ़ाव का नतीजा होगा कि कॉलेजों के कुछ पाठ्यक्रमों में दाखिलों की बाढ़ आ सकती है तो कुछ में दूसरी कटऑफ तक टोटा बना रहेगा। एसआरसीसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पीसी जैन ने बताया कि उनके यहां बीते सालों की ही तरह बीकॉम ऑनर्स में 0.75 प्रतिशत से 1.25 प्रतिशत और इकोनॉमिक्स ऑनर्स में 1.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

बीकॉम में 100 प्रतिशत कटऑफ के विषय में उन्होंने साफ किया कि नियमों के तहत ऐसा करना पड़ा है। हालांकि, उन्हें भी ऐसी उम्मीद कम ही है कि उनके यहां 12वीं में बिजनेस स्टडीज, मैथमेटिक्स, एकाउंट्स व इकोनॉमिक्स न पढ़ने वाले छात्र बीकॉम ऑनर्स पढ़ने पहुंचेंगे।

डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा से जब कटऑफ के विषय में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहली कटऑफ के बाद दाखिले की तस्वीर साफ नहीं होगी। असली तस्वीर तो दूसरी कटऑफ में सामने आएगी।


इसलिए छात्रों को परेशान होने के बजाए एडमिशन सेफ करने पर ध्यान लगाना चाहिए, यानि यदि मनपसंद कोर्स में कहीं नम्बर आया गया है तो दाखिला ले लें और फिर मनपसंद कॉलेज में कटऑफ गिरने का इंतजार करें।

अब 70 वर्ष तक की उम्र तक भी पढ़ा सकेंगे कॉलेज प्राध्यापक

भिवानी,13 जून (हप्र)। सिरसा की चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति केसी भारद्वाज ने कहा कि कॉलेज में पढऩे वाले बच्चों की शिक्षा को ओर अधिक बेहतर बनाने के लिए अब 70 वर्ष तक की उम्र तक वे लोग कॉलेज में पढ़ा सकेगें, इसके लिए वे नई योजना लेकर आ रहे है सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे वे लोग बच्चों को पढ़ा पाएगें जिन्हें शिक्षा के बारे में ज्यादा ज्ञान है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनकी सेहत का ठीक होना जरुरी होगा। भारद्वाज ने कहा कि जिन कॉलेजो का रिजल्ट उत्साहजनक नहीं आया हेै उन्हें सी कैटेगरी में डालकर उन्हें भी नोटिस दिया जाएगा।
कुलपति केसी भारद्वाज आज भिवानी के लोक निर्माण विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकार के साथ वे भी प्रयास कर रहे है ताकि शिक्षा में हरियाणा प्रदेश अपना नाम कमा सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए वे नई योजना लेकर आ रहे है। इस योजना के तहत जिन कॉलेज प्राध्यापकों का स्वास्थ्य ठीक है वे लोग 70 वर्ष तक बच्चों को शिक्षा दे सकेंगें। इसके लिए सरकार के पास अनुमति के लिए पत्र भेजा गया है। कुलपति ने कहा कि बच्चों को उच्चतर शिक्षा व रोजगारमुखी शिक्षा देने के लिए देवीलाल विश्वविद्यालय नए कोर्स चला रहा है। उन्होंने बताया कि अब पांच वर्ष की एलएलबी के लिए भी बच्चों को दूसरे प्रदेशों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इको, फिजिक्स की पढ़ाई भी यहीं पर ही हो सकेगी।
केसी भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा का रोजगारोन्मुखी होना अति आवश्यक है। उनसे प्रदेश में खोले गए विभिन्न कॉलेजो की मनमानी फीस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सरकार ने एक नई कमेटी बना दी है। जो कॉलेजों की फीस पर भी निगरानी रखेगी कि कोई अधिक फीस न वसूले।

Result of UGC NET

M.D. University, Rohtak for UGC NET

आईडी और जन्मतिथि चोरी कर तबादला कराने वालों से शिक्षक वर्ग हुआ परेशान

निदेशालय से होगी कार्रवाई
भास्कर न्यूज & फतेहाबाद
शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन ट्रांसफर सुविधा अध्यापक व लेक्चरर वर्ग के लिए परेशानी बन गई है। यह सुविधा खामियों भरी है। कोई भी व्यक्ति किसी अध्यापक व लेक्चरर का आईडी एवं जन्मतिथि चोरी कर ट्रांसफर का ऑप्शन भर सकता है। कुछ ऐसा ही वाकया राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद के फिजिक्स के लेक्चरर विजय कुमार, गणित लेक्चरर रामसिंह व रोशनलाल, कृष्ण कुमार के साथ हुआ है। किसी व्यक्ति ने ऑनलाइन ट्रांसफर के तहत वेबसाइट पर उनकी आईडी व जन्मतिथि भर दी। उसने कहीं और का ही ट्रांसफर स्टेशन भर दिया। अब इन सबके पास कोई चारा नहीं है। लेक्चरर ने मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर जांच की मांग की है। इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी व पुलिस को भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। निदेशक को भेजे पत्र में उक्त लोगों ने बताया कि मुख्यालय की ओर से उन्हें एक ऑनलाइन कोड नंबर दिया गया है। इस नंबर के जरिए अध्यापक अपनी इच्छानुसार ट्रांसफर के लिए स्टेशन आवेदन कर सकता है। शुक्रवार को वह अपने-अपने एरिया के साइबर कैफे पर ऑनलाइन ट्रांसफर का आवेदन करने के लिए गए और जैसे ही मेल आईडी ओपन करने के बाद अपना कोड नंबर डाला तो उसने स्वीकार नहीं किया। मैसेज दिया गया कि इसका पहले प्रयोग किया जा चुका है। जबकि वह पहली बार ही प्रयोग कर रहा थे। उन्हें शक है कि किसी ने किसी ने उनकी आईडी व जन्मतिथि कहीं से चोरी कर ऑप्शन भर कर दिया। जांच के बाद ही पता लगेगा कि कहीं किसी ने ऑनलाइन ट्रांसफर पालिसी के तहत उनके स्टेशन न बदल दिए हो। उनका कहना है कि विभाग ने जो सुविधा शुरू की है, वह सही नहीं है। इसमें मात्र आईडी व जन्मतिथि ही भरनी होती है जबकि यह जानकारी स्कूल या शिक्षा विभाग के कार्यालय में बड़ी आसानी से पता की जा सकती हैं। कोई भी व्यक्ति रंजिशवश इन चीजों का पता ऑनलाइन ट्रांसफर के ऑप्शन का गलत प्रयोग कर सकता है। इससे अध्यापकों को नुकसान होगा।
ऑनलाइन ट्रांसफर सुविधा शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी की गई है। इससे संबंधित कोई भी समस्या है, निदेशक को अवगत कराना पड़ेगा। जिला शिक्षा विभाग का इसमें कोई रोल नहीं है।"
कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी।

एक दिन ही दो परीक्षा कैसे देंगे

सीबीएसई द्वारा आयोजित होने वाले सेंट्रल टीचर एलिजीबिलिटी टेस्ट (सीटेट) तथा यूजीसी की ओर से नेशनल एलिजीबिलिटी टंस्ट(एनईटी) की परीक्षा एक ही दिन 26 जून को आयोजित होने से अनेक अभ्यर्थियों को एक परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा।

अधिकतर अभ्यर्थियों ने दोनो परीक्षाओं के लिए आवेदन किया हुआ है। केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षक बनने के क्रेज के चलते सीबीएसई द्वारा देश में पहली बार लिए जाने वाले सीटेट के लिए लाखों की संख्या में युवाओं ने आवेदन किया है।

वही कॉलेज प्राध्यापक के लिए आयोजित होने वाली नैट परीक्षा में भी प्रतिवर्ष युवा आवेदन करते है। अभ्यर्थी महेंद्र कुमार, विजय कुमार, सत्येंद्र, रजनी शर्मा, अशोक कुमाार, सुनील, प्रदीप कुमार, मनोज कुमार, भावेश आदि ने बताया कि दोनों परीक्षाओं का समय एक ही दिन होने के कारण अनेक अभ्यर्थियों को एक परीक्षा वंचित होना पड़ेगा। ऐसे में किसी भी एक परीक्षा तिथि को बदला जाए।

अब पास होने के लिए 40 प्रतिशत अंक जरूरी

प्रदेश के डिग्री कालेजों में पढऩे वाले बहुत से छात्रों के लिए अब पास होना उतना आसान नहीं होगा। पास होने के लिए किसी तरह 35 प्रतिशत अंकों का जुगाड़ करने की जुगत में लगे रहने वाले छात्रों के लिए अब खतरे की घंटी बज चुकी है।

अब इन छात्रों को 35 प्रतिशत नहीं, बल्कि 40 प्रतिशत प्राप्त करने की जुगत में लगानी पड़ेगी। कहीं पीछे छूटे तो फेल होना तय है। वहीं यह फैसला प्रोफेशनल कोर्सों के छात्रों के लिए खुशी लेकर आया है, क्योंकि इससे पहले बीबीए, बीसीए और पीजी कोर्सों के छात्रों को पास होने के लिए 40 से 50 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य होते थे, लेकिन अब सभी छात्रों के लिए एक समान पास प्रतिशत यानि 40 प्रतिशत होगा।

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के इस अहम फैसले को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने माना है। विवि अपने इस फैसले को आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू करने जा रहा है। हालांकि अभी यह ऑर्डर कॉलेजों के पास नहीं आए हैं। जल्दी ही सभी संबंधित कॉलेजों को भी इस फैसले की कापी भेजी जाएगी।

नहीं चल पाएगा चोरी हुआ मोबाइल फोन

नई दिल्ली & आने वाले दिनों में आपका मोबाइल चोरी होने पर यह किसी दूसरे नंबर पर चालू (एक्टिव) ही नहीं हो पाएगा। फोन के ईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटीफिकेशन) नंबर के आधार पर चोरी के मोबाइल फोन किसी भी नए नंबर पर नहीं चल पाएंगे। प्रारंभिक चर्चा के बाद दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस तरह की सुविधा के लिए उपयोग होने वाली तकनीकों को खंगालना शुरू कर दिया है। ट्राई को उम्मीद है कि जल्द ही उपयुक्त तकनीक का चयन कर वहट्राई के सदस्य सुधीर गुप्ता ने बताया कि इस बारे में ऑपरेटरों से चर्चा की गई थी। उनसे मिले सुझावों और विचार के आधार पर आगे कार्य किया जा रहा है। गुप्ता के मुताबिक, इस समय ब्रिटेन सहित कुछ अन्य पश्चिम देशों में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। इस तकनीक के तहत एक ऐसा सर्वर बनाया जाएगा जहां सभी ऑपरेटर अपने ग्राहक को सिम कार्ड देते वक्त उनके मोबाइल के ईएमईआई नंबर भी डाल देंगे। जब भी नया कनेक्शन दिया जाएगा तो यह नंबर लिया जाएगा। ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति चोरी या गुमशुदा मोबाइल का उपयोग करेगा तो सर्वर उसे पकड़ लेगा और उस पर नया नंबर चालू नहीं हो पाएगा। एक अनुमान के मुताबिक देश भर में एक दिन में पांच से दस हजार मोबाइल फोन चोरी या गुम होते हैं। जबकि इनमें से एक प्रतिशत भी वापस नहीं मिलते हैं।

अगला कदम तय करेगा।

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पर भी गिरी गाज

चंडीगढ़। शिक्षा मंत्री के कई फैसलों को लेकर पंजाब के शिक्षा विभाग में लंबे समय से विवाद चल रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के पूर्व डायरेटर जनरल कृष्ण कुमार के बाद कई छोटे अधिकारियों से होते हुए गाज अब प्रमुख सचिव सी राउल पर गिर गई है।
सी राउल को शिक्षा विभाग से हटाकर खुड्डे लाइन करते हुए रक्षा कल्याण विभाग दिया गया है। सूत्रों के अनुसार उनक ा कसूर यह है कि उन्होंने निजी ईटीटी संस्थाओं के गैर कानूनी तरीके से दाखिल किए गए छात्रों के मुकदमे में एससीईआरटी के तत्कालीन निदेशक डा. अवतार सिंह के नियमों के मुताबिक लिए स्टैंड का साथ दिया था। इसके अलावा पंद्रह दिनों के लिए छुट्टी पर जाने के बाद कथित ईटीटी पेपर लीक मामले में उनके स्टाफ के एससीईआरटी के निदेशक अवतार सिंह, सीईओ नाभा रोशन सूद और एक उप निदेशक जगतार सिंह कुलड़िया को निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव की इस मामले में दिलचस्पी मंत्री को रास नहीं आ रही थी।
गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन डीजीएसई स्कूल और सर्वशिक्षा अभियान के निदेशक कृष्ण कुमार ने अध्यापकों की भरती करके उनको नियुक्ति पत्र देने तथा अन्य मुद्दों पर मंत्री के मौखिक आदेश न मानने से बवाल मचा था। मीडिया में मचे इस पूरे बवाल के दौरान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आखिर में मंत्री सेवा सिंह सेखवां का साथ दिया और कृष्ण कुमार का तबादला कर दिया। सूत्रों के अनुसार तब प्रमुख सचिव का झुकाव मंत्री के साथ माना जा रहा था।
इसी दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के साथ लगे पीआरओ मालविंदर सिंह माली (जो मूल रूप से अध्यापक हैं) का पहले तबादला और अब निलंबन कर दिया गया है। जबकि मीडिया सलाहकार हरचरण बैंस ने दो बार लिखकर भी दिया कि इसकी मुख्यमंत्री कार्यालय को जरूरत है, इसलिए रिलीव नहीं किया जा सकता। माली इन दिनों तीन महीने की लंबी छुट्टी पर हैं।
•इससे पूर्व डीजीएसई, एससीआरटी के निदेशक, सीईओ, डिप्टी डायरेक्ट और पीआरओ माली बन चुके हैं शिकार

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