अनुसूचित जाति/जनजाति उम्मीदवारों को दूसरे राज्यों में नहीं मिलेगा आरक्षण : न्यायालय
नई दिल्ली, 25 जुलाई (प.स.): दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज यह फैसला दिया कि एक राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार किसी दूसरे राज्य में आरक्षण का फायदा नहीं उठा सकते। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र और न्यायमूॢत संजीव खन्ना की पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एम.सी.डी.) को दिए कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) के निर्देश को रद्द करते हुए यह फैसला दिया। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वैसे उम्मीदवार जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निवासी हैं और जिनके पास जाति प्रमाणपत्र है, यहां की नौकरियों में आरक्षण का फायदा उठा सकते हैं।
अगले माह से लेटलतीफी को नकेल’ होगी।बायोमीट्रिक मशीन से 7.30 बजे पहुंचेगी शिक्षकों की चंडीगढ़ हाजिरी
भिवानी, 25 जुलाई (पुरुषोत्तम): स्कूलों में देर-सवेर पहुंचने वाले या फिर किसी कार्य का बहाना बनाकर देरी से पहुंचने वाले शिक्षकों की खैर नहीं। मोबाइल व मौखिक छुट्टी की कहने वालों के दिन लद गए। अब हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन से लगेगी। शिक्षा विभाग यह नई व्यवस्था अगस्त माह से लागू करने जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक मशीन लगवाई गई है। उन सभी मशीनों को चंडीगढ़ मुख्यालय से जोड़ा गया है। मशीन को सुबह 6 बजे ऑन कर दिया जाएगा। जो भी शिक्षक स्कूल में पहुंचेगा और मशीन पर अंगूठा लगाएगा।
उसी समय उसका अंगूठा अपने आप विभाग के मुख्यालय स्थित कम्प्यूटर में रिकार्ड ऑन हो जाएगा। उस अध्यापक की हाजिरी उसी समय लग जाएगी। यही स्थिति दिन में रहेगी। पूरी छुट्टी के समय भी सभी शिक्षकों को उनके अंगूठे लगवाकर ही भेजा जाएगा, जो भी शिक्षक अंगूठा नहीं लगाएगा तो उसको गैर हाजिर समझा जाएगा। विभाग ने यह नई व्यवस्था हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में लागू की है। अगर विभाग की यह योजना सफल हो जाती है तो वे उसके बाद प्राइमरी व मिडल स्कूलों में ही लागू की जाएगी।
15 अगस्त से शुरू होगा अंगूठे के निशान लेने की प्रक्रिया
अगर शिक्षा विभाग की बात पर यकीन किया जाए तो अगले माह 15 अगस्त से सभी शिक्षकों के अंगूठों की पहचान लेने के लिए चंडीगढ़ से टीम आएगी। वे जिले के हर स्कूल में जाकर सभी शिक्षकों के दोनों हाथों के अंगूठों के निशान लेंगे तथा उनका रिकार्ड भी दर्ज करेंगे। उस रिकार्ड को वे चंडीगढ़ ले जाएंगे। पूरा स्ट्रक्चर तैयार होने के बाद ही शिक्षकों की बायोमीट्रिक मशीन के आधार पर हाजिरी लगनी शुरू होगी। चंडीगढ़ से पूरे प्रदेश में पहुंचने वाली टीम अगस्त माह में ही इस काम को खत्म कर लेगी।
पहले किया जाएगा सूचित
शिक्षकों के अंगूठे के निशान लेने से पहले शिक्षा विभाग इस कार्यक्रम की तिथियां निर्धारित करेगा। साथ ही जिस स्कूल में टीम जाएगी। उस स्कूल के मुखिया को 2 दिन पहले सूचित किया जाएगा और कहा जाएगा कि इस दिन जो भी शिक्षक गैर हाजिर मिलता है उसकी ङ्क्षफगर प्रिंट्स नहीं लिए जाएंगे और उसके बाद उस शिक्षक को इस कार्य के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय जाना पड़ेगा। अंगूठे लगने के बाद ही उन शिक्षकों की हाजिरी लगनी शुरू होगी।बायोमीट्रिक मशीन से 7.30 बजे पहुंचेगी शिक्षकों की चंडीगढ़ हाजिरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक मशीन लगवाई गई है। उन सभी मशीनों को चंडीगढ़ मुख्यालय से जोड़ा गया है। मशीन को सुबह 6 बजे ऑन कर दिया जाएगा। जो भी शिक्षक स्कूल में पहुंचेगा और मशीन पर अंगूठा लगाएगा।
उसी समय उसका अंगूठा अपने आप विभाग के मुख्यालय स्थित कम्प्यूटर में रिकार्ड ऑन हो जाएगा। उस अध्यापक की हाजिरी उसी समय लग जाएगी। यही स्थिति दिन में रहेगी। पूरी छुट्टी के समय भी सभी शिक्षकों को उनके अंगूठे लगवाकर ही भेजा जाएगा, जो भी शिक्षक अंगूठा नहीं लगाएगा तो उसको गैर हाजिर समझा जाएगा। विभाग ने यह नई व्यवस्था हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में लागू की है। अगर विभाग की यह योजना सफल हो जाती है तो वे उसके बाद प्राइमरी व मिडल स्कूलों में ही लागू की जाएगी।
15 अगस्त से शुरू होगा अंगूठे के निशान लेने की प्रक्रिया
अगर शिक्षा विभाग की बात पर यकीन किया जाए तो अगले माह 15 अगस्त से सभी शिक्षकों के अंगूठों की पहचान लेने के लिए चंडीगढ़ से टीम आएगी। वे जिले के हर स्कूल में जाकर सभी शिक्षकों के दोनों हाथों के अंगूठों के निशान लेंगे तथा उनका रिकार्ड भी दर्ज करेंगे। उस रिकार्ड को वे चंडीगढ़ ले जाएंगे। पूरा स्ट्रक्चर तैयार होने के बाद ही शिक्षकों की बायोमीट्रिक मशीन के आधार पर हाजिरी लगनी शुरू होगी। चंडीगढ़ से पूरे प्रदेश में पहुंचने वाली टीम अगस्त माह में ही इस काम को खत्म कर लेगी।
पहले किया जाएगा सूचित
शिक्षकों के अंगूठे के निशान लेने से पहले शिक्षा विभाग इस कार्यक्रम की तिथियां निर्धारित करेगा। साथ ही जिस स्कूल में टीम जाएगी। उस स्कूल के मुखिया को 2 दिन पहले सूचित किया जाएगा और कहा जाएगा कि इस दिन जो भी शिक्षक गैर हाजिर मिलता है उसकी ङ्क्षफगर प्रिंट्स नहीं लिए जाएंगे और उसके बाद उस शिक्षक को इस कार्य के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय जाना पड़ेगा। अंगूठे लगने के बाद ही उन शिक्षकों की हाजिरी लगनी शुरू होगी।बायोमीट्रिक मशीन से 7.30 बजे पहुंचेगी शिक्षकों की चंडीगढ़ हाजिरी
हरियाणा शिक्षा विभाग अब ‘मास्टरों’ का होगा रैशनेलाइजेशन
अब ‘मास्टरों’ का होगा रैशनेलाइजेशन
शिक्षा निदेशालय में विषयवार छात्रों की संख्या के अनुसार रैशनेलाइजेशन प्रक्रिया पर कार्रवाई शुरू
नई शिक्षा पालिसी में छठी से आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाएंगे मास्टर
शिक्षा निदेशालय में विषयवार छात्रों की संख्या के अनुसार रैशनेलाइजेशन प्रक्रिया पर कार्रवाई शुरूनई शिक्षा पालिसी में छठी से आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाएंगे मास्टरचंडीगढ़, 25 जुलाई (पांडेय): शिक्षा के अधिकार कानून की पालना में तल्लीन हरियाणा शिक्षा विभाग अब सूबे के स्कूल मास्टरों की रैशनेलाइजेशन (वैज्ञानिकीकरण) करने की तैयारी में है। इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से राज्य के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से विषयवार छात्रों की संख्या मांगी गई है। इसी संख्या के तहत स्कूल मास्टरों को दूसरे स्कूलों में खाली पदों पर समायोजित किया जाएगा। रैशनेलाइजेशन प्रक्रिया अपनाने के पीछे कई स्कूलों में मास्टरों का सरप्लस और कइयों में खाली पदों को भरना बताया गया है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि रैशनेलाइजेशन के बाद स्कूल मास्टरों को छठी से आठवीं तक की कक्षाएं तथा स्कूल लैक्चररों को नवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं दी जाएंगी। फिलहाल शिक्षा निदेशालय की इस प्रक्रिया से स्कूल मास्टरों में उहापोह की स्थिति बन गई है। निदेशालय के अधिकारियों की माने तो जल्द ही स्कूल मास्टरों की रैशनेलाइजेशन प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। याद रहे कि शिक्षा के अधिकार कानून को लागू करने की कड़ी में महीनों पहले हरियाणा शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा पालिसी तैयार की थी। जिसमें स्कूल लैक्चररों को 11-12वीं कक्षाओं के अलावा 9-10वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाने का मसौदा तैयार किया गया है।
इसी कवायद को सिरे चढ़ाने के लिए अब शिक्षा निदेशालय ने स्कूल मास्टरों की रैशनेलाइजेशन करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। इसमें सभी स्कूलों से विषयवार छात्रों की संख्या मांगी गई है। छात्रों की संख्या के आधार पर ही मास्टरों को समायोजित करने का प्रारूप तैयार किया गया है। निदेशालय सूत्रों की माने तो रैशनेलाइजेशन में स्कूल मास्टरों की संख्या सरप्लस हो सकती है, जो मास्टरों की कमी से प्रभावित हो रहे स्कूलों को राहत दे सकती है। निदेशालय की इस उधेड़बुन से अब सूबे के मास्टरों में उहापोह की स्थिति बन गई है, क्योंकि सरप्लस स्कूलों से मास्टरों का तबादला होना निश्चित है।
40 हजार के करीब है मास्टरों की संख्या
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक सूूबे में स्कूल मास्टरों की संख्या करीब 40 हजार है। जबकि स्कूल लैक्चररों की तादात 12 हजार के करीब है। संभावना जताई जा रही है कि रैशनेलाइजेशन प्रक्रिया के बाद स्कूलों में मास्टरों की कोई कमी नहीं रह जाएगी, क्योंकि नई पालिसी में स्कूल मास्टरों की जिम्मेदारी छठी से 8वीं कक्षा तक के विद्याॢथयों को पढ़ाने के लिए दी जानी है।
प्रथम परिणाम के आधार पर हों दाखिले: हाईकोर्ट
रोहतक. हाईकोर्ट ने सोमवार को प्राइवेट कॉलेजों की पीएमटी प्रवेश परीक्षा परिणाम व काउंसिलिंग मामले में सुनवाई करते हुए पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस को झटका दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रथम परिणाम के आधार पर 169 रैंक तक के विद्यार्थियों की काउंसिलिंग करे। इसके बाद सीटें रिक्त रहने पर दोबारा से पीएमटी की परीक्षा कराई जाए। हेल्थ यूनिवर्सिटी ने प्राइवेट पीएमटी परीक्षा मामले में पहले परीक्षा परिणाम घोषित किया था।
इसके बाद दोबारा से संशोधित परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। इसके विरोध में एक छात्रा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामला कोर्ट में चले जाने से काउंसिलिंग रद करनी पड़ी थी। कोर्ट के आदेश के बाद अथॉरिटी काउंसिलिंग की तैयारियों में जुट गई है। इसकी पुष्टि करते हुए निदेशक डॉ. चांद सिंह ढुल ने कहा कि कोर्ट से निर्णय आ चुका है। शीघ्र ही काउंसिलिंग शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा।
कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रथम परिणाम के आधार पर 169 रैंक तक के विद्यार्थियों की काउंसिलिंग करे। इसके बाद सीटें रिक्त रहने पर दोबारा से पीएमटी की परीक्षा कराई जाए। हेल्थ यूनिवर्सिटी ने प्राइवेट पीएमटी परीक्षा मामले में पहले परीक्षा परिणाम घोषित किया था।
इसके बाद दोबारा से संशोधित परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। इसके विरोध में एक छात्रा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामला कोर्ट में चले जाने से काउंसिलिंग रद करनी पड़ी थी। कोर्ट के आदेश के बाद अथॉरिटी काउंसिलिंग की तैयारियों में जुट गई है। इसकी पुष्टि करते हुए निदेशक डॉ. चांद सिंह ढुल ने कहा कि कोर्ट से निर्णय आ चुका है। शीघ्र ही काउंसिलिंग शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा।
शिक्षा प्रोत्साहन राशि देने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित
चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति छात्रा उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में प्रोत्साहन राशि देने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं।
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए पात्र छात्रा अनुसूचित जाति और हरियाणा प्रदेश की निवासी होनी चाहिए तथा छात्रा के अभिभावकों की वाषिर्क आय एक लाख रुपये से 2 लाख 40 हजार रुपये तक होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि छात्रा को वर्ष में एक बार यह राशि दी जाएगी छात्रा पास होने के पश्चात अगली कक्षा में उक्त योजना के अन्तर्गत राशि लेनी की पात्र होगी। इसके अतिरिक्त, जो छात्रा पोस्ट मैट्रिक स्कोलशिप स्कीम, अनुसूचित जाति तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों में से किसी भी स्कीम की लाभपात्र होगी, तो वह इस स्कीम के लाभ की पात्र नहीं होगी।
यदि कोई छात्रा गलत तथ्य देकर उक्त स्कीम का लाभ प्राप्त करती है, तो तथ्य गलत साबित होने पर उससे राशि वसूल की जाएगी।
उन्होंने बताया कि योग्य छात्राएं संबंधित विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय/ संस्थान के माध्यम से संबंधित जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में 31 दिसम्बर, 2011 तक आवेदन पत्र जमा करवा सकती है। निर्धारित तिथि के पश्चात आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन पत्र जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय से मुफ्त भी प्राप्त किये जा सकते हैं।
प्रवक्ता ने अनुसूचित जाति छात्रा उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत भिन्न-भिन्न कोर्सो/कक्षाओं में दाखिला लेने के पश्चात छात्राओं को यह राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त जो छात्राएं तकनीकी व्यवसायी कोर्सो में डिप्लोमा जैसे कि बीसीए, नर्सिग/डीफार्मा/बीएड तथा डीएड (जेबीटी) इत्यादि करेंगी, वे हॉस्टलर के लिए 7000 रुपए और नॉन हॉस्टलर के लिए 5000 रुपए की पात्र होंगी।
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए पात्र छात्रा अनुसूचित जाति और हरियाणा प्रदेश की निवासी होनी चाहिए तथा छात्रा के अभिभावकों की वाषिर्क आय एक लाख रुपये से 2 लाख 40 हजार रुपये तक होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि छात्रा को वर्ष में एक बार यह राशि दी जाएगी छात्रा पास होने के पश्चात अगली कक्षा में उक्त योजना के अन्तर्गत राशि लेनी की पात्र होगी। इसके अतिरिक्त, जो छात्रा पोस्ट मैट्रिक स्कोलशिप स्कीम, अनुसूचित जाति तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों में से किसी भी स्कीम की लाभपात्र होगी, तो वह इस स्कीम के लाभ की पात्र नहीं होगी।
यदि कोई छात्रा गलत तथ्य देकर उक्त स्कीम का लाभ प्राप्त करती है, तो तथ्य गलत साबित होने पर उससे राशि वसूल की जाएगी।
उन्होंने बताया कि योग्य छात्राएं संबंधित विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय/ संस्थान के माध्यम से संबंधित जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में 31 दिसम्बर, 2011 तक आवेदन पत्र जमा करवा सकती है। निर्धारित तिथि के पश्चात आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन पत्र जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय से मुफ्त भी प्राप्त किये जा सकते हैं।
प्रवक्ता ने अनुसूचित जाति छात्रा उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत भिन्न-भिन्न कोर्सो/कक्षाओं में दाखिला लेने के पश्चात छात्राओं को यह राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त जो छात्राएं तकनीकी व्यवसायी कोर्सो में डिप्लोमा जैसे कि बीसीए, नर्सिग/डीफार्मा/बीएड तथा डीएड (जेबीटी) इत्यादि करेंगी, वे हॉस्टलर के लिए 7000 रुपए और नॉन हॉस्टलर के लिए 5000 रुपए की पात्र होंगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पढ़ाई करेंगे हिमाचली
शिमलासूबे के दूरदराज इलाकों के छात्र अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाई कर पाएंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को जल्द ही राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। केंद्र के 5990 करोड़ के प्रोजेक्ट से अभी तक देश भर के सात संस्थानों को जोड़ा गया है। एचपी यूनिवर्सिटी के 42वें स्थापना दिवस समारोह के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यूनिवर्सिटी के योजना से जुड़ने से छात्रों को घर बैठे ही नई-नई जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
साथ ही छात्र इस नेटवर्क के माध्यम से महानगरों में बैठे वैज्ञानिक एवं दूसरे विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की ढाई लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़कर इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश की भी कुछ पंचायतों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों को तोहफा
सूचना मंत्री ने विवि के शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को एक विशेष मोबाइल फोन स्कीम देने की भी घोषणा की। इसके तहत कर्मचारियों को छात्रों को मिलने वाले स्टूडेंट प्लान की तरह सस्ती दरों पर स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष व सांसद विमला कश्यप ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक और कुलपति प्रो. एडी एन वाजपेयी ने भी अपने विचार रखे।
सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। केंद्र के 5990 करोड़ के प्रोजेक्ट से अभी तक देश भर के सात संस्थानों को जोड़ा गया है। एचपी यूनिवर्सिटी के 42वें स्थापना दिवस समारोह के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यूनिवर्सिटी के योजना से जुड़ने से छात्रों को घर बैठे ही नई-नई जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
साथ ही छात्र इस नेटवर्क के माध्यम से महानगरों में बैठे वैज्ञानिक एवं दूसरे विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की ढाई लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़कर इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश की भी कुछ पंचायतों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों को तोहफा
सूचना मंत्री ने विवि के शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को एक विशेष मोबाइल फोन स्कीम देने की भी घोषणा की। इसके तहत कर्मचारियों को छात्रों को मिलने वाले स्टूडेंट प्लान की तरह सस्ती दरों पर स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष व सांसद विमला कश्यप ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक और कुलपति प्रो. एडी एन वाजपेयी ने भी अपने विचार रखे।
Hry-राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा 24 सितंबर को जेबीटी और 25 को बीएड व जूनियर लेक्चरर के लिए पात्रता परीक्षा होगी।+Vacancies in Sarv Shiksha Abhiyan, Mohindergarh
Vacancies in Sarv Shiksha Abhiyan, Mohindergarh
Sarv Shiksha Abhiyan, Mohindergarh invites applications for the following posts on Contract basis:
1. Special Teacher: 05 Posts (03 MR, 01 VI, 01 HI); Pay: 9000/- plus 1000/- TA; Eligibility: Graduate with 50% and B.Ed(Special in VI/HI) recognized by RCI.
2. Junior Engineer: 01 Post; Pay: 16200/-; Diploma in Civil Engg. With 60% marks and 2 years experience in Civil Work.
3. Accounts Assistant (BRC level): 01 Post (Reserved for SC); Pay: 10130/- ; Eligibility: B.com with minimum 55% marks and 2 years experience in accounts, also good knowledge of TALLY 9.0 ERP.
Age Limit: Maximum 40 Years.
Walk-in-Interview: Eligible candidates can appear for interview alongwith attested copies of requisite testimonials. Interview for the advertised posts will be conducted on 03/08/2011 at 10.00 am at the Office of at office of ADC, Chairman, Sarv Shiksha Abhiyan, Opp. Bus Stand, Narnaul
Age Limit: Maximum 40 Years.
Walk-in-Interview: Eligible candidates can appear for interview alongwith attested copies of requisite testimonials. Interview for the advertised posts will be conducted on 03/08/2011 at 10.00 am at the Office of at office of ADC, Chairman, Sarv Shiksha Abhiyan, Opp. Bus Stand, Narnaul
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भिवानी। सरकारी नौकरी पाने के लिए राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) की बाट जोह रहे बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की बैठक में 24 और 25 सितंबर को यह परीक्षा आयोजित करवाने का फैसला लिया गया है। हालांकि फैसले पर अंतिम मुहर अभी नहीं लगी है। बोर्ड के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस फैसले पर आजकल में बोर्ड की मुहर लग जाएगी। इसके लिए अगस्त के प्रथम सप्ताह से प्रोस्पेक्टस उपलब्ध होंगे।बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से बोर्ड को अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित करवाने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। परीक्षा के संचालन के लिए बोर्ड के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई और फैसले को अंतिम रूप दे दिया गया। 24 सितंबर को जेबीटी और 25 को बीएड व जूनियर लेक्चरर के लिए पात्रता परीक्षा होगी।
अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए ‘प्रोस्पेक्टस’ छपवाने के लिए दिए गए हैं। अगस्त के प्रथम सप्ताह में ये आवेदकों के लिए उपलब्ध होंगे।
बेरोजगारों को करीब दो साल से अध्यापक पात्रता परीक्षा का इंतजार था। यह परीक्षा सबसे पहले जुलाई 2008 में हुई थी। उस समय यह परीक्षा हर साल एक बार आयोजित करवाने का निर्णय लिया गया था। हालांकि वर्ष 2009 में अध्यापक पात्रता परीक्षा का दो बार आयोजन करवाया गया। वर्ष 2010 में यह परीक्षा एक बार भी नहीं हुई। इस साल भी अब तक इस परीक्षा को लेकर असमंजस बनी हुई थी।
Amar ujala 24.7.2011
प्रदेश के 378 मुख्याध्यापकों को प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति का तोहफा
शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 378 मुख्याध्यापकों को पदोन्नति का तोहफा देने का मन बना लिया है। प्रदेश के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में तैनात मुख्याध्यापकों के पदों पर तैनात मुख्याध्यापकों को प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति करने के लिए उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट तत्काल शिक्षा विभाग निदेशालय पर मंगवाई है। महानिदेशक ने पत्र क्रमांक 4,6-2010 एचआरजी-1 2 को 22 जुलाई 2011 को जारी कर जिले के सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मुख्याध्यापकों की पदोन्नति सम्बन्धित आदेश जारी किए हैं।। मुख्याध्यापकों की वरिष्ठता सूची 1 जून 2005 के अनुसार वरिष्ठता क्रमांक 952 से 1330 तक आने वाले वरिष्ठ मुख्याध्यापकों की वर्ष 2010-11 वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट उनके पदोन्नति मामले में शिक्षा विभाग निदेशालय को भिजवाएं।
D.Ed Merit no see here
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ArtScience
Commerce
Vocational
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D. ED Merit: | Click here for D Ed. Urdu Merit | |
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Enter Application no. | : | |
कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों पर सरकार मेहरबान
कुरुक्षेत्र: प्रदेश सरकार ने आखिरकार कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों के तीन महीने के आंदोलन के बाद छठे वेतन आयोग की अधिसूचना शुक्रवार को दोबारा जारी कर दी। इसके अनुसार शिक्षकों की काफी पुरानी मांग उनके प्रोबेशन समय को घटाकर दो साल के बजाय एक वर्ष कर दिया है। पहले शिक्षकों को तीन बार पदोन्नत होने पर हर बार दो साल के प्रोबेशन समय से गुजरना होता था। प्रदेश सरकार ने अधिसूचना के लिए 21 जुलाई को पत्र संख्या एडब्ल्यू-7/18-2009 सी/ आइ(3) जारी किया। कुवि टीचिंग एसोसिएशन और हरियाणा फेडरेशन ऑफ कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी टीचिंग एसोसिएशन के प्रधान डॉ. प्रदीप चौहान और सचिव डॉ. राजपाल ने अधिसूचना जारी होने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की अधिकतर मांगों को मान लिया है। शिक्षकों को यह मिला कुटा सचिव डॉ. राजपाल ने बताया कि विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए प्रदेश सरकार ने प्रकाशित किताबों की बजाय शोधपत्रों को योग्यता में शामिल कर लिया है। सीधी भर्ती में प्रोफेसर को 43000 रुपये का स्केल दिया गया है। पीएचडी के इंक्रीमेंट चार के बजाय पांच कर दिए हैं।
HRY-प्रदेश के राजकीय स्कूलों या शिक्षण संस्थाओं के मुखियाओं द्वारा ली जाने वाली राशि की संबंधित रसीद देना जरूरी
प्रदेश के राजकीय स्कूलों या शिक्षण संस्थाओं के मुखिया अब विद्यार्थियों से फीस या फंड लेने के मामले में किसी प्रकार की अपनी मनमर्जी नहीं चला सकेंगे।
मुखियाओं की मनमर्जी पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों या उनके अभिभावकों से कोई फीस या फंड आदि लेने की स्थिति में रसीद देने का प्रावधान किया है। प्रदेश में अब हर राजकीय शिक्षण संस्थान के मुखियाओं द्वारा ली जाने वाली राशि की संबंधित रसीद देना जरूरी है।
किसी स्कूल में यह कम ली जा रही हैं तो कहीं पर अधिक। इस पर विद्यार्थियों व अभिभावकों में तरह-तरह की संबंधित संस्थान के खिलाफ बातें भी चली और कहीं पर उनके द्वारा इसका विरोध भी किया गया। इसके चलते शिक्षा विभाग ने कोई भी आवश्यक फीस या फंड लेने व संस्थान में आने वाली दान राशि में पारदर्शिता बनी रहे, इसी को मद्देनजर रखते हुए यह नया प्रावधान किया है।
इस बारे में विभाग की ओर से आदेश हुए हैं। उन्होंने किए गए इस नए प्रावधान के बारे में खंड शिक्षा अधिकारियों की मार्फत सभी स्कूल मुखियाओं को इसके बारे में अवगत कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
विभाग को इसलिए उठाना पड़ा कदम
शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम प्रदेश में कई जगहों से इस बारे में मिल रही शिकायतों के कारण उठाना पड़ा है। विद्यार्थियों और अभिभावकों द्वारा विभाग व अन्य अधिकारियों को पिछले दिनों की गई शिकायतों में सामने आया कि शिक्षण संस्थानों व स्कूलों के मुखिया अपने संस्थानों में अलग-अलग फीस राशि व फंड वसूल रहे हैं।दान राशि की भी दी जाए रसीद
निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला एवं मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर आदेश दिए हैं कि उनके अधीनस्थ आने वाले राजकीय शिक्षण संस्थानों और स्कूलों के मुखियाओं को इस नए प्रावधान के बारे में अवगत करवाएं और इसके पालना के निर्देश दें। दिए गए आदेशों में कहा गया है कि आवश्यक फीस या फंड के अलावा अभिभावकों व अन्य ग्रामीणों द्वारा स्कूल या शिक्षण संस्थान में दान में दी जाने राशि की भी संस्था के मुखिया के द्वारा संबंधित को रसीद दी जाए।
-साधुराम रोहिला, कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी जींद।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भागवत गीता मामले की सुनवाई स्थगित
बेंगलूर, 21 जुलाई :भाषा: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में भागवत गीता पढ़ाये जाने के सरकारी परिपत्रा जारी करने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर आज सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित कर दिया।
कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान प्रबंधन संघ द्वारा दायर की गई याचिका जब सुनवाई के लिये न्यायाधीश अब्दुल नजीर की समक्ष आयी तब उन्होंने सरकार द्वारा अपनी आपत्तियां दाखिल करने के समय मांगे जाने पर सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित कर दिया।
इससे पहले 14 जुलाई को अदालत ने याचिका पर राज्य और केंद्रीय सरकारों को नोटिस जारी किया। याचिका में अनुरोध किया गया था कि अदालत परिपत्रा के प्रभावी होने पर रोक लगाये।
याचिकाकर्ता के वकील जी आर मोहन ने कहा कि कि यह परिपत्रा भारतीय संविधान के खिलाफ जाता है और अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को प्रभावित करता है तथा स्कूलों में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न कर सकता है।
SPORTS TRAINING AS PER CHOICE PTIs/DPEs in various games/sports
SPORTS TRAINING AS PER CHOICE
The Department intends to impart specialised
training to PTIs/DPEs in various games/sports.
Department invites all PTIs/DPEs to apply only in
format (attached herewith) through email
training.eduhry@gmail.com
specialisation area and the specific sport in which
they would like to be trained.
and indicate theirLast date for indicating preference is 24
th July 2011.APPLICATION FORM
Employee ID
*MandatoryEmployees Name
Date of Birth / /
Designation DPE PTI
Present Place of Posting
Date of Regular appointment / /
*MandatoryArea of Specialisation
Specify Sport in which you would like to be trained
(Please mention name of only one sport)Place:
Date: SIGNATURE OF CANDIDATEडीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) में दाखिला -काउंसलिंग की तिथि 30 जुलाई
डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। शिक्षा निदेशालय के निर्देशों पर स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) द्वारा काउंसलिंग की तिथि 30 जुलाई घोषित कर दी गई है। काउंसलिंग की पूरी जानकारी छात्रों को अखबार और एससीईआरटी के माध्यम से मिल जाएगी। निजी कॉलेजों में दाखिले के दौरान छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए एससीईआरटी के अधिकारी निजी कॉलेजों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं। एससीईआरटी से मिली जानकारी के मुताबिक काउंसलिंग के पहले रोजाना निजी कॉलेजों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। मंगलवार को एससीईआरटी की डीएड टीम ने निजी कॉलेजों के साथ बैठक की।
16 अगस्त तक चलेगी काउंसिलिंग : 30 जुलाई से काउंसिलिंग की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। पहले दिन जनरल कैटेगरी के आट्र्स के 459, साइंस संकाय के 414, कॉमर्स के 418 कैंडिडेट्स
16 अगस्त तक चलेगी काउंसिलिंग : 30 जुलाई से काउंसिलिंग की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। पहले दिन जनरल कैटेगरी के आट्र्स के 459, साइंस संकाय के 414, कॉमर्स के 418 कैंडिडेट्स
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