जल्द भरती होंगे 1088 ईटीटी टीचर

अमर उजाला ब्यूरो
मोहाली। बेरोजगार ईटीटी टीचरों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने 1088 ईटीटी अध्यापकों को भरती करने का फैसला लिया है। यह जानकारी शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल बी पुरषार्था ने दी। वे बुधवार को चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के लांडरां कैंपस में मीडिया स्कूल घड़ूआं की तरफ से प्रकाशित एजुकेशन एक्सप्रेस अखबार का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। विभिन्न योजनाओं के तहत 50 हजार टीचर भर्ती किए जा चुके हैं।
सर्व शिक्षा अभियान के बजट के बारे में पुरषार्था ने बताया कि इस साल के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष 680 करोड़ था। शिक्षा सुधार का ही संकेत है कि इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में 10 गुणा अधिक विद्यार्थी दाखिल हुए हैं। इसके अलावा 10वीं के बाद ड्रॉप आउट में भी 5 फीसदी की कमी आई है। छठी से लेकर 12वीं तक विभिन्न वोकेशनल शार्ट ट्रम कोर्स शुरू किए गए हैं, जिसमें विद्यार्थियों को अलग तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर का मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
26 आदर्श स्कूलों शुरू
डीजीएसई ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बढ़िया शिक्षा मुहैया करवाने के लिए आदर्श स्कूलों खोले जा रहे है। आदर्श स्कूल खोलने के लिए 52 जगह की निशानदेही की गई है, जिनमें 26 क्षेत्रों में स्कूल शुरू कर दिए गए हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटियों को इसमें शामिल किया जा रहा है, ताकि अधिक स्कूल खोले जा सके।
हर स्कूल में जाएगी मैगजीन
कॉलेज द्वारा शुरू की गई एजुकेशन एक्सप्रेस अखबार बारे में बी पुराषार्था ने बताया कि विभिन्न कोर्सो के दाखिलों के समय विद्यार्थियों के मन में उठने वाले हरेक प्रश्न का उत्तर यह अखबार देगी। कॉलेज के चेयरमैन सतनाम सिंह संधू और प्रेसिडेंट रछपाल सिंह धालीवाल ने बताया कि अखबार में शिक्षा संबंधी सारी जानकारी, घटनाएं, नीतियां संबंधी सारी जानकारी मुहैया करवाई जाएगी। मीडिया स्कूल के प्रमुख व अखबार के संपादक डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि पहले यह पेपर मासिक होगा।परंतु बाद में महीने में दो बार आएगा।
एजुकेशन एक्सप्रेस अंग्रेजी व पंजाबी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होगा। पंजाब के समूह स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं में यह फ्री बांटा जाएगा। इस मौके पर डायरेक्टर जनरल डा. जीडी बंसल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. एसपी एस बेदी, घड़़ूआं कैंपस के डायरेक्टर डॉ सोही व डॉ. करमइंदर घुम्मन हाजिर थे।
डीजीएसई बोले, दसवीं के बाद स्कूलों में 5 प्रतिशत कम हुआ ड्रॉपआउट
स्कूलों में शुरू होंगे वोकेशनल कोर्स मिलेंगे अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट

पढ़ाई-लिखाई का बदलेगा दशकों पुराना ढर्रा

नई दिल्ली : केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई का दशकों पुराना ढर्रा बदलेगा। वे सिर्फ ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट बनाने की फैक्ट्री के रूप में काम नहीं करेंगे। जरूरत के लिहाज से उच्च शिक्षा में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर फॉर एक्सीलेंस) बनाने का सपना है। लिहाजा सबसे पहले विश्वविद्यालयों पर सैकड़ों कॉलेजों की संबद्धता का बोझ कम किया जाएगा। जबकि यूजीसी के मानकों की कसौटी पर खरे उतरने वाले कॉलेजों को राज्य विश्वविद्यालय में तब्दील कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उच्च शिक्षा में सुधार की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहलकदमियों में से एक विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता को खत्म करना भी है। यह 12वीं पंचवर्षीय योजना के उसके एजेंडे में शामिल है। आयोग का मानना है कि जिन विश्वविद्यालयों में अच्छी पढ़ाई-लिखाई व शोध की संभावनाएं हैं, वे भी कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। वे कॉलेजों की संबद्धता के बोझ से दबे हैं। मसलन हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से लगभग एक हजार से भी अधिक कालेज संबद्ध हैं। जबकि बाकी अनेक विश्वविद्यालयों पर सौ से लेकर छह-सात सौ कालेजों की संबद्धता का बोझ है। यूजीसी के कार्यवाहक चेयरमैन प्रो. वेदप्रकाश के मुताबिक विश्वविद्यालयों से कालेजों की संबद्धता चरणबद्ध तरीके से खत्म की जा सकती है। उसके लिए विश्वविद्यालय बनने की कसौटी पर खरे उतरने वाले संबद्ध कॉलजों को राज्य विश्वविद्यालय में तब्दील किया जा सकता है। मसलन शिक्षकों, छात्रों, कैंपस और संसाधनों के मामले में वे एक न्यूनतम निश्चित आधार (क्रिटिकल मास) को पूरा करते हों। ऐसे कॉलेजों के रूप में यूजीसी की ओर से चिन्हित कॉलेज, स्वायत्तशासी कॉलेज, राष्ट्रीय मूल्यांकन व मान्यता परिषद (नैक) की सूची में शामिल कालेजों की समीक्षा की जा सकती है। उम्मीद है कि उनमें से लगभग 500 कॉलेज राज्य विश्वविद्यालय बनाने के मापदंडों पर खरे उतर सकते हैं। जाहिर है इससे संबद्धता देने वाले विश्वविद्यालयों का बोझ कम होगा।

ऑनलाइन पूरी होगी साइंस व विज्ञान के शिक्षकों की कमी

ऑनलाइन पूरी होगी साइंस व विज्ञान के शिक्षकों की कमी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के शिक्षकों की भारी कमी के संकट से निपटने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। शिक्षकों के चयन के साथ ही शोध को बढ़ाने के मद्देनजर उसने फैकल्टी रिचार्ज कार्यक्रम की ऑनलाइन शुरुआत की है। जिसमें पूरे साल शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया जारी रहेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को यहां यूजीसी के इस कार्यक्रम के लिए वेब पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी में शिक्षकों की कमी का भारी संकट है। आने वाले वर्षो में बीस हजार शिक्षकों की जरूरत होगी। आयोग की इस नई पहल से दस हजार ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है, जो सिर्फ पढ़ाएंगे ही नहीं, बल्कि शोध भी करेंगे। योजना के तहत फिलहाल शोध पर फोकस रखने वाले 200 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद शामिल हैं। वैसे तो आवेदन व चयन का यह सिलसिला सालभर चलेगा, लेकिन फिर भी सालभर में कट-ऑफ की तारीख चार बार 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर होगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र के इस समस्या से निपटने के लिए आइसीटी-मुंबई के पूर्व निदेशक प्रो. एमएम शर्मा की अगुवाई में एक उच्चाधिकार समिति बनी थी। उसी की सिफारिश पर यह पहल हुई है। बताते हैं कि इस योजना के तहत भारतीय मूल के वे विदेशी भी आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने विदेशी नागरिकता नहीं ली है। शिक्षक बनने के हर आवेदक को शोध के लिए एक प्रोजेक्ट भी दाखिल करना होगा। जिनका चयन होगा, उनके पढ़ाने के घंटे दूसरे शिक्षकों से कम होंगे। ऐसे शिक्षकों की पहचान को अलग रखने के लिए उनके पद के पहले यूजीसी शब्द जुड़ा होगा। इन शिक्षकों को अपने यहां नियुक्ति के इच्छुक विश्वविद्यालयों व प्रौद्योगिकी संस्थानों को यूजीसी के साथ एक सहमति पत्र पर दस्तखत करने होंगे। जबकि चयनित शिक्षकों को अपनी नियुक्ति के पसंदीदा स्थान व संस्थान की छूट होगी।

Haryana RTE notification jaari

यहां स्टूडेंट के साथ सेक्स करना अपराध नहीं

लंदन. अगर किसी टीचर ने अपने 16 या 17 साल के स्टूडेंट के साथ सेक्स किया है तो ज़रूरी नहीं है की उसे दोषी करार दिया जाए.



कुइंसलैंड का कानून कहता है कि जब तक यह बात साबित न हो जाए कि सम्बन्ध बनाने के दौरान कोई जोर-जबरदस्ती की गई थी तब तक किसी टीचर को सिर्फ इस आधार पर दोषी नहीं कहा जा सकता है कि उसने अपने स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये हैं.



गौरतलब है कि विक्टोरियन कानून के मुताबिक कोई भी टीचर अगर अपने अधीन किसी स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाती या बनाता है तो वह दोषी होगा भले ही यह सम्बन्ध सहमति से ही क्यूँ न बनाया गया हो.



दरअसल, स्टीफेन पीटर मोरो को विक्टोरियन कानून के आधार पर अपने एक स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने के आरोप में दोषी करा दिया गया था जबकि, उनके वकीलों का कहना है कि टीचर के तौर पर उनका नामांकन कुइंसलैंड में है. इसलिए उनके ऊपर मुकदमा भी कुइंसलैंड कानून के मुताबिक ही चलना चाहिए.

नवोदय विद्यालय की परीक्षा 10 जुलाई को

करनाल

जवाहर नवोदय विद्यालय सग्गा में छठी कक्षा की प्रवेश परीक्षा 10 जुलाई को होगी। शिक्षा का अधिकार कानून के कारण यह परीक्षा छह फरवरी 2011 को नहीं हो सकी थी। लेकिन अब जवाहर नवोदय विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया गया है।

जवाहर नवोदय विद्यालय सग्गा की प्रिंसिपल अमर कौर सांगवान ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक अप्रैल 2011 से लागू हुआ था। इस अधिनियम के तहत कोई भी विद्यालय प्रवेश परीक्षा नहीं ले सकता। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार अब इन स्कूलों को आरटीई के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इसलिए प्रवेश परीक्षा की तारीख 10 जुलाई तय की गई है। सभी परीक्षार्थी एवं अभिभावकों से आग्रह है कि वे प्रवेश परीक्षा रोल नंबर अपने ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से 20 जून के बाद किसी भी कार्य दिवस में प्राप्त कर सकते हैं। जेएनवी सग्गा में छठी कक्षा में 80 सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा होनी है, जिसका आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाएगा।

गेस्ट टीचरों को नियुक्ति नहीं दी तो अधिकारी को देना होगा वेतन

गेस्ट टीचरों पर सरकार एक बार फिर से मेहरबान हो गई है। सरकार ने तय किया है कि स्थाई अध्यापकों की नियुक्ति से प्रभावित हुए गेस्ट टीचरों को 15 दिन के भीतर संबंधित जिले में ही एडजेस्ट करना होगा।

इस अवधि के दौरान यदि शिक्षा अधिकारी ऐसा नहीं कर पाते तो गेस्ट टीचरों को वेतन उन्हें देना होगा। इस संदर्भ में विभाग के निदेशक ने चार जून को सभी डीईओ को पत्र लिखकर नए आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्थाई अध्यापक की नियुक्ति से जहां भी गेस्ट टीचर प्रभावित हुए हैं, उन्हें जिले में रिक्त पद पर नियुक्ति 15 दिन में दी जाए।

गेस्ट टीचरों को हो रहा था नुकसान : स्थाई शिक्षक की नियुक्ति होने से उन्हें आर्थिक हानि हो रही है, क्योंकि कई स्कूलों में हटाए गए गेस्ट टीचरों को लंबे अर्से तक दूसरे स्कूल में नौकरी पर नहीं रखा गया।

लेकिन सुलझी नहीं पहेली : अधिकारियों ने निर्देश तो जारी कर दिए, लेकिन गेस्ट टीचरों के लिए स्थिति साफ अभी भी नहीं हो सकी है। क्योंकि पत्र में न तो यह कहा गया है यह फैसला कब से लागू होना है, और न ही यह गेस्ट टीचरों को नियुक्ति देने के बारे में कोई स्पष्ट गाइडलाइन दी गई है।

ऐसे में जब किसी गेस्ट टीचर के पद पर नियमित अध्यापक की नियुक्ति होती है अथवा कोई नियमित शिक्षक तबादला करवाकर आ जाता है तथा गेस्ट टीचर को हटाने के बाद अगर जिले में उसके विषय संबंधित पद खाली ना हुआ तो क्या कदम उठाए जाएंगे।

सरकार ने शिक्षा से पल्ला झाड़|

हिसार, जागरण टीम : प्रदेश में एक तरह से सरकार ने शिक्षा से पल्ला झाड़ लिया है। अधिकतर शिक्षण संस्थान संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। अतिथि अध्यापकों के सहारे पढ़ाई कराई जा रही है। इससे गुणवत्तापरक शिक्षा के बारे में सोचना ही बेमानी है। असल में सरकार को शिक्षा से कोई आमदनी नहीं होती है, इसलिए इस क्षेत्र में कम ही रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका फायदा निजी संस्थान उठा रहे हैं।

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तीस तक जमा होंगे डीएड फॉर्म

रेवाड़ी में डीएड/डीएड उर्दू में डीएड के लिए दाखिलों की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। हुसैनपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्राचार्य सतबीर सिंह ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र 2011-13 के लिए 16 जून से संस्थान से प्रवेश फॉर्म बिकने आरंभ हो जाएंगे और 30 जून तक एससीईआरटी गुडग़ांव में फॉर्म जमा कराए जा सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभ्यर्थी

को केवल संस्थान से ही फॉर्म खरीदने होंगे।

बाजार या अन्य स्थानों से खरीदे गए फॉर्म मान्य नहीं होंगे। संस्थान द्वारा जारी फॉर्म के क्रमांक संख्या के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी होगी। 12वीं कक्षा के परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सामान्य वर्ग के लिए प्रोस्पेक्टस तीन सौ रुपए और आरक्षित वर्ग के के लिए 75 रुपए निर्धारित किए गए हैं।

उन्होंने आवेदकों से अपने फॉर्म की फोटो कॉपी अपने पास रखने का सुझाव दिया, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर उसका समाधान किया जा सके।

कहां कहां हैं स्कूल, सैटेलाइट मैपिंग से जानेंगे

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत शिक्षा विभाग द्वारा जिले भर में स्कूलों की पहचान की जाएगी। इसके लिए विभाग की तरफ से हरियाणा अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (हरसैक) की सहायता से मैपिंग कराई जाएगी। इससे स्कूल से स्कूल की दूरी को मापा जाएगा। यह परियोजना जून माह में पूरी कर ली जाएगी।

आरटीई में दिए गए प्रावधानों के अनुसार प्राथमिक स्कूलों के बीच एक किलोमीटर, माध्यमिक स्कूलों के बीच दो किलोमीटर और उच्च माध्यमिक स्कूलों के बीच अधिकतम तीन किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है। हालांकि विभागीय सर्वेक्षण में इन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन फिर भी कई ऐसी बस्तियां और शहरी क्षेत्र हैं जहां पर निर्धारित शर्तो के अनुसार स्कूल नहीं है।

इसलिए विभाग ने फैसला लिया है कि इन क्षेत्रों में स्कूलों के बीच की दूरी हरसैक की सहायता से मापी जाए ताकि मापदंडों के अनुरूप नए स्कूल खोले जा सकें। जिला शिक्षा अधिकारी मित्रसेन मल्होत्रा बताते हैं कि इसके लिए जिला स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस माह के अंत तक सभी पड़ोसी स्कूलों की पहचान कर ली जाएगी। विभाग के इस अभियान में हरसैक की सहायता ली जा रही है।

शिक्षा का अधिकार
> पता चलेगा, स्कूलों के बीच की दूरी निर्धारित मानक के अनुसार है या नहीं
> मैपिंग के लिए हरियाणा अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र की ली जाएगी मदद
> प्राथमिक स्कूल एक किमी, माध्यमिक दो और उच्च माध्यमिक तीन किमी दूर होने चाहिए

भोपाल में बनेगा हिंदी विश्वविद्यालय

नई दिल्ली/भोपाल. प्रदेश सरकार भोपाल में हिंदी विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने केंद्र द्वारा बुलाए गए राज्य के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में यह घोषणा की|केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में शर्मा ने भास्कर को कहा कि प्रथम चरण में इस विवि में सात संकायों के तहत 13 विभाग खोले जाएंगे और दूसरे चरण में इसका विस्तार किया जाएगा।

बेसिक नहीं, अब मिलेगा पूरा वेतन

चंडीगढ़। नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को अब सिर्फ बेसिक पे से ही काम नहीं चलाना होगा बल्कि उन्हें सभी भत्तों सहित पूरा वेतन दिया जाएगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब सिविल सर्विसेस रूल्स (संशोधन )2011 को वापस लेने का फैसला किया है।

चूंकि एक्ट पारित होने के बाद से ही राज्यभर में इसका भारी विरोध हो रहा था इसलिए मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम मौके पर इसे वापस लेने का फैसला किया गया। इस एक्ट के अधीन नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को तीन साल केवल बेसिक पे पर ही रखा जाना था। इस लिए कोई भी डॉक्टर या इंजीनियर इस पद पर काम करने के लिए तैयार नहीं था। मुख्य सचिव एससी अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही ऑर्डिनेंस जारी किया जाएगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने पंचायती राज एक्ट 1994 में संशोधन को भी वापस ले लिया।

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अध्यापक योग्यता टेस्ट -बेरोजगारों पर लाठीचार्ज

मोगा,8 जून (निस)। स्थानीय नेहरू पार्क में बेरोजगार अध्यापक जत्थेबंदियों की ओर से अध्यापक योग्यता टेस्ट तथा पांच जून को लंबी में बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में बैठक की गई।
इसमें बेरोजगार ईटीटी फ्रंट, बीएड फ्रंट, पीटीआई फ्रंट, आर्ट एंड क्राफ्ट फ्रंट, डीपीएड तथा सिलाई कढाई अध्यापक, बेरोजगार जत्थेबंदियां शामिल हुई। इनकी समर्थन में डीटीएफ, भारतीय किसान यूनियन, नौजवान सभा, खेत मजदूर यूनियन के सदस्य शामिल हुए। इस दौरान अध्यापक फ्रंट ने सरकार की अर्थी फूंक प्रदर्शन किया।
जिला कन्वीनर नामदेव सिंघावाला व राजेश खुल्लर, महासचिव संदीप सैदोके ने कहा कि पंजाब सरकार टेस्ट की तारीख बढ़ाकर तथा टेस्ट दो पक्ष में अखबारों द्वारा बेरोजगारों तथा उनके अभिभावकों को मानसिक तौर पर टेस्ट के लिए तैयार कर रही है। परंतु समूह बेरोजगारों व सहयोगी जत्थेबंदियों का उस समय तक विरोध जारी रहेगा। जब तक यह टेस्ट रद्द नहीं किया जाता।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ

कोलकाता, 8 जून (भाषा)।  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज कहा कि अब कर्मचारियों को एक जुलाई से उनके खाते की आन.लाइन जानकारी मिलेगी। भविष्य निधि के उपायुक्त कंचन रॉय ने बंगाल नेशनल चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, ‘एक जुलाई से आप अपने खातों में जमा राशि की आन.लाइन जानकारी ले सकेंगे।’ उन्होंने बताया कि इस सुविधा से देश के पांच करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। ईपीएफओ ने विशेष पहचान संख्या (आधार संख्या) को ही भविष्य निधि खाता नंबर बनाने की योजना भी बनाई है

मास्टरों, लेक्चररों, हैडमास्टरों और प्रिंसिपलों को कन्फर्म करे-हाईकोर्ट

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 जून। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज हरियाणा सरकार को निर्देश दिये हैं कि वह उन मास्टरों, लेक्चररों, हैडमास्टरों और प्रिंसिपलों को कन्फर्म करने की प्रक्रिया पूरी करे जिन्होंने दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा कर लिया है।
रमेश मलिक और नरेन्द्र कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ये निर्देश जारी किये। खंडपीठ ने यह निर्देश जनहित में दायर इन दोनों याचिकाओं पर देते हुए कहा कि उन टीचर्स, लेक्चरर्स, हैडमास्टरों व प्रिंसिपलों को पक्का किया जाये जिन्होंने अपना प्रोबेशन पीरियड काफी पहले पूरा कर लिया है। दोनों याचिकाकर्ताओं ने भी स्वयं को कन्फर्म किये जाने की मांग की थी और कहा था कि उनका भी वैसा ही मामला और आधार है जैसा कि वर्तमान में कई लोगों ने जनहित याचिकाएं डाल रखी हैं। खंडपीठ ने कहा कि हालांकि इन दोनों याचिकाकर्ताओं का अपना हित स्पष्टï तौर पर है क्योंकि वे खुद के लिए भी चिंतित हैं मगर इनका व्यक्तिगत हित इस तरह के निर्णयों के आड़े नहीं आना चाहिए। हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक कार्यालय की ओर से सहायक निदेशक द्वारा दिये गये जवाब का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने कहा कि 10 फरवरी के एक आदेश के तहत 373 प्रिंसिपलों को कन्फर्म किया गया और 24 जनवरी के एक अन्य आदेश के तहत 511 हैडमास्टरों को भी कन्फर्म किया गया है। 21 अप्रैल, 2009 के एक आदेश में 6410 लेक्चररों को कन्फर्म करने के आर्डर जारी किये गये थे और मास्टरों व सी एंड वी टीचर्स को भी कन्फर्म करने के लिए विभाग शीघ्र ही आदेश जारी कर देगा। खंडपीठ ने राज्य के इस रुख को देखते हुए दोनों याचिकाओं का निपटारा करते हुए निर्देश दिये कि उचित वेरीफिकेशन के बाद कन्फर्मेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाये।

स्टेट परीक्षा अगले महीने

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती की जा रही है। अगले महीने राज्य में शिक्षक योग्यता परीक्षा आयोजित होगी। विद्यार्थियों के लिए आइडी नंबर जारी करने का भी उन्होंने सुझाव सरकार को दिया है। गीता भुक्कल बुधवार को नई दिल्ली में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रदेश में शिक्षकों को आईडी नंबर दिया गया है, उसी तरह विद्यार्थियों को भी आईडी नंबर दिए जाने से बहुत सुविधा होगी। यदि विद्यार्थी एक स्कूल से दूसरे स्कू ल में जाते हैं तो इससे उनके शिक्षा के स्तर और अन्य जानकारी को फिर से एकत्र करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गीता भुक्कल ने कहा कि राज्य में विज्ञान स्कूल, खेल स्कूल और किसान मॉडल स्कूल की पहल की गई है। शिक्षा के अधिकार कानून को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किए जाने को लेकर मंत्री ने अधिक धन उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया है। गीता भुक्कल ने सम्मेलन में बताया कि प्रदेश में औसतन हर डेढ़ किलोमीटर पर एक हाई स्कूल और 2.28 मिलोमीटर पर एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल है। दुर्गम और पिछड़े इलाकों में ढांचागत सुविधाओं की कमी का पता लगाने के लिए जीपीएस प्रणाली से नक्शे तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की तरह शिक्षा का अधिकार कानून बेहतर ढंग से लागू करने वाले राज्यों के लिए पुरस्कार योजना शुरू की जानी चाहिए। शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं तक विस्तार करने के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि हम अपने स्कूलों में पहले से ही व्यावसायिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। स्टेनोग्राफी, अकाउंटेंसी और कंप्यूटर तकनीक वाले विषयों में 158 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है, जिसके लिए 274 व्यावसायिक शिक्षक हैं। सरकार ने व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए 9000 व्यावसायिक शिक्षकों को नियुक्त करने के संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा हुआ है, जिसकी अभी स्वीकृति नहीं मिली है। स्कूल शिक्षा में सरकार-निजी क्षेत्र भागीदारी की योजना का स्वागत करते हुए शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र से भागीदार के चुनाव में सरकार की भी उचित भूमिका होनी चाहिए। साक्षर भारत योजना का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को करनाल जिले में लागू करने के लिए कदम उठाए गए हैं। अब इसे चार और जिलों जींद, फतेहाबाद, हिसार और कैथल में भी लागू किया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शिक्षा के विस्तार की आवश्यकता के लिए आधुनिक तकनीक अपनाए जाने पर जोर दिया और कहा कि भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में ई-शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

किसी काम में ढील नहीं बरत सकेंगे कर्मचारी

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : जरूरी कामों के लिए लोगों को अब कई-कई माह तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने आम लोगों की जरूरत से जुड़ी हुई 15 प्रमुख सेवाओं को चिह्नित करते हुए उनका समयबद्ध निष्पादन जरूरी कर दिया है। प्रदेश में अब नया राशनकार्ड 15 दिन के भीतर बन जाएगा। जाति प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए लोगों को अधिकतम सात दिन इंतजार करना होगा। लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस पांच दिन के भीतर बनेगा तो बिजली कनेक्शन एक माह के अंदर मिल सकेगा। पानी व सीवरेज का कनेक्शन अब हर हाल में 12 दिन में मिलेगा। जमीन की रजिस्ट्री हाथोंहाथ मिलेगी। जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तीन दिन का समय तय किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को इन जरूरी सेवाओं के निष्पादन की समय अवधि तय की। साथ ही उन्होंने निर्धारित समयावधि में लोगों के काम नहीं होने की स्थिति में अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 15 चयनित सेवाओं के समयबद्ध सेवा निष्पादन के लिए 21 जून को योजना क्रियान्वित की जाएगी। उपायुक्त नियमित आधार पर इन सेवाओं की मानीटरिंग करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि नए राशनकार्ड 15 दिनों के भीतर जारी कर दिए जाएंगे। परिवार के सदस्यों के नाम शामिल करने एवं हटाने, सरेंडर प्रमाण पत्र तथा राशनकार्ड की प्रतिलिपि की रसीद प्राप्त करने पर राशन कार्ड जारी करने का कार्य सात दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। एक ही अधिकार क्षेत्र में पते को बदलने तथा एफपीएस में बदलाव के साथ पते में बदलाव का कार्य तीन दिन के भीतर होगा। सरेंडर प्रमाण पत्र उसी दिन जारी किए जाएंगे। यह सेवाएं खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षक द्वारा निष्पादित की जाएंगी। इन सेवाओं से संबंधित शिकायतों का निपटान जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार एससी/एसटी/ओबीसी प्रमाणपत्र तथा निवासी या अधिवासी प्रमाणपत्र तहसीलदार द्वारा सात कार्य दिवसों के भीतर जारी कर दिए जाएंगे। ये प्रमाणपत्र जारी न करने संबंधी शिकायतों का निपटारा एसडीएम द्वारा किया जाएगा। एसडीएम द्वारा लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस पांच कार्य दिवसों के भीतर और स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस तथा हलके वाहनों का पंजीकरण पत्र सात कार्य दिवसों के भीतर जारी करना होगा। इन सेवाओं से संबंधित शिकायतें अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा निपटाई जाएंगी। मुख्यमंत्री हुड्डा ने बताया कि नए बिजली कनेक्शन, अस्थाई बिजली कनेक्शन जारी करने तथा बिजली लोड को बढ़ाने के कार्य उपमण्डल अधिकारी (डिसकोम) द्वारा 30 कार्य दिवसों के भीतर किया जाएगा। इन सेवाओं का निष्पादन न करने संबंधी शिकायतों का निपटान कार्यकारी अभियंता (डिसकोम) द्वारा किया जाएगा। भूमि के इंतकाल (म्यूटेशन) की स्वीकृति तथा लैंड रिकार्ड की प्रतियां तहसीलदार द्वारा पांच कार्य दिवसों के भीतर उपलब्ध करवाई जाएंगी। इनसे संबंधित शिकायतों का निपटान एसडीएम द्वारा किया जाएगा। पानी एवं सीवरेज के नए कनेक्शन एसडीओ (जन स्वास्थ्य) द्वारा 12 कार्य दिवसों के भीतर जारी किए जाएंगे। यहां की शिकायतों का निपटान कार्यकारी अभियंता (जन स्वास्थ्य) द्वारा किया जाएगा। संपदा अधिकारी (एमसी) (शहरी)/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (प्रभारी ग्रामीण) द्वारा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र तीन कार्य दिवसों के भीतर जारी किए जाएंगे। इन सेवाओं का निष्पादन न करने संबंधी शिकायतों का निपटान अतिरिक्त उपायुक्त एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी करेंगे। संपदा अधिकारी (एमसी)/ हुडा द्वारा भवन योजना (नक्शे) को 25 कार्य दिवसों के भीतर अनुमोदित किया जाएगा। इस अवधि में काम नहीं होने की शिकायतों का निपटान अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा किया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि ये सेवाएं प्रदान करने के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों तथा अन्य शर्तो की सूची अंग्रेजी, हिंदी एवं पंजाबी में तैयार की जाएगी। संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों में विशिष्ट अधिकारियों या कर्मचारियों को स्वयं जांच या मूल्यांकित किए आवेदन को प्राप्त करने के लिए पदनामित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित समयावधि में सेवा निष्पादन किया जाना सुनिश्चित करने के लिए परिवीक्षण सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा। इन दिशानिर्देशों का क्रियान्वयन 21 जुलाई से शुरू हो जाएगा।

(12वीं) की सेमेस्टर परीक्षाओं का परिणाम

भिवानी, मुख्य संवाददाता : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की सीनियर सेकेंडरी (12वीं) की सेमेस्टर परीक्षाओं का परिणाम इस बार 72.85 फीसद रहा है। स्वयंपाठी (प्राइवेट) परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम 71.47 फीसद रहा। परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित होंगे। परीक्षा में छात्राओं का फिर दबदबा रहा। मिडिल परीक्षा के अंतिम अवसर के परीक्षार्थियों के नतीजे भी बृहस्पतिवार को घोषित होंगे। 12वीं की परीक्षा में 2,65,411 परीक्षार्थी शामिल हुए, जिनमें से 1,93,348 उत्तीर्ण हुए। इस परीक्षा में 1,47,447 छात्र बैठे थे, जिनमें 96,557 पास हुए। इनका पास प्रतिशत 65.49 रहा। 1,17,964 छात्राओं में से 96,791 पास हुईं। पास प्रतिशतता 82.05 रही। राजकीय विद्यालयों के 1,50,269 परीक्षार्थियों में से 1,07,135 पास हुए। पास प्रतिशतता 71.30 रही। प्राइवेट विद्यालयों के 1,15,142 में से 86,213 पास हुए। पास प्रतिशतता 74.88 रही है। शहरी क्षेत्रों के 67.67 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के 75.87 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

छात्रों के लिए आ गया " 2200 का लैपटॉप

 
 
नई दिल्ली, राजकेश्वर सिंह : विद्यार्थियों के लिए सबसे सस्ते लैपटॉप का इंतजार खत्म। लगभग ढाई साल की सरकारी कोशिशों के बाद उसकी पहली खेप इसी महीने आने जा रही है। अभी कीमत होगी महज 2200 रुपये। आगे चलकर और भी कम हो जाएगी। सरकार इसे उच्च शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देख रही है। उच्च शिक्षा के छात्रों की पढ़ाई-लिखाई के लिए अपने तरीके के इस बिल्कुल अलग लैपटॉप को अपने देश के इंजीनियरों के डिजाइन पर कनाडा से बनवाया गया है। बाद में यह देश में ही बनेगा। फिलहाल एक लाख लैपटॉप के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। उसका पूरा भुगतान मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा। तीन-चार महीने के भीतर ये लैपटॉप आ जाएंगे। फील्ड ट्रायल के लिए हर राज्य सरकार को 3000 लैपटॉप मुफ्त में दिए जाएंगे। राज्यों के जरिए ही यह उच्च शिक्षा के छात्रों तक प्रायोगिक तौर पर पहंुचेंगे। राज्य सरकार इन्हें किन छात्रों के हाथ पहंुचाती है, यह अधिकार उसका होगा। लैपटॉप में छात्रों को कोई खामी दिखती है, तो उसे दूर किया जाएगा। लैपटॉप की पहली खेप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) राजस्थान के पास इसी महीने पहंुच रही है। उसके लिए दस हजार लैपटॉप के ऑर्डर दिए गए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उसके लिए धन भी मुहैया करा दिया है। चूंकि अभी सिर्फ एक लाख लैपटॉप के आर्डर दिए गए हैं। एक लैपटॉप की कीमत 2200 रुपये आ रही है। आगे जब ऑर्डर बढ़ेंगे तो यह लगभग 1500 रुपये तक आ सकती है।

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